रासायनिक अभिक्रिया और समीकरण
ऑक्सीकरण और अवकरण
(Oxidation and Reduction)
ऑक्सीकरण: जब कोई पदार्थ ऑक्सीजन लेता है या हाइड्रोजन का त्याग करता है तो उस पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है। ऑक्सीजन एक इलेक्ट्रोनेगेटिव तत्व है इसलिये यह अधातु के गुण दिखाता है। दूसरी ओर, हाइड्रोजन एक इलेक्ट्रोपॉजिटिव तत्व है इसलिये यह धातु के गुण दिखाता है। ऑक्सीजन और हाइड्रोजन के इन गुणों के प्रकाश में ऑक्सीकरण को दूसरी तरह से भी परिभाषित किया जा सकता है। जब किसी पदार्थ का ऑक्सीजन या अधातु तत्व से संयोजन होता है या उसमें से हाइड्रोजन या धातु को हटाया जाता है तो उस पदार्थ का ऑक्सीकरण होता है। दूसरे शब्दों में, किसी पदार्थ से इलेक्ट्रॉन को हटाने की प्रक्रिया को ऑक्सीकरण कहते हैं।
अवकरण: यदि कोई पदार्थ हाइड्रोजन लेता है या ऑक्सीजन का त्याग करता है तो उस पदार्थ का अवकरण होता है। अवकरण की एक अन्य परिभाषा के अनुसार, किसी पदार्थ का जब हाइड्रोजन या धातु से संयोजन होता है तो उस पदार्थ का अवकरण होता है। दूसरे शब्दों में, किसी पदार्थ द्वारा इलेक्ट्रॉन प्राप्त करने की प्रक्रिया को अवकरण कहते हैं।
उदाहरण: जब कॉपर पाउडर को अत्यधिक गर्म किया जाता है तो उसका ऑक्सीकरण होता है और कॉपर ऑक्साइड का निर्माण होता है। इस परिवर्तन का पता तब चलता है जब कॉपर पाउडर काले रंग का हो जाता है।
2Cu + O2 ⇨ 2CuO
जब इस गर्म तप्त पदार्थ (कॉपर ऑक्साइड) के ऊपर हाइड्रोजन गैस प्रवाहित की जाती है तो अभिक्रिया उल्टी दिशा में हो जाती है और कॉपर प्राप्त होता है।
CuO + H2 ⇨ Cu + H2O
इसलिये, पहली प्रतिक्रिया (कॉपर और ऑक्सीजन के बीच) ऑक्सीकरण है। दूसरी प्रतिक्रिया (कॉपर ऑक्साइड और हाइड्रोजन के बीच) अवकरण है।
यह याद रखना महत्वपूर्ण है कि ऑक्सीकरण और अवकरण हमेशा साथ साथ होते हैं। इसे निम्न तरीके से दर्शाया जा सकता है।
CuO + H2 ⇨ Cu + H2O
इस अभिक्रिया में कॉपर ऑक्साइड का अवकरण हो रहा है क्योंकि इससे ऑक्सीजन अलग हो रहा है। यहाँ पर हाइड्रोजन का ऑक्सीकरण हो रहा है क्योंकि इसमें ऑक्सीजन जुड़ रहा है।
दैनिक जीवन में ऑक्सीकरण
कोरोजन
धातु की प्रवृत्ति होती है कि वह वायुमंडल में उपस्थित ऑक्सीजन, नमी और कुछ अन्य पदार्थों से प्रतिक्रिया करता है। उदाहरण के लिये; लोहा वायुमंडल में मौजूद नमी से अभिक्रिया करता है जिससे उसके ऊपर एक भूरी परत बन जाती है जिसे जंग कहते हैं। इस प्रक्रिया को लोहे में जंग लगना कहते हैं। लोहे के जंग में बदलने के कारण लोहे के सामान में से धीरे धीरे लोहा समाप्त होने लगता है। इस प्रक्रिया को कोरोजन या संक्षारण कहते हैं। कोरोजन के कारण लोहे का सामान समय के साथ कमजोर पड़ जाता है। यही कारण है कि लोहे का गेट, फर्नीचर, बिजली के खंभे, पुल, आदि कुछ समय के बाद कमजोर और बेकार हो जाते हैं। इस तरह से कोरोजन के कारण भारी क्षति होती है।
रैंसिडीटी
जब तेल और वसा का ऑक्सीकरण होता है तो उसमें से अजीब से गंध आने लगती है और उसका स्वाद खराब हो जाता है। इस प्रक्रिया को रैंसिडिटी कहते हैं और उस तरह के तैलीय भोजन को रैंसिड कहते हैं। किसी तले हुए भोजन को रैंसिड होने से बचाने के लिये उसे सही तरीके से पैक करना जरूरी होता है। आलू के चिप्स को एअर-टाइट पैकेट में पैक किया जाता है जिसके अंदर नाइट्रोजन गैस भरी जाती है। इससे आलू के चिप्स को अधिक समय तक ताजा रखने में मदद मिलती है।
सारांश
- रासायनिक परिवर्तन को रासायनिक अभिक्रिया या प्रतिक्रिया भी कहते हैं।
- रासायनिक अभिक्रिया के कुछ लक्षण हैं: अवस्था में परिवर्तन, रंग में परिवर्तन, गैस का निकलना, तापमान में परिवर्तन, आदि।
- रासायनिक समीकरण द्वारा किसी रासायनिक अभिक्रिया को सूत्रों की सहायता से सरल तरीके से लिखा जा सकता है।
- जब हर तत्व के परमाणुओं की संख्या तीर की दाईं ओर तथा बाईं ओर समान होती है तो रासायनिक समीकरण को संतुलित समीकरण कहते हैं। एक संतुलित समीकरण द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का पालन करता है।
- किसी रासायनिक समीकरण को वर्ड इक्वेशन के रूप में या फिर विभिन्न पदार्थों के सूत्रों का इस्तेमाल करके लिखा जा सकता है। अभिकारकों को तीर की बाईं ओर लिखा जाता है। उत्पादों को तीर की दाईं ओर लिखा जाता है।
- जब हर तत्व के परमाणुओं की संख्या तीर की दाईं ओर तथा बाईं ओर समान होती है तो रासायनिक समीकरण को संतुलित समीकरण कहते हैं। एक संतुलित समीकरण द्रव्यमान के संरक्षण के नियम का पालन करता है।
- जब किसी अभिक्रिया के अंत में दो या अधिक अभिकारकों से एक उत्पाद का निर्माण होता है तो इसे संयोजन अभिक्रिया कहते हैं।
- जब कोई पदार्थ अभिक्रिया के बाद दो या अधिक उत्पादों का निर्माण करता है, तो उस अभिक्रिया को वियोजन अभिक्रिया कहते हैं।
- जब किसी कम प्रतिक्रियाशील धातु के लवण के विलयन में से कोई अधिक प्रतिक्रियाशील धातु कम प्रतिक्रियाशील धातु का विस्थापन करके एक नये साल्ट का निर्माण करता है तो उस अभिक्रिया को विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
- जब दो साल्ट आपस में अभिक्रिया करते हैं और दोनों के आयन एक दूसरे को विस्थापित करते हैं तो उस अभिक्रिया को द्वि-विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं।
- यदि कोई पदार्थ ऑक्सीजन ग्रहण करता है या हाइड्रोजन का त्याग करता है तो उसका ऑक्सीकरण होता है।
- यदि कोई पदार्थ हाइड्रोजन ग्रहण करता है या हाइड्रोजन का त्याग करता है तो उसका अवकरण होता है।