रेसिस्टर के सिस्टम का रेसिस्टेंस
एक से अधिक रेसिस्टर को दो तरीके से जोड़ा जाता है; सीरीज में और पैरेलल में। जब किसी रेसिस्टर के एक सिरे को बैटरी के टर्मिनल से जोड़ा जाता है और दूसरे सिरे को दूसरे रेसिस्टर के सिरे से, फिर अगले रेसिस्टर के दूसरे सिरे को बैटरी के टर्मिनल से जोड़ा जाता है, तो इसे सीरीज कॉम्बिनेशन कहते हैं। इस तरीके से कई रेसिस्टर को जोड़ा जाता है। सीरीज कॉम्बिनेशन में बैटरी के एक टर्मिनल को पहले रेसिस्टर के एक सिरे से और बैटरी के दूसरे टर्मिनल को आखिरी रेसिस्टर से जोड़ा जाता है। यह वैसे ही होता है जैसे कई लोग हाथ पकड़ कर एक चेन बनाते हैं।
जब बैटरी के एक टर्मिनल को सभी रेसिस्टर के एक सिरे से और बैटरी के दूसरे टर्मिनल को सभी रेसिस्टर के दूसरे सिरे से जोड़ा जाता है तो इसे पैरेलल कॉम्बिनेशन कहते हैं।
सीरीज में रेसिस्टर
मान लीजिए की तीन रेसिस्टर R1, R2 और R3 को सीरीज कॉम्बिनेशन में जोड़ा गया है। हर रेसिस्टर से अलग-अलग वोल्टमीटर को जोड़ा गया है ताकि हर रेसिस्टर का पोटेंशियल डिफ़रेंस मापा जा सके। मान लीजिए कि सर्किट से करेंट I फ्लो कर रहा है।
सर्किट में यदि I इलेक्ट्रिक करेंट है और V पोटेंशियल डिफरेंस है तो
V = IR
अब मान लेते हैं कि रेसिस्टर R1, R2 और R3 का पोटेंशियल डिफरेंस क्रमश: V1, V2 और V3 है। ओम के नियम के अनुसार;
V1 = I×R1
V2 = I×R2
V3 = I×R3
पूरे सर्किट का पोटेंशियल डिफरेंस विभिन्न रेसिस्टर के पोटेंशियल डिफरेंस के जोड़ के बराबर होता है। इसलिये
V = V1 + V2 + V3
या, V = IR1 + IR2 + IR3
या, IR = IR1 + IR2 + IR
या, IR = I(R1 + R2 + R3 )
या, R = R1 + R2 + R3
इसलिये यह कह सकते हैं कि किसी सीरीज कॉम्बिनेशन में टोटल रेसिस्टेंस हर रेसिस्टर के रेसिस्टेंस के जोड़ के बराबर होता है।
पैरेलल में रेसिस्टर
मान लीजिए कि रेसिस्टर R1, R2 और R3 को पैरेलल कॉम्बिनेशन में जोड़ा गया है। एक वोल्टमीटर को इन रेसिस्टर के पैरेलल जोड़ा गया है।
सर्किट से फ्लो करने वाला टोटल करेंट हर रेसिस्टर से फ्लो करने वाले करेंट के जोड़ के बराबर होता है। इसलिये
I = I1 + I2 + I3
अब मान लेते हैं कि पैरेलल कॉम्बिनेशन का कुल रेसिस्टेंस Rp है। ओम के नियम के अनुसार:
`I=V/(R_p)`
इसी तरह से विभिन्न रेसिस्टर के लिये निम्नलिखिट इक्वेशन बनते हैं।
`I_1=V/(R_1)`, `I_2=V/(R_2)`, `I_3=V/(R_3)`
इन इक्वेशन को इसके पिछले इक्वेशन के साथ कम्बाइन करने पर यह इक्वेशन मिलता है।
`1/R=(1)/(R_1)+(1)/(R_2)+(1)/(R_3)+…….+(1)/(R_n)`
इसलिये यह कह सकते हैं कि किसी पैरेलल कॉम्बिनेशन में कुल रेसिस्टेंस का रेसिप्रोकल विभिन्न रेसिस्टेंस के रेसिप्रोकल के जोड़ के बराबर होता है।
ऊपर दिये गये ऑब्जरवेशन के अनुसार दो निष्कर्ष निकाले जा सकते हैं:
रेसिस्टर को सीरीज में जोड़ने से कुल रेसिस्टेंस बढ़ जाता है। रेसिस्टेंस को पैरेलल में जोड़ने से कुल रेसिस्टेंस घट जाता है। हम जानते हैं कि करेंट रेसिस्टेंस के उलटे अनुपात में होता है। इसलिये सीरीज कॉम्बिनेशन में करेंट घट जाता है। लेकिन पैरेलल कॉम्बिनेशन में करेंट बढ़ जाता है। पैरेलल कॉम्बिनेशन के हर कॉम्पोनेंट में पोटेंशियल डिफरेंस समान रहता है। पैरेलल कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल घरों की वायरिंग में होता है। सीरीज कॉम्बिनेशन का इस्तेमाल सजावट की लाइट में होता है।