10 विज्ञान

इलेक्ट्रिक करेंट का मैग्नेटिक इफेक्ट

AC करेंट और DC करेंट

जब करेंट की दिशा बार बार बदली है तो इसे आल्टरनेटिंग करेंट या AC कहते हैं। जब करेंट की दिशा में कोई बदलाव नहीं आता है तो इसे डायरेक्ट करेंट या DC कहते हैं। एक जेनरेटर सामान्य तौर पर आल्टरनेटिंग करेंट उत्पन्न करता है। जब इसमें एक स्प्लिट रिंग कम्युटेटर लगा दिया जाता है तो जेनरेटर डायरेक्ट करेंट उत्पन्न करता है। अधिकर पावर स्टेशन में एसी करेंट बनता है। भारत में सप्लाई होने वाला एसी करेंट प्रति 1/100 सेकंड में दिशा बदलता है। इसका मतलब है कि भारत में एसी की फ्रिक्वेंसी 50 हर्ज (Hz) होती है। डीसी के मुकाबले एसी बेहतर होता है क्योंकि लम्बी दूरी तक ट्रांसमिशन में इसमें कम लॉस होता है।

डोमेस्टिक इलेक्ट्रिक सर्किट

circuit of domestic wiring
  • डोमेस्टिक सर्किट में मेन लाइन से बिजली आती है।
  • मेन लाइन से आने वाला तार पहले इलेक्ट्रिक मीटर में जाता है और फिर में स्विच तक जाता है।
  • लाल कवर वाले तार को लाइव वायर या पॉजिटिव वायर कहते हैं।
  • काले कवर वाले तार को न्यूट्रल वायर या नेगेटिव वायर कहते हैं।
  • दोनों तारों के बीच का पोटेंशियल डिफरेंस 220 V होता है।
  • हरे कवर वाले तार को अर्थ वायर कहते हैं। यह करेंट के लीक होने की स्थिति में सुरक्षा देता है।
  • सभी उपकरण और प्लग प्वाइंट पैरेलल कॉम्बिनेशन में जुड़े रहते हैं।
  • प्लग प्वाइंट और पावर आउटलेट दो रेटिंग (5 A और 15 A) के होते हैं। हेवी ड्यूटी उपकरण के लिये अधिक रेटिंग होती है और कम ड्यूटी उपकरण के लिये कम रेटिंग होती है।
  • उचित प्वाइंट पर इलेक्ट्रिक फ्यूज या MCB लगे होते हैं। ये शॉर्ट सर्किट और ओवरलोड से सुरक्षा प्रदान करते हैं।

सारांश