नियंत्रण और समंवय
पाठ से प्रश्न:
प्रश्न 1 रिफ्लेक्स ऐक्शन और चलने में क्या अंतर है?
उत्तर: चलना एक ऐच्छिक क्रिया है जबकि रिफ्लेक्स ऐक्शन अनैच्छिक क्रिया है। जब हम चलते हैं तो हमारे पैरों के मूवमेंट का कंट्रोल ब्रेन द्वारा होता है। लेकिन जब रिफ्लेक्स ऐक्शन के कारण हम अपने पैर को झटका देते हैं तो उस समय पैर के मूवमेंट का कंट्रोल स्पाइनल कॉर्ड द्वारा होता है।
प्रश्न 2 दो न्यूरॉन के बीच साइनैप्स में क्या होता है?
उत्तर: दो न्यूरॉन के बीच के गैप को साइनैप्स कहते हैं। न्यूरोट्रांसमिटर इस साइनैप्स से गुजरते हैं और अगले न्यूरॉन के डेंड्राइट द्वारा पकड़ लिये जाते हैं। इस तरह से नर्व इंपल्स एक न्यूरॉन से अगले न्यूरॉन; और फिर उसके अगले न्यूरॉन तक जाते रहते हैं।
प्रश्न 3 शरीर का पोस्चर और बैलेंस ब्रेन के किस भाग द्वारा कंट्रोल होता है?
उत्तर: सेरिबेलम
प्रश्न 4 अगरबती की खुशबू का पता हम कैसे लगा लेते हैं?
उत्तर: अगरबत्ती में से कुछ केमिकल वैपर के रूप में हमारी नाक तक पहुँचते हैं। जब उस वैपर के मॉलिक्यूल हमारी नाक में मौजूद ऑल्फेक्टरी रिसेप्टर तक पहुँचते हैं तो ऑल्फेक्टरी रिसेप्टर के न्यूरॉन उस सिग्नल को ब्रेन तक भेजते हैं। ब्रेन इस सिग्नल का हिसाब लगाता है और हमें उस सुगंध का पता चलता है।
प्रश्न 5 रिफ्लेक्स ऐक्शन में ब्रेन की क्या भूमिका है?
उत्तर: रिफ्लेक्स ऐक्शन के मामले में सारे काम स्पाइनल कॉर्ड के स्तर पर होते हैं इसलिये ब्रेन की इसमें कोई सीधी भूमिका नहीं होती है। लेकिन हम जानते हैं कि ब्रेन हमारे शरीर की हर क्रिया को कंट्रोल करता है। इसलिये हम कह सकते हैं कि रिफ्लेक्स ऐक्शन पर ब्रेन का इनडाइरेक्ट कंट्रोल होता है।
प्रश्न 6 प्लांट हॉर्मोन से क्या समझते हैं?
उत्तर: प्लांट हॉर्मोन खास तरह के केमिकल होते हैं जिनके कारण प्लान्ट में विभिन्न प्रकार के मूवमेंट होते हैं।
प्रश्न 7 किसी सेंसिटिव प्लांट में पत्तियों के मूवमेंट और किसी प्लांट में प्रकाश की ओर तने के मूवमेंट में क्या अंतर है?
उत्तर: किसी सेंसिटिव प्लांट की पत्तियों का मूवमेंट टर्गर प्रेशर में बदलाव के कारण होता है। लेकिन प्रकाश की ओर तने का मूवमेंट वृद्धि के कारण होता है।
प्रश्न 8 ग्रोथ बढ़ाने वाले प्लांट हॉर्मोन का उदाहरण दें।
उत्तर: ऑक्जिन
प्रश्न 9 किसी सहारे के चारों ओर टेंड्रिल के लिपटने में ऑक्जिन की क्या भूमिका होती है।
उत्तर: इस मूवमेंट का नियंत्रण ऑक्जिन नामक हॉर्मोन द्वारा होता है। सहारे से दूर वाली कोशिकाओं में ऑक्जिन का कॉन्संट्रेशन अधिक होता है; जिसके कारण उन कोशिकाओं में तेजी से सेल डिविजन होता है। इस तरह से टेंड्रिल किसी सपोर्ट के इर्द गिर्द लिपट जाता है।
प्रश्न 10 हाइड्रोट्रॉपिज्म को दिखाने के लिये एक एक्सपेरिमेंट बताएँ।
उत्तर: इसके लिये एक बड़ा सा टब लीजिए, और एक छोटी सी बाल्टी जिसमें बहुत सारे छेद हों। बाल्टी को टब में रखिए और टब को बलुई मिट्टी से भर दीजिए। बाल्टी में बलुई मिट्टी न डालें। अब टब में कोई पौधा लगा दें। पौधे और बाल्टी के बीच कुछ दूरी होनी चाहिए। अब बाल्टी में पानी भर दें और पूरे उपकरण को 10 से 15 दिनों के लिये छोड़ दें। उसके बाद मिट्टी को हटाकर देखिए कि जड़ों की वृद्धि किस दिशा में हुई है। आप देखेंगे कि जड़ें बाल्टी की दिशा में बढ़ रहीं हैं। इससे पता चलता है कि जड़ों में पॉजिटिव हाइड्रोट्रॉपिज्म होता है।
प्रश्न 11 जंतुओं में केमिकल को-ऑर्डिनेशन किसे होता है?
उत्तर: जंतुओं में केमिकल को-ऑर्डिनेशन हॉर्मोन द्वारा होता है। हॉर्मोन उन टिशू तक भी पहुँचते हैं जहाँ न्यूरॉन नहीं होते हैं।
प्रश्न 12 आयोडाइज्ड नमक खाने की सलाह क्यों दी जाती है?
उत्तर: थायरॉक्सिन नामक हॉर्मोन का मुख्य अवयव आयोडीन होता है। थायरॉक्सिन हमारे शरीर के जेनरल मेटाबॉलिज्म को कंट्रोल करता है। आयोडीन की कमी से थायरॉक्सिन का बनना कम हो सकता है। इससे मेटाबॉलिज्म पर बुरा असर पड़ सकता है। शरीर के लिये जरूरी आयोडीन लेने का सबसे आसान और सस्ता तरीका है आयोडाइज्ड नमक लेना। इसलिये आयोडाइज्ड नमक खाने की सलाह दी जाती है।
प्रश्न 13 जब ऐड्रिनलिन खून में पहुँचता है तो हमारे शरीर में क्या बदलाव होते हैं?
उत्तर: ऐड्रिनलिन हमारे शरीर को संकट की स्थिति के लिये तैयार करता है। ऐड्रिनलिन के खून में पहुँचते ही हमारे हाथों, पैरों और चेहरे की पेशियों में ब्लड का फ्लो बढ़ जाता है। इससे हार्ट बीट भी बढ़ जाती है। इस तरह से किसी भी खतरे का मुकाबला करने या जरूरत पड़ने पर बच कर भाग निकलने के लिये हमारा शरीर तैयार हो जाता है।
प्रश्न 14 डायबिटीज के कुछ मरीजों को इंसुलिन की सुई क्यों लेनी पड़ती है?
उत्तर: डायबिटीज के कुछ मरीजों में इंसुलिन जरूरत से कम मात्रा में बन पाती है। हम जानते हैं कि ग्लूकोज के उचित मेटाबॉलिज्म के लिये इंसुलिन की जरूरत होती है। इसलिये डायबिटीज के ऐसे मरीजों को इंसुलिन की सुई लेनी पड़ती है।