इलेक्ट्रिक करेंट का मैग्नेटिक इफेक्ट
NCERT अभ्यास प्रश्न
प्रश्न: 1 एक लंबे और सीधे तार के निकट के मैग्नेटिक फील्ड के बारे में इनमें से कौन सा कथन सही है?
- मैग्नेटिक फील्ड तार के लम्बवत समानांतर लाइन के रूप में होती है।
- मैग्नेटिक फील्ड तार के समानांतर होती है।
- मैग्नेटिक फील्ड तार से निकलने वाली रेडियल लाइन के रूप में होती है।
- मैग्नेटिक फील्ड तार के चारों ओर कॉन्सेंट्रिक लाइन के रूप में होती है।
उत्तर: (d) मैग्नेटिक फील्ड तार के चारों ओर कॉन्सेंट्रिक लाइन के रूप में होती है।
प्रश्न: 2 इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन का क्या मतलब है?
- किसी वस्तु को चार्ज करने की प्रक्रिया
- किसी क्वायल से फ्लो करने वाले करेंट के कारण मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न होने की प्रक्रिया
- एक मैग्नेट और एक क्वायल के बीच रिलेटिव मोशन के कारण क्वायल में करेंट उत्पन्न होने की प्रक्रिया
- किसी इलेक्ट्रिक मोटर के क्वायल को घुमाने की प्रक्रिया
उत्तर: (c) एक मैग्नेट और एक क्वायल के बीच रिलेटिव मोशन के कारण क्वायल में करेंट उत्पन्न होने की प्रक्रिया
प्रश्न: 3 इनमें से किस डेवाइस से इलेक्ट्रिक करेंट उत्पन्न होता है?
- जेनरेटर
- गैल्वेनोमीटर
- आमीटर
- मोटर
उत्तर: (a) जेनरेटर
प्रश्न: 4 AC जेनरेटर और DC जेनरेटर में क्या अंतर होता है?
- एसी जेनरेटर में इलेक्ट्रोमैग्नेट रहता है, जबकि डीसी जेनरेटर में परमानेंट मैग्नेट रहता है
- डीसी जेनरेटर अधिक वोल्टेज बनाता है
- एसी जेनरेटर अधिक वोल्टेज बनाता है
- एसी जेनरेटर में स्लिप रिंग रहता है, जबकि डीसी जेनरेटर में कम्युटेटर रहता है
उत्तर: (d) एसी जेनरेटर में स्लिप रिंग रहता है, जबकि डीसी जेनरेटर में कम्युटेटर रहता है
प्रश्न: 5 शॉर्ट सर्किट के दौरान सर्किट में करेंट का क्या होता है?
- यह तेजी से घटता है
- कोई बदलाव नहीं होता है
- यह तेजी से बढ़ता है
- लगातार बदलता है
उत्तर: (c) यह तेजी से बढ़ता है
प्रश्न: 6 निम्नलिखित कथन सही हैं या गलत?
- इलेक्ट्रिक मोटर मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदलता है
- इलेक्ट्रिक जेनरेटर इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है
- किसी सर्कुलर क्वायल में मैग्नेटिक फील्ड समानांतर लाइन के रूप में होती है
- डोमेस्टिक वायरिंग में हरे कवर वाला तार लाइव वायर होता है
उत्तर: (a) गलत, (b) सही, (c) सही, (d) गलत
प्रश्न: 7 मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न करने के कोई दो तरिके बताएँ।
उत्तर: मैग्नेटिक फील्ड उत्पन्न करने के कुछ तरीके नीचे दिये गये हैं:
- परमानेंट मैग्नेट से
- इलेक्ट्रोमैग्नेट से
- करेंट कैरीइंग कंडक्टर से
प्रश्न: 8 एक सोलेनॉयड कैसे एक मैग्नेट की तरह बरताव करता है? एक बार मैग्नेट की सहायता से आप किसी सोलेनॉयड के नॉर्थ और साउथ पोल का पता कैसे लगाएँगे?
उत्तर: सोलेनॉयड एक स्पेशल शेप का कंडक्टर है। जब सोलेनॉयड से करेंट पास करता है तो इसके चारों ओर मैग्नेटिक फील्ड बन जाती है। सोलेनॉयड के पोल को एक बार मैग्नेट की सहायता से पता किया जा सकता है। ऐसा करते समय हमें यह ध्यान रखना होगा कि समान पोल एक दूसरे को विकर्षित करते हैं और विपरीत पोल एक दूसरे को आकर्षित करते हैं। बार मैग्नेट और सोलेनॉयड के पोल के आपस में इंटरऐक्शन से हम आसानी से सोलेनॉयड के नॉर्थ और साउथ पोल का पता कर सकते हैं।
प्रश्न: 9 जब एक करेंट कैरीइंग कंडक्टर को मैग्नेटिक फील्ड में रखा जाता है तो कंडक्टर पर लगने वाला फोर्स सबसे अधिक कब रहता है?
उत्तर: जब मैग्नेटिक फील्ड और करेंट की दिशा आपस में राइट एंगल पर होते हैं तो कंडक्टर पर लगने वाला फोर्स सबसे अधिक होता है।
प्रश्न: 10 मान लीजिए कि आप दीवार की तरफ पीठ करके एक कमरे में बैठे हैं। इलेक्ट्रॉन की एक बीम पीछे से आगे की ओर जाती है तो एक प्रबल मैग्नेटिक फील्ड के कारण यह आपके राइट साइड में डिफ्लेक्ट हो जाती है। मैग्नेटिक फील्ड की दिशा क्या है?
उत्तर: हम जानते हैं कि करेंट की दिशा इलेक्ट्रॉन के मूवमेंट की दिशा के विपरीत होती है। इसलिये करेंट पीछे की तरफ फ्लो कर रहा है। फ्लेमिंग के लेफ्ट हैंड नियम के अनुसार इंडेक्स फिंगर द्वारा करेंट की दिशा का पता चलता है। अंगूठे से डिफ्लेक्शन की दिशा पता चलती है जो राइट की ओर है। ऐसी स्थिति में मिडल फिंगर नीचे की तरफ होगी। इसलिये मैग्नेटिक फील्ड की दिशा नीचे की तरफ है।
प्रश्न: 11 इलेक्ट्रिक मोटर का एक डायग्राम बनाएँ। इसके सिद्धांत और काम करने की विधि बताएँ। इलेक्ट्रिक मोटर में स्प्लिट रिंग की क्या भूमिका होती है?
उत्तर: इलेक्ट्रिक मोटर एक उपकरण है जो करेंट कैरीइंग कंडक्टर पर मैग्नेटिक फील्ड के इफेक्ट के सिद्धांत पर काम करता है।
इलेक्ट्रिक मोटर के काम करने की विधि:
- जब क्वायल से करेंट फ्लो करता है तो करेंट की दिशा A से B की ओर होती है; फिर यह C से D की ओर हो जाती है। फ्लेमिंग के लेफ्ट हैंड रूल के अनुसार; यह साफ है कि AB पर लगने वाले फोर्स की दिशा नीचे की ओर है। दूसरी ओर, CD पर लगने वाले फोर्स की दिशा ऊपर की ओर है। इसलिये क्वायल AB आर्म नीचे की तरफ जाता है, जबकि CD आर्म ऊपर की तरफ जाता है।
- जब क्वायल आधा चक्कर लगा लेता है तो AB और CD की पोजीशन बदल जाती है। आधे चक्कर के बाद स्प्लिट रिंग के कारण क्वायल में करेंट की दिशा भी बदल जाती है। अब करेंट की दिशा D से C की तरफ और B से A की तरफ हो जाती है। इसलिये अब CD नीचे की तरफ, और AB ऊपर की तरफ चलने लगता है। हर आधे चक्कर के बाद क्वायल में करेंट की दिशा बदल जाती है और इसलिये क्वायल एक ही दिशा में घूमता रहता है। क्वायल के साथ साथ एक्सल भी घूमता रहता है।
इलेक्ट्रिक मोटर का स्प्लिट रिंग एक कम्युटेटर की तरह काम करता है। कम्युटेटर करेंट की दिशा को बदलता है।
प्रश्न: 12 कुछ डेवाइस के नाम बताएँ जिनमें इलेक्ट्रिक मोटर रहता है।
उत्तर: सीलिंग फैन, कैसेट प्लेयर, सीडी प्लेयर, हेयर ड्रायर, वैक्युम क्लीनर, आदि।
प्रश्न: 13 कॉपर के इंसुलेटेड वायर के एक क्वायल को एक गैल्वेनोमीटर से जोड़ा गया है। क्या होगा जब एक बार मैग्नेट को (i) क्वायल के भीतर मूव किया जायेगा, (ii) क्वायल के भीतर से बाहर लाया जायेगा, (iii) क्वायल में स्थिर रखा जायेगा?
उत्तर: पहले और दूसरे केस में गैल्वेनोमीटर में डिफ्लेक्शन होगा। तीसरे केस में गैल्वेनोमीटर में कोई डिफ्लेक्शन नहीं होगा। इसका मतलब है कि पहले और दूसरे केस में क्वायल में करेंट इंड्यूस होता है जबकी तीसरे केस में ऐसा नहीं होता है।
प्रश्न: 14 दो सर्कुलर क्वायल A और B को एक दूसरे के नजदीक रखा गया है। यदि क्वायल A में करेंट में चेंज होता है तो क्वायल B में क्या होगा? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
यदि क्वायल A में करेंट में चेंज होता है तो इससे क्वायल B में करेंट इंड्यूस होता है। ऐसा पहले क्वायल के मैग्नेटिक फील्ड में आने वाले चेंज के कारण होता है।
प्रश्न: 15 इनकी दिशा पता करने के लिये नियमों को लिखें (a) एक सीधे कंडक्टर के चारों ओर का मैग्नेटिक फील्ड, (b) जब एक करेंट कैरीइंग कंडक्टर को मैग्नेटिक फील्ड में रखा जाता है तो कंडक्टर पर लगने वाला फोर्स, (c) जब एक क्वायल को एक मैग्नेटिक फील्ड में घुमाया जाता है तो क्वायल में उत्पन्न होने वाला करेंट।
उत्तर: ये नियम इस प्रकार से हैं:
- राइट हैंड थंब रूल: मान लीजिए कि आपने अपने राइट हाथ में एक सीधा कंडक्टर इस तरह से पकड़ रखा है कि आपकी अंगुलियाँ उस कंडक्टर पर लिपटी हुई हैं। यदि आपका अंगूठा इलेक्ट्रिक करेंट के डायरेक्शन में है तो अंगुलियों के लिपटने का डायरेक्शन मैग्नेटिक फील्ड लाइन का डायरेक्शन है। ऊपर से देखने पर फील्ड लाइन घड़ी की सुई की दिशा में दिखती हैं। इस नियम को मैक्सवेल का कॉर्कस्क्रू नियम भी कहते हैं। इस नियम के अनुसार यदि स्क्रू के आगे बढ़ने की दिशा इलेक्ट्रिक करेंट की दिशा है तो स्क्रू के घूमने की दिशा मैग्नेटिक फील्ड की दिशा है।
- फ्लेमिंग का लेफ्ट हैंड नियम: अपने लेफ्ट हैंड को इस तरह से रखिए कि अंगूठा, इंडेक्स फिंगर और मिडल फिंगर एक दूसरे से राइट एंगल पर हों। ऐसी स्थिति में तीनों अंगुलियाँ तीन परपेंडिकुलर प्लेन को दिखाती हैं। यदि मिडल फिंगर करेंट की दिशा को दिखाती है, और इंडेक्स फिंगर मैग्नेटिक फील्ड की दिशा को; तो कंडक्टर पर काम करने वाले फोर्स की दिशा को अंगूठा दिखाता है। इसका मतलब है कि कंडक्टर उस दिशा में डिफ्लेक्ट करेगा जिस दिशा में अंगूठा है।
- फ्लेमिंग का राइट हैंड नियम: अपने राइट हैंड को इस तरह से रखिए कि अंगूठा, इंडेक्स फिंगर और मिडल फिंगर एक दूसरे से राइट एंगल पर हों। यदि अंगूठा कंडक्टर के मूवमेंट को दिखाता है, इंडेक्स फिंगर मैग्नेटिक फील्ड की दिशा दिखाती है तो मिडल फिंगर इंड्यूस्ड करेंट की दिशा को दिखाती है।
प्रश्न: 16 इलेक्ट्रिक जेनरेटर का डायग्राम बनाएँ और उसके सिद्धांत और काम करने की विधि बताएँ। जेनरेटर में ब्रुश की क्या भूमिका होती है?
उत्तर: इलेक्ट्रिक जेनरेटर एक उपकरण है जो इलेक्ट्रोमैग्नेटिक इंडक्शन के सिद्धांत पर काम करता है। यह मैकेनिकल एनर्जी को इलेक्ट्रिकल एनर्जी में बदल देता है।
इलेक्ट्रिक जेनरेटर के काम करने की विधि:
- एक्सल को किसी मैकेनिकल विधि से घुमाया जाता है।
- मान लीजिए के क्वायल ABCD घड़ी की सुई की दिशा में घूम रहा है। जब क्वायल का AB आर्म ऊपर जाता है तो करेंट A से B की ओर फ्लो करता है। इसी समय, क्वायल का CD आर्म नीचे जाता है और करेंट C से D की ओर फ्लो करता है।
- इस तरह से करेंट B2 से B1 की तरफ फ्लो करता है।
- क्वायल के आधे चक्कर के बाद, CD ऊपर जाता है और AB नीचे जाता है। इस स्थिति में करेंट D से C की ओर और फिर B से A की ओर फ्लो करता है।
ब्रुश को गैल्वेनोमीटर से जोड़ा जाता है ताकि क्वायल में इंड्यूस होने वाले करेंट का पता चल सके।
प्रश्न: 17 शॉर्ट सर्किट कब होता है?
उत्तर: जब एक पॉजिटिव वायर किसी नेगेटिव वायर के सम्पर्क में आता है तो शॉर्ट सर्किट होता है। ऐसा इन्सुलेशन में लीक के कारण हो सकता है।
प्रश्न: 18 अर्थ वायर का क्या काम होता है? मेटल के बने उपकरण को अर्थ वायर से जोड़ना क्यों जरूरी होता है?
उत्तर: अर्थ वायर का काम होता है सर्किट में कोई लीक होने पर करेंट को पृथ्वी तक ट्रांसफर कर देना। अर्थ वायर नहीं रहने की स्थिति में लीक होने वाले करेंट से किसी व्यक्ति को नुकसान हो सकता है क्यों आदमी का शरीर फिर अर्थ वायर की तरह काम करेगा। इसलिये मेटल से बने उपकरण को अर्थ वायर से जोड़ना जरूरी होता है।