आनुवंशिकता और जैव विकास
विभिन्न चरणों में इवोल्यूशन
जटिल जीवों में दिखने वाले कई अंगों का विकास कई चरणों में हुआ है। कोई भी ऑर्गन अचानक से डीएनए में हुए किसी एक बदलाव से नहीं बन सकता है। किसी भी ऑर्गन का फाइनल रूप बनने के लिये यह जरूरी होता है कि अनेक पीढ़ियों तक वैरियेशन जमा होते रहें। एक ऑर्गन पहले बिलकुल प्रिमिटिव रूप में बनता है। इससे अगर कुछ फायदा मिलता है तो फिर इसका आगे इवोल्यूशन होता है।
आँखों का इवोल्यूशन: ऐसा माना जाता है कि प्लेनेरिया के फोटोसेंसिटिव स्पॉट के रूप में आँखों का सबसे पहले निर्माण हुआ होगा। इससे वातावरण के बारे में अतिरिक्त सूचना मिलने का साफ-साफ फायदा हुआ होगा। इसलिये धीरे-धीरे आगे के जीवों में आँखों का विकास हुआ होगा। मोलस्का, आर्थ्रोपोडा और वर्टिब्रेट में आँखें पाई जाती हैं। इन जीवों में आँखों के डिजाइन और जटिलता में बड़ी विविधता देखने को मिलती है। कीटों में कंपाउंड आई होती है जबकि मैमल में सिंपल आई।
पंखों का इवोल्यूशन: पंखों का विकास सबसे पहले डायनोसॉर में हुआ था; जो रेप्टाइल थे। उन जीवों में पंखों से ठंड से बचाव मिलता था। बाद में यही पंख पक्षियों के उड़ने में मददगार साबित हुए।
जंगली कैबेज का इवोल्यूशन: मनुष्य द्वारा कृत्रिम चयन के कारण जंगली कैबेज का इवोल्यूशन हुआ। पिछले 2,000 वर्षों में इस सब्जी का खेती के कारण इवोल्यूशन हुआ। किसानों ने पत्तियों के बीच कम गैप का चयन किया जिससे बंदगोभी का विकास हुआ। फूलों की वृद्धि के रुकने के कारण ब्रोकोली का विकास हुआ। स्टेराइल फ्लावर बनने के कारण फूलगोभी का विकास हुआ। फूले हुए तनों के चयन के कारण कोलराबी का विकास हुआ, और बड़ी पत्तियों के चयन के कारण काले का विकास हुआ।
इवोल्यूशन का मतलब प्रॉग्रेस?
इवोल्यूशन का मतलब तरक्की नहीं होता है। यह स्पष्ट रूप से देखने को मिलता है कि नई स्पेशीज के इवोल्यूशन के बावजूद कई पुरानी स्पेशीज आज भी सरवाइव कर रही हैं। यदि इवोल्यूशन केवल तरक्की के लिये होता तो नई स्पेशीज के आने से पुरानी स्पेशीज का सफाया हो जाता। इवोल्यूशन से केवल डिजाइन में जटिलता आती है। लेकिन जटिलता को हम तरक्की नहीं मान सकते हैं क्योंकि कई बहुत ही सरल जीव आज भी जीवित हैं। संरचना के मामले में यदि सबसे सरल कोई जीव है तो वह है बैक्टीरिया। मनुष्य को सबसे जटिल जीव माना जाता है। लेकिन बैक्टीरिया कुछ ऐसी विषम परिस्थितियों में भी पाये जाते हैं जहाँ जिंदा रहने के बारे में मनुष्य सोच भी नहीं सकता। इसलिये हम दावे के साथ ये नहीं कह सकते कि बैक्टीरिया की तुलना में मनुष्य अधिक विकसित हैं।
मनुष्य का इवोल्यूशन
आधुनिक मानव के इवोल्यूशन की सबसे मान्य थ्योरी है ‘आउट ऑफ एफ्रिका थ्योरी’। इस सिद्धांत के अनुसार, आधुनिक मानव (होमो सैपियेंस) का विकास लगभग 200,000 से 60,000 वर्ष पहले हुआ। उनका उदय सबसे पहले अफ्रिकी महाद्वीप में हुआ।
- लगभग 100,000 वर्ष पहले उत्तरी अफ्रिका से आधुनिक मानव का माइगेशन शुरु हुआ।
- इनमें से एक शाखा का माइग्रेशन लगभग 70,000 वर्ष पहले भारतीय उपमहाद्वीप की तरफ हुआ।
- एक अन्य शाखा का माइग्रेशन लगभग 40,000 वर्ष पहले यूरेशिया की तरफ हुआ।
- भारतीय उपमहाद्वीप से एक शाखा का माइग्रेशन इंडॉनेशिया के रास्ते ऑस्ट्रेलिया तक हुआ। यह लगभग 30,000 वर्ष पहले हुआ।
- भारतीय उपमहाद्वीप से एक अन्य शाखा का माइग्रेशन चीन की तरफ हुआ। फिर चीन से मनुष्य उत्तरी अमेरिका पहुँचे। वहाँ से वे दक्षिणी अमेरिका पहुँचे।
यह ध्यान देना होगा कि मनुष्य का माइग्रेशन भोजन की तलाश में हुआ था। मानव सभ्यता के पूरे इतिहास में रिवर्स माइग्रेशन के प्रमाण भी मिलते हैं।
सारांश
- वैरियेशन की संख्या पीढ़ी दर पीढ़ी बढ़ती जाती है।
- फीनोटाइपिक लक्षणों का पैरेंट से संतानों में आने की क्रिया को हेरेडिटी कहते हैं।
- जिन लक्षणों को हम देख सकते हैं उनके सेट को फीनोटाइप कहते हैं।
- किसी जीव के जेनेटिक मेकअप को जीनोटाइप कहते हैं।
- जब दो कॉन्ट्रास्टिंग लक्षणों के अध्ययन के लिये क्रॉस किया जाता है तो इसे मोनोहाइब्रिड क्रॉस कहते हैं।
- जब कॉन्ट्रास्टिंग लक्षणों के दो जोड़ों के अध्ययन के लिये क्रॉस किया जाता है तो इसे डाइहाइब्रिड क्रॉस कहते हैं।
- गैमेट फॉर्मेशन के दौरान, एक जोड़े के एलील अलग-अलग हो जाते हैं और हर गैमेट को एक एलील मिलता है। इसे लॉ ऑफ सेग्रिगेशन कहते हैं।
- गैमेट फॉर्मेशन के दौरान अलग-अलग लक्षण एक दूसरे से स्वतंत्र रूप से अलग होते हैं। इसे लॉ ऑफ इंडिपेंडेंट एसॉर्टमेंट कहते हैं।
- पीढ़ी दर पीढ़ी इनहेरिटेबल लक्षणों में होने वाले बदलाव को इवोल्यूशन कहते हैं।
- नैचुरल सेलेक्शन और जेनेटिक ड्रिफ्ट के कारण इवोल्यूशन हो सकता है।
- किसी इंडिविजुअल के जीवन काल में जो लक्षण विकसित होते हैं लेकिन जिनसे जीनोटाइप में कोई बदलाव नहीं आता है उन्हें एक्वायर्ड लक्षण कहते हैं।
- जिन लक्षणों से जीनोटाइप में बदलाव आता है और जिनका अगली पीढ़ी में ट्रांसफर होता है उन्हें इनहेरिटेड लक्षण कहते हैं।
- जब किसी स्पेशीज से एक नई स्पेशीज का उदय होता है तो दोनों स्पेशीज के जर्म सेल एक दूसरे से फ्यूज नहीं कर सकते हैं और इंटर-ब्रीडिंग नहीं कर सकते हैं।
- जब दो जीवों के ऑर्गन के डिजाइन एक जैसे होते हैं लेकिन कार्य अलग-अलग होते हैं तो इन्हें होमोलोगस ऑर्गन कहते हैं।
- जब दो जीवों के ऑर्गन के डिजाइन अलग-अलग होते हैं लेकिन कार्य एक जैसे होते हैं तो इन्हें एनालोगस ऑर्गन कहते हैं।
- जीवों के प्राचीन काल के संरक्षित अवशेषों को जीवाश्म कहते हैं।