शुद्ध पदार्थ या मिश्रण
शुद्ध पदार्थ: जो पदार्थ एक ही प्रकार के कणों से मिलकर बना होता है उसे शुद्ध पदार्थ कहते हैं।
मिश्रण: जो पदार्थ एक से अधिक शुद्ध तत्वों या यौगिकों से मिलकर बना होता है उसे मिश्रण कहते हैं। मिश्रण तीन प्रकार के होते हैं: विलयन, निलंबन और कोलाइडल विलयन।
विलायक: जो पदार्थ विलयन में सबसे अधिक मात्रा में रहता है उसे विलायक कहते हैं।
विलेय: जो पदार्थ विलयन में सबसे अधिक मात्रा में नहीं रहता है उसे विलेय कहते हैं।
विलयन | निलंबन | कोलाइडल विलयन |
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विलयन एक समांगी मिश्रण है। | निलंबन एक असमांगी मिश्रण है। | कोलाइडल विलयन एक असमांगी मिश्रण है। |
विलयन के कण का व्यास 1 nm (10-9 m) से कम होता है। | निलंबन के कण का व्यास 1 nm (10-9 m) से अधिक होता है। | कोलाइडल विलयन के कण का व्यास 1 nm (10-9 m) से अधिक होता है। |
विलयन के कण प्रकाश की किरण को फैलाते नहीं हैं। इसलिए विलयन में प्रकाश का मार्ग नहीं दिखाई देता है। | निलंबन के कण प्रकाश की किरण को फैला देते हैं। इसलिए निलंबन में प्रकाश का मार्ग दिखाई देता है। | कोलाइडल विलयन के कण इतने छोटे होते हैं कि प्रकाश की किरण को आसानी से फैला देते हैं। |
विलयन स्थाई होता है यानि विलयन को शांत छोड़ देने पर भी विलेय के कण नीचे नहीं बैठते हैं। | निलंबन अस्थाई होता है यानि निलंबन को शांत छोड़ देने पर उसके कण नीचे बैठ जाते हैं। | कोलाइडल विलयन स्थाई होता है यानि कोलाइडल विलयन को शांत छोड़ देने पर उसके कण नीचे नहीं बैठते हैं। |
विलयन के कणों को छान कर अलग नहीं किया जा सकता है। | निलंबन के कणों को छान कर अलग किया जा सकता है। | कोलाइडल विलयन के कणों को अपकेंद्रीकरण तकनीक द्वारा अलग किया जा सकता है। |
सांद्रता: विलायक की मात्रा (द्रव्यमान या आयतन) में घुले हुए विलेय की मात्रा को विलयन की सांद्रता कहते हैं। यदि दिये गये तापमान पर विलयन में विलेय की अतिरिक्त मात्रा को घुलाना असंभव हो तो विलयन को सांद्र विलयन कहते हैं। तापमान के बढ़ने से सांद्रता बढ़ती है। यदि दिये गये तापमान पर विलयन में विलेय की अतिरिक्त मात्रा को घुलाना संभव हो तो विलयन को तनु विलयन कहते हैं।
(a) द्रव्यमान/विलयन के द्रव्यमान का प्रतिशत
= (विलेय पदार्थ का द्रव्यमान/विलयन का द्रव्यमान) × 100
(b) द्रव्यमान/विलयन के आयतन का प्रतिशत
= (विलेय पदार्थ का द्रव्यमान/विलयन का आयतन) × 100
(c) आयतन/विलयन के आयतन का प्रतिशत
= (विलेय पदार्थ का आयतन/विलयन का आयतन) × 100
परिक्षिप्त अवस्था: कोलाइड में जो पदार्थ कम मात्रा में रहता है उसे परिक्षिप्त अवस्था कहते हैं।
परिक्षेपण माध्यम: कोलाइड में जो पदार्थ सबसे अधिक मात्रा में रहता है उसे परिक्षेपण माध्यम कहते हैं।
कोलाइड्स के उदाहरण | |||
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परिक्षिप्त अवस्था | परिक्षेपण माध्यम | प्रकार | उदाहरण |
द्रव | गैस | ऐरोसोल | कोहरा, बादल, कुहासा |
ठोस | गैस | ऐरोसोल | धुआँ, स्वचालित वाहन का निथार |
गैस | द्रव | फोम | शेविंग क्रीम |
द्रव | द्रव | इमल्शन | दूध, फेश क्रीम |
ठोस | द्रव | सोल | मैग्नेशिया मिल्क, कीचड़ |
गैस | ठोस | फोम | फोम, रबड़, स्पंज, प्यूमिस |
द्रव | ठोस | जेल | जेली, पनीर, मक्खन |
ठोस | ठोस | ठोस सोल | रंगीन रत्न पत्थर, दूधिया काँच |