वायु से गैसों को अलग करना
हम जानते हैं कि वायु कई गैसों का समांगी मिश्रण है। वायु के घटकों को प्रभाजी आसवन विधि द्वारा अलग किया जा सकता है। इसे निम्न चरणों में किया जाता है:
- दाब बढ़ाकर और तापमान घटाकर वायु को द्रव में बदला जाता है।
- द्रवीकृत वायु को धीरे-धीरे गर्म किया जाता है।
- प्रभाजी आसवन विधि द्वारा अलग-अलग उँचाई पर अलग-अलग गैसों को अलग किया जाता है।
क्रिस्टलीकरण
इस विधि का प्रयोग ठोस पदार्थों को शुद्ध करने में किया जाता है। वाष्पीकरण की प्रक्रिया में कुछ ठोस विघटित हो जाते हैं। गर्म करने पर चीनी झुलस जाती है। कुछ अशुद्धियाँ वाष्पीकरण के बाद भी ठोस को प्रदूषित कर सकती हैं। ऐसे में क्रिस्टलीकरण एक बेहतर उपाय सिद्ध होता है। इसके लिए सबसे पहले ठोस का जल में विलयन तैयार किया जाता है। उसके बाद वाष्पीकरण द्वारा विलयन को सांद्र किया जाता है। उसके बाद सांद्र विलयन को ठंडा होने के लिए लंबे समय तक शांत छोड़ दिया जाता है। इससे ठोस के शुद्ध क्रिस्टल प्राप्त होते हैं। इस विधि से समुद्री जल द्वारा नमक प्राप्त किया जाता है।
भौतिक परिवर्तन: जिस परिवर्तन के बाद किसी नये पदार्थ का निर्माण नहीं होता है उसे भौतिक परिवर्तन कहते हैं।
रासायनिक परिवर्तन: जिस परिवर्तन के बाद किसी नये पदार्थ का निर्माण होता है उसे रासायनिक परिवर्तन कहते हैं।
तत्व
पदार्थ का वह मूल रूप जिसे रासायनिक प्रतिक्रिया द्वारा अन्य पदार्थों में विभाजित नहीं किया जा सकता, तत्व कहलाता है। तत्व तीन प्रकार के होते हैं: धातु, अधातु और उपधातु।
धातु | अधातु |
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धातु चमकीली होती है। | यह चमकीली नहीं होती है। |
चांदी की तरह सफेद या सोने की तरह पीली या ग्रे रंग की होती है। | कई रंगों की होती हैं। |
ताप तथा विद्युत की सुचालक होती है। | ताप तथा विद्युत की कुचालक होती है। |
तन्य होती है यानि धातु से खींचकर तार बनाये जा सकते हैं। | तन्य नहीं होती है। |
आघातवर्ध्य होती है, यानि धातु को पीटकर पतली शीट बनाई जा सकती है। | आघातवर्ध्य नहीं होती है। |
प्रतिध्वनिपूर्ण होती है। | प्रतिध्वनिपूर्ण नहीं होती है। |
कठोर होती है। | भंगुर होती है। |
कमरे के तापमान पर ठोस होती है। | तीनों अवस्थाओं में पाई जाती हैं। |
उपधातु: जिन तत्वों में धातु और अधातु दोनों के कुछ गुण होते हैं उन्हें उपधातु कहते हैं। उदाहरण: बोरोन, सिलिकॉन, जरमेनियम।
यौगिक
जो पदार्थ दो या दो से अधिक तत्वों के रासायनिक तौर पर नियत अनुपात में मिलने से बनता है उसे यौगिक कहते हैं। उदाहरण: सोडियम क्लोराइड (साधारण नमक), जल, आदि।
मिश्रण | यौगिक |
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पदार्थों का रासायनिक संयोजन नहीं होता है। | यौगिक का निर्माण रासायनिक संयोजन के फलस्वरूप होता है। |
मिश्रण का संघटन बदल सकता है। | यौगिक का संघटन स्थाई होता है। |
मिश्रण के घटक अपने गुणों को दर्शाते हैं। | यौगिक का गुण उसके घटकों के गुणों से भिन्न होता है। |
भौतिक विधियों द्वारा घटकों को अलग किया जा सकता है। | घटकों को केवल रासायनिक या वैद्युत रासायनिक विधि द्वारा अलग किया जा सकता है। |