अम्ल, क्षारक और लवण
क्रिस्टलन का जल
लवण के एक सूत्र इकाई में जल के निश्चित अणुओं की संख्या को क्रिस्टलन का जल कहते हैं। वाशिंग सोडा के एक सूत्र इकाई में जल के 10 अणु होते हैं। इसलिये वाशिंग सोडा में क्रिस्टलन के जल की संख्या 10 है। इसी तरह से कॉपर सल्फेट के क्रिस्टल में एक सूत्र इकाई में जल के 5 अणु होते हैं। क्रिस्टलन जल की उपस्थिति के कारण किसी लवण के क्रिस्टल का एक खास रंग होता है। जैसे कॉपर सल्फेट का रंग नीला होता है। जब कॉपर सल्फेट को गर्म किया जाता है तो क्रिस्टलन के जल के निकल जाने के कारण कॉपर सल्फेट का रंग ग्रे हो जाता है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस:
जिप्सम (CaSO4.2H2O) एक लवण है जिसमें क्रिस्टलन के जल की संख्या 2 है। जब जिप्सम को 373 K पर गर्म किया जाता है तो कैल्सियम सल्फेट हेमी-हाइड्रेट बनता है, जिसे साधारण भाषा में प्लास्टर ऑफ पेरिस कहते हैं।
जब प्लास्टर ऑफ पेरिस में जल मिलाया जाता है तो यह मिश्रण सूखने पर कड़ा हो जाता है। ऐसा जिप्सम के बनने के कारण होता है।
प्लास्टर ऑफ पेरिस के उपयोग
- टूटी हड्डियों को जोड़ने के लिये प्लास्टर कास्ट बनाने में।
- मूर्ती, कलात्मक वस्तुएँ, आदि बनाने में।
सारांश:
- जो पदार्थ स्वाद में खट्टे होते हैं और नीले लिटमस को लाल कर देते हैं उन्हें अम्ल कहते हैं।
- जो पदार्थ स्वाद में कड़वे होते हैं, छूने पर साबुन जैसे लगते हैं और लाल लिटमस को नीला कर देते हैं उन्हें क्षारक कहते हैं।
- जो पदार्थ अम्ल या क्षारक की उपस्थिति में अपने रंग में बदलाव दिखाते हैं उन्हें एसिड बेस इंडिकेटर कहते हैं।
- जब एक अम्ल किसी मेटल के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण और हाइड्रोजन गैस का निर्माण होता है।
- जब एक अम्ल किसी मेतल कार्बोनेट या मेटल हाइड्रोजन कार्बोनेट के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण, कार्बन डाइऑक्साइड और जल का निर्माण होता है।
- जब एक अम्ल किसी क्षारक के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण और जल का निर्माण होता है।
- जब एक मेटलिक ऑक्साइड किसी अम्ल के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण और जल का निर्माण होता है।
- जब एक नॉन-मेटलिक ऑक्साइड किसी क्षारक के साथ अभिक्रिया करता है तो लवण और जल का निर्माण होता है।
- अम्लीय या क्षारीय विलयन की प्रबलता को pH स्केल पर दिखाया जा सकता है।
- मानव शरीर 7.0 से 7.8 की pH रेंज में काम करता है। ज्यादातर सजीवों का शरीर भी इसी pH रेंज में काम करता है।
- साधारण नमक का इस्तेमाल कई महत्वपूर्ण रसायन बनाने में कच्चे माल के रूप में होता है; जैसे कि ब्लीचिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, कॉस्टिक सोडा, आदि।