प्रकाश: परावर्तन और अपवर्तन
NCERT अभ्यास प्रश्न
प्रश्न 1: इनमें से किस पदार्थ से लेंस नहीं बन सकता है?
- पानी
- काँच
- प्लास्टिक
- मिट्टी
उत्तर: (d) मिट्टी
प्रश्न 2: एक कॉन्केव मिरर से जो इमेज बना है वह वर्चुअल, सीधा और ऑब्जेक्ट से बड़ा है। ऑब्जेक्ट किस पोजीशन पर है?
- प्रिंसिपल फोकस और कर्वेचर के सेंटर के बीच
- कर्वेचर के सेंटर पर
- कर्वेचर के सेंटर के आगे
- मिरर के पोल और प्रिंसिपल फोकस के बीच
उत्तर: (d) मिरर के पोल और प्रिंसिपल फोकस के बीच
प्रश्न 3:किसी कॉन्वेक्स लेंस से रियल और ऑब्जेक्ट के साइज का इमेज बनाने के लिये ऑब्जेक्ट को कहाँ रखना होगा?
- प्रिंसिपल फोकस पर
- फोकल लेंथ की दोगुनी दूरी पर
- इनफिनिटी पर
- ऑप्टिकल सेंटर और प्रिंसिपल फोकस के बीच
उत्तर: (b) फोकल लेंथ की दोगुनी दूरी पर
प्रश्न 4: एक स्फेरिकल मिरर और एक पतले स्फेरिकल लेंस के फोकल लेंथ -15 सेमी है। मिरर और लेंस किस प्रकार के हो सकते हैं?
- दोनों कॉन्केव हैं
- दोनों कॉन्वेक्स हैं
- मिरर कॉन्केव है और लेंस कॉन्वेक्स
- मिरर कॉन्वेक्स है और लेंस कॉन्केव
उत्तर: (a) दोनों कॉन्केव हैं
प्रश्न 5: एक मिरर से आप चाहे जितनी भी दूरी पर खड़े होते हैं, आपका इमेज हमेशा सीधा बनता है। यह किस प्रकार का मिरर हो सकता है?
- प्लेन
- कॉन्केव
- कॉन्वेक्स
- या तो प्लेन या कॉन्वेक्स
उत्तर: (d) या तो प्लेन या कॉन्वेक्स
व्याख्या: प्लेन मिरर और कॉन्वेक्स मिरर में हमेशा सीधा इमेज बनता है।
प्रश्न 6: किसी डिक्शनरी में छपे छोटे-छोटे अक्षरों को पढ़ने के लिये आप इनमें से किस लेंस का इस्तेमाल करना पसंद करेंगे?
- एक कॉन्वेक्स लेंस जिसका फोकल लेंथ 50 सेमी है
- एक कॉन्केव लेंस जिसका फोकल लेंथ 50 सेमी है
- एक कॉन्वेक्स लेंस जिसका फोकल लेंथ 5 सेमी है
- एक कॉन्केव लेंस जिसका फोकल लेंथ 5 सेमी है
उत्तर: (c) एक कॉन्वेक्स लेंस जिसका फोकल लेंथ 5 सेमी है
व्याख्या: कॉन्केव लेंस से कभी भी बड़ा इमेज नहीं बनता है। इसलिये दूसरे और चौथे ऑप्शन गलत हैं। हम जानते हैं कि छोटे फोकल लेंथ का मतलब अधिक पावर वाला लेंस होता है। इसलिये तीसरा ऑप्शन सही है।
प्रश्न 7: एक 15 सेमी फोकल लेंथ वाले कॉन्केव मिरर से आपको एक सीधा इमेज प्राप्त करना है। मिरर से कितनी दूरी पर ऑब्जेक्ट को रखना होगा? इमेज का नेचर क्या होगा? यह इमेज ऑब्जेक्ट से बड़ा है या छोटा? एक रे डायग्राम की सहायता से समझाएँ।
उत्तर: जब ऑब्जेक्ट एक कॉन्केव मिरर के F और P के बीच होता है तो इमेज मिरर के पीछे बनता है। यह इमेज बड़ा, वर्चुअल और सीधा होता है। इसलिय ऑब्जेक्ट को 15 सेमी से कम दूरी पर रखना होगा।
प्रश्न 8: नीचे दिये गये केस में किस प्रकार के मिरर का इस्तेमाल होता है? अपने उत्तर का कारण दीजिए।
- कार की हेडलाइट
- गाड़ी का रिअर व्यू मिरर
- सोलर फरनेस
उत्तर: कार की हेडलाइट में कॉन्केव मिरर का इस्तेमाल होता है। जब कॉन्केव मिरर के फोकस पर लाइट के सोर्स (बल्ब) को रखा जाता है तो इससे रिफ्लेक्ट होने वाली किरणें इनफिनिटी पर जाती हैं। इसलिये हमें लाइट की एक सीधी बीम मिलती है।
गाड़ी के रिअर व्यू मिरर में कॉन्वेक्स मिरर का इस्तेमाल होता है; क्योंकि कॉन्वेक्स मिरर का फील्ड ऑफ व्यू अधिक बड़ा होता है। इससे ड्राइवर को अपने पीछे के एक बड़े क्षेत्र पर नजर रखने में मदद मिलती है।
इनफिनिटी से आती लाइट की किरणें जब किसी कॉन्केव मिरर से रिफ्लेक्ट होती हैं तो वे फोकस पर इकट्ठा होती हैं। सोलर फरनेस में कॉन्केव मिरर इस्तेमाल होता है क्योंकि कॉन्केव मिरर के फोकस पर ऊष्मा बहुत अधिक बन पाती है।
प्रश्न 9: एक कॉन्वेक्स लेंस के आधे हिस्से को एक काले कागज से ढ़क दिया जाता है। इस लेंस से पूरा इमेज बनेगा या नहीं? अपने उत्तर का कारण बताएँ।
उत्तर: किसी भी स्फेरिकल मिरर या लेंस से इमेज का पता लगाने के लिये किसी दो लाइट रे की जरूरत होती है। रे डायग्राम से पता चलता है कि आधे ढ़के हुए लेंस से भी पूरा इमेज बनता है।
प्रश्न 10: एक 5 सेमी लम्बा ऑब्जेक्ट 10 सेमी फोकल लेंथ वाले एक कंवर्जिंग लेंस से 25 सेमी की दूरी पर रखा है। रे डायग्राम बनाते हुए इमेज की पोजीशन, साइज और नेचर बताएँ।
उत्तर: दिया गया है, u = - 25 cm, f = 10 cm, h = 5 cm
इमेज डिस्टांस को नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है:
`1/v-1/u=1/f`
या, `1/v+(1)/(25)=(1)/(10)`
या, `1/v=(1)/(10)-(1)/(25)`
या, `1/v=(5-2)/(50)`
या, `1/v=(3)/(50)`
या, `v=(50)/(3)=16.66` cm
अब इमेज साइज को नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है।
मैग्नीफिकेशन `= v/u`
या, `m=(16.66 cm)/(-25 cm)=-0.66`
`m=(h_i)/(h_o)`
या, `-0.66=(h_i)/(5 cm)`
या, `h_i=-0.66xx5` cm = -3.3 cm
यह इमेज छोटा, रियल और उलटा है।
प्रश्न 11: एक 15 सेमी फोकल लेंथ वाले कॉन्केव लेंस से 10 सेमी की दूरी पर एक इमेज बनता है। लेंस से ऑब्जेक्ट की दूरी क्या है?
उत्तर: दिया गया है,f = - 15 cm, v = - 10 cm
ऑब्जेक्ट डिस्टांस को नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है:
`1/v-1/u=1/f`
या, `(1)/(-10)-1/u=(1)/(-15)`
या, `-1/u=-(1)/(15)+(1)/(10)`
या, `-1/u=(-2+3)/(30)=(1)/(30)`
या, `u=-30 cm`
प्रश्न 12: एक 15 सेमी फोकल लेंथ वाले कॉन्वेक्स मिरर से 10 सेमी की दूरी पर एक ऑब्जेक्ट रखा जाता है। इमेज का पोजीशन और नेचर बताएँ।
उत्तर: दिया गया है,u = - 10 cm, f = 15 cm
इमेज डिस्टांस नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है:
`1/v-1/u=1/f`
या, `1/v-(1)/(10)=(1)/(15)`
या, `1/v=(1)/(15)+(1)/(10)`
या, `1/v=(5)/(30)`
या, `v=6` cm
यह इमेज मिरर के पीछे बनता है। इमेज वर्चुअल और सीधा है।
प्रश्न 13: एक प्लेन मिरर द्वारा किये गये मैग्निफिकेशन का मान +1 है। इसका क्या मतलब होता है?
उत्तर: जब मैग्निफिकेशन का मान +1 होता है तो इसका मतलब है कि इमेज का साइज ऑब्जेक्ट साइज के बराबर है। हम जानते हैं कि प्लेन मिरर में इमेज का साइज ऑब्जेक्ट के साइज के बराबर होता है और इमेज वर्चुअल होता है। इसलिये यहाँ पर मैग्निफिकेशन 1 है और उसका मान पॉजिटिव है।
प्रश्न 14: एक कॉन्वेक्स मिरर के कर्वेचर का रेडियस 30 सेमी है। उससे 20 सेमी की दूरी पर एक 5 सेमी ऊँचा ऑब्जेक्ट रखा गया है। इमेज की पोजीशन, साइज और नेचर बताएँ।
उत्तर: दिया गया है,u = - 20 cm, f = 15 cm, h = 5 cm
इमेज डिस्टांस को नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है।
`1/v-1/u=1/f`
या, `1/v-(1)/(20)=(1)/(15)`
या, `1/v=(1)/(15)+(1)/(20)`
या, `1/v=(4+3)/(60)`
या, `v=8.57 cm`
इमेज साइज को नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है।
`m=-(8.57 cm)/(-20 cm)=0.428`
`m=(h_i)/(h_o)`
या, `0.428=(h_i)/(5 )`
या, `h_i=0.428xx5 cm=2.14 cm`
पॉजिटिव साइन से पता चलता है कि इमेज वर्चुअल और सीधा है। इमेज 12 सेमी की दूरी पर है और इमेज की ऊँचाई 2.14 सेमी है।
प्रश्न 15: एक कॉन्केव मिरर का फोकल लेंथ 18 सेमी है। इससे 27 सेमी की दूरी पर एक 7 सेमी ऊँचा ऑब्जेक्ट रखा गया है। एक शार्प इमेज के लिये मिरर से कितनी दूरी पर स्क्रीन को रखना होगा? इमेज का साइज और नेचर भी बताएँ।
उत्तर: दिया गया है, u = - 27 cm, f = - 18 cm, h = 7 cm
इमेज डिस्टांस नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है:
`1/v-1/u=1/f`
या, `1/v-(1)/(27)=-(1)/(18)`
या, `1/v=-(1)/(18)+(1)/(27)`
या, `1/v=(-3+2)/(54)`
या, `1/v=-(1)/(54)`
या, `v=-54 cm`
`m=-v/u`
`=(-54)/(-27)=-2`
इमेज साइज को नीचे दिये गये तरीके से पता किया जा सकता है।
`m=(h_i)/(h_o)`
या, `-2=(h_i)/(7)`
या, `h_i=-14 cm`
नेगेटिव साइन से पता चलता है कि इमेज रियल और उलटा है। इमेज मिरर के सामने 54 सेमी की दूरी पर है और 14 सेमी ऊँचा है।
प्रश्न 16: एक लेंस का पावर – 2.0 D है। इसका फोकल लेंथ कितना है? यह किस प्रकार का लेंस है?
उत्तर: दिया गया है,P = - 2.0 D
फोकल लेंथ इस तरह से पता किया जा सकता है।
P = 1/f
Or, f = 1/P = - ½ = 0.5 m
नेगेटिव साइन का मतलब है कि यह एक कॉन्केव लेंस है।
प्रश्न 17: एक डॉक्टर ने एक मरीज को +1.5 D का लेंस लिखा है। इस लेंस का फोकल लेंथ क्या है? यह किस प्रकार का लेंस है; डाइवर्जिंग या कंवर्जिंग?
उत्तर: दिया गया है, P = +1.5 D
फोकल लेंथ इस तरह से पता किया जा सकता है।
P = 1/f
Or, f = 1/P = 1/1.5 = 2/3
Or, f = + 0.67 m
पॉजिटिव साइन से पता चलता है कि यह एक कॉन्वेक्स लेंस, यानि क्नवर्जिंग लेंस है।