अम्ल, क्षारक और लवण
लवण
लवण परिवार
अपने खास अम्लीय या क्षारीय मूलकों के आधार पर लवणों को अलग-अलग परिवारों में बाँटा जा सकता है। उदाहरण के लिये हाइड्रोक्लोरिक एसिड से बनने वाले सभी लवणों को लवण के क्लोराइड परिवार का सदस्य माना जाता है। इसी तरह से सोडियम के लवणों को सोडियम परिवार का माना जाता है। लवण परिवार के कुछ अन्य उदाहरण हैं; कार्बोनेट, सल्फेट, नाइट्रेट, आदि।
लवण का pH
लवणों का निर्माण उदासीनीकरण द्वारा होता है। जब किसी लवण का निर्माण एक प्रबल अम्ल और एक प्रबल क्षारक के बीच अभिक्रिया द्वारा होता है तो इसे उदासीन लवण कहते हैं। उदासीन लवण का pH 7 होता है। एक प्रबल अम्ल और एक दुर्बल क्षारक के बीच की अभिक्रिया के कारण बनने वाले लवण को अम्लीय लवण कहते हैं। एक दुर्बल अम्ल और एक प्रबल क्षारक के बीच की अभिक्रिया के कारण बनने वाले लवण को क्षारीय लवण कहते हैं।
साधारण नमक से बनने वाले रसायन
साधारण नमक का रासायनिक नाम सोडियम क्लोराइड है। इसका निर्माण सोडियम हाइड्रॉक्साइड और हाइड्रोक्लोरिक एसिड के बीच अभिक्रिया द्वारा होता है। साधारण नमक को समुद्र के पानी से तैयार किया जाता है। इसके लिये समुद्र के पानी को उथले गड्ढ़ों में जमा किया जाता है और फिर उसे वाष्पीकृत होने दिया जाता है। जब सारा पानी भाप बनकर उड़ जाता है तो गड्ढ़े में नमक रह जाता है। इस नमक में कई अशुद्धियाँ होती हैं। उन अशुद्धियों को दूर करने के लिये नमक को कारखाने में भेजा जाता है।
साधारण नमक का इस्तेमाल कच्चे माल के तौर पर कई महत्वपूर्ण रसायन बनाने में होता है; जैसे कि ब्लीचिंग पाउडर, बेकिंग सोडा, कॉस्टिक सोडा, आदि।
सोडियम हाइड्रॉक्साइड:
इसे लाई और कॉस्टिक सोडा भी कहते हैं। साधारण नमक को क्लोर-अल्काली प्रक्रिया से गुजारा जाता है जिससे सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनता है। इस प्रक्रिया में क्लोरीन और एक अल्काली (NaOH) का निर्माण होता है इसलिये इस प्रक्रिया को क्लोर-अल्काली या क्लोर-क्षार प्रक्रिया कहते हैं। इस प्रक्रिया में साधारण नमक के जलीय विलयन में विद्युत प्रवाहित की जाती है। साधारण नमक के जलीय विलयन को ब्राइन कहते हैं। इस प्रक्रिया में सोडियम क्लोराइड का वियोजन होता है जिससे सोडियम हाइड्रॉक्साइड बनता है।
2NaCl(aq) + 2H2O(l) ⇨ 2NaOH(aq) + Cl2(g) + H2(g)
इस प्रक्रिया में एनोड पर क्लोरीन गैस निकलती है और कैथोड पर हाइड्रोजन गैस निकलती है। सोडियम हाइड्रॉक्साइड का निर्माण भी कैथोड के निकट होता है। इस प्रक्रिया से बनने वाले सभी पदार्थों का इस्तेमाल कई उपयोगी उत्पादों को बनाने में किया जाता है। क्लोर-अल्काली प्रक्रिया के उत्पादों के कुछ उपयोग निम्नलिखित हैं:
- हाइड्रोजन:इसका इस्तेमाल ईंधन के रूप में, मार्गरीन बनाने में तथा उर्वरक के लिये अमोनिया बनाने में होता है।
- क्लोरीन:इसका इस्तेमाल जल के परिष्करण, स्विमिंग पूल में, और PVC, कीटनाशक और रोगाणुनाशक बनाने में होता है।
- सोडियम हाइड्रॉक्साइड:इसका इस्तेमाल धातु से ग्रीज हटाने में, तथा साबुन, डिटर्जेंट, कागज और कृत्रिम रेशे बनाने में होता है।
ब्लीचिंग पाउडर:
जब शुष्क बुझे चूने और क्लोरीन के बीच अभिक्रिया होती है तो ब्लीचिंग पाउडर का निर्माण होता है। ब्लीचिंग पाउडर का वास्तविक फार्मूला काफी जटिल होता है लेकिन अक्सर इसे CaOCl2 से दर्शाया जाता है।
Ca(OH)2 + Cl2 ⇨ CaOCl2 + H2O
ब्लीचिंग पाउडर के उपयोग:
- कॉटन और लिनेन के वस्त्रों की ब्लीचिंग के लिये, लकड़ी की लुगदी (कागज बनाने में) की ब्लीचिंग के लिये, धोते समय वस्त्रों की ब्लीचिंग के लिये।
- कई रसायन उद्योग में ऑक्सीडाइजिंग एजेंट के रूप में।
- जल के शुद्धिकरण में रोगाणुनाशक के रूप में।
बेकिंग सोडा:
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का साधारण नाम बेकिंग सोडा है। जब सोडियम क्लोराइड अमोनिया और कार्बन डाइऑक्साइड के साथ अभिक्रिया करता है तो सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट का निर्माण होता है।
NaCl + H2O + CO2 + NH3 → NH4Cl + NaHCO3
बेकिंग सोडा का इस्तेमाल कई व्यंजन बनाने में होता है। इसके इस्तेमाल से खास्ता पकौड़ी और पैनकेक बनता है। जब खाना पकाने के दौरान सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट गर्म किया जाता है तो उससे सोडियम कार्बोनेट और कार्बन डाइऑक्साइड का निर्माण होता है। कार्बन डाइऑक्साइड से बुलबुले बनते हैं जिससे पैनकेक किसी स्पंज की तरह फूला हुआ बन जाता है।
सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट के उपयोग:
- बेकिंग पाउडर बनाने में। बेकिंग सोडा में कोई मंद खाद्य अम्ल (जैसे टारटरिक एसिड) मिलाने से बेकिंग पाउडर बनता है। खाद्य अम्ल डालने से बेकिंग पाउडर को गर्म करने से सोडियम कार्बोनेट नहीं बनता है। इससे व्यंजन का स्वाद अच्छा हो जाता है।
NaHCO3 + H+ ⇨ CO2 + H2O + sodium salt of acid - एंटासिड के घटक के रूप में।
- सोडा एसिड अग्निशामक में।
धोने का सोडा:
धोवन सोडा का रासायनिक फॉर्मूला Na2CO3.10H2O है। सोडियम हाइड्रोजन कार्बोनेट को गर्म करने से सोडियम कार्बोनेट बनता है। वाशिंग सोडा बनाने के लिये सोडियम कार्बोनेट को क्रिस्टलाइज किया जाता है।
Na2CO3 + 10H2O ⇨ Na2CO3.10H2O
वाशिंग सोडा के उपयोग
- घरों में साफ सफाई के लिये।
- जल से स्थाई कठोरता हटाने के लिये।
- काँच, साबुन और कागज उद्योग में।
- सोडियम के कंपाउंड (जैसे बोरैक्स) बनाने में।