10 विज्ञान

जीवों में प्रजनन

रिप्रोडक्टिव हेल्थ

रिप्रोडक्टिव हेल्थ के अंदर फिजिकल, मेंटल और सोसाइटल वेल बिइंग सभी को शामिल किया जाता है।

फिजिकल स्तर पर ने केवल यह देखा जाता है कि रिप्रोडक्टिव सिस्टम सही तरीके से काम कर रहा है बल्कि यह भी देखा जाता है कि चाइल्ड बीयरिंग का किसी महिला के शरीर पर क्या असर होता है। एक बच्चे को पालने में जो फाइनेंसियल और इमोशनल परेशानियाँ आती हैं उन्हें मेन्टल वेल बीइंग के नजरिये से देखा जाता है।

जनसंख्या वृद्धि और लिंग अनुपात के नजरिये से रिप्रोडक्टिव हेल्थ बहुत महत्वपूर्ण है। भारत आज आबादी के मामले में दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। इसलिये हर नागरिक के लिये यह जरूरी हो जाता है कि वह जनसंख्या को नियंत्रण में रखने का प्रयास करे। हमारे समाज में लिंग अनुपात महिलाओं के हित में नहीं है। इसलिये हर उस तरीके को रोकना होगा जिनसे किसी कन्या को जन्म लेने से रोका जाता है। सेक्स डिटरमिनेशन, फीमेल फीटिसाइड और फीमेल इनफैंटिसाइड के चलन को रोकने के लिये कठोर से कठोर कदम उठाने की जरूरत है।

कॉन्ट्रासेप्शन: प्रेग्नेंसी को रोकने के तरीकों को कॉन्ट्रासेप्शन या बर्थ कंट्रोल कहते हैं। इन तरीकों को चार टाइप में रखा जा सकता है: बैरियर मेथड, इंट्रायूटेराइन डिवाइस, हॉर्मोनल मेथड और सर्जिकल मेथड।

बैरियर मेथड: इस तरीके से ऐसा फिजिकल बैरियर बनाया जाता है जिससे एग तक स्पर्म पहुँच नहीं पाते हैं। उदाहरण: कंडोम और डायफ्राम। कंडोम को पेनिस के ऊपर चढ़ाया जाता है, जबकि डायफ्राम को वेजाइना के भीतर डाला जाता है।

इंट्रायूटेराइन डिवाइस: कॉपर-टी इसका अच्छा उदाहरण है। इसे यूटेरस के अंदर लगा दिया जाता है ताकि यह स्पर्म को फैलोपियन ट्यूब तक पहुँचने से रोके। इसके अलावा कॉपर में कुछ कॉन्ट्रासेप्टिव गुण भी होते हैं जिनके कारण यह स्पर्म की मोटिलिटी को कम कर देता है। IUDs को 3 से 5 वर्षों तक के लिये लगाया जाता है। दो बच्चों के बीच उचित अंतर बनाने के लिये यह बहुत ही कारगर तरीका है।

हॉर्मोनल मेथड: हॉर्मोन की गोलियाँ और सुई आती हैं। ये हॉर्मोन ओव्युलेशन को रोकते हैं। हॉर्मोन की गोलियों से गर्भ की रोकथाम होती है। लेकिन हॉर्मोन की गोलियों से कई साइड इफेक्ट भी होते हैं।

सर्जिकल मेथड: सर्जिकल मेथड से गर्भनिरोधन हमेशा के लिये हो जाता है। यह वैसे दंपति के लिये सही है जिन्हें अब और बच्चे नहीं चाहिए। सर्जिकल मेथड में पुरुष के वास डिफरेंस को या तो काट दिया जाता है या उसमें गाँठ लगा दी जाती है। महिलाओं में फैलोपियन ट्यूब को या तो काट दिया जाता है या उसमें गाँठ लगा दी जाती है।

सारांश