कार्बन और उसके यौगिक
साबुन से सफाई:
साबुन के एक अणु का एक आयनिक छोर होता है जो पानी में घुलनशील होता है। साबुन का दूसरा सिरा कार्बन चेन का बना होता है जो तेल में घुलनशील होता है। साबुन के अणु ग्रीस में उपस्थि तेल के कणों से जुड़कर एक गोले जैसी रचना बनाते हैं। इस रचना को मिसेल कहते हैं। एक मिसेल में आयनिक सिरे (हाइड्रोफिलिक सिरा) पानी की तरफ रहते हैं और तेल वाला सिरा (हाइड्रोफोबिक) केंद्र की तरफ होता है। इसके कारण साबुन पानी में इमल्सन बनाता है। मैल और चिकनाई इमल्सन के साथ बाहर निकल जाती है। इस तरह से साबुन से सफाई हो जाती है।
इस चित्र में मिसेल बनने की प्रक्रिया को दिखाया गया है। जब साबुन का अणु पानी की सतह पर रहता है, तो इसका हाइड्रोफोबिक सिरा पानी के ऊपर रहता है। जब यह अणु ग्रीस या तेल के कणों के पास पहुँचता है तो इसका हाइड्रोफोबिक सिरा ग्रीस या तेल के कण के साथ जुड़ जाता है। इस तरह से साबुण के कई अणु इकट्ठा हो जाते हैं और फिर एक गोले जैसी रचना बनाते हैं; जिसे मिसेल कहते हैं।
मिसेल की सतह पर एक जैसे आयन होते हैं। इनकी वजह से मिसेल एक दूसरे के करीब नहीं आते हैं क्योंकि समान आवेश एक दूसरे को प्रतिकर्षित करते हैं। इससे पानी में कोलॉयड नहीं बन पाता है। इससे कपड़े को खंगालते समय मैल और चिकनाई को निकालने में भी मदद मिलती है।
मिसेल का आकार प्रकाश के बिखराव के लिये काफी होता है। इसलिये साबुन का घोल पारदर्शी नहीं होता है।
साबुन और कठोर जल: कठोर जल में कैल्सियम और मैगनीशियम के साल्ट होते हैं। साबुन इन लवणों से प्रतिक्रिया करके कठोर जल में अवक्षेप बनाता है। इसके कारण कठोर जल में साबुन की सफाई करने की क्षमता घट जाती है।
डिटर्जेंट: ये वैसे पदार्थ हैं जो तनु विलयन में भी सफाई की क्षमता रखते हैं। डिटर्जेंट अक्सर लम्बी चेन वाले कार्बोक्सिलिक एसिड के अमोनियम या सल्फोनेट साल्ट होते हैं। सल्फोनेट और अमोनियम के पोलर प्रवृत्ति के कारण डिटर्जेंट कठोर जल में भी कारगर साबित होते हैं।
सारांश:
- कार्बन से बने कंपाउंड को ऑर्गेनिक कंपाउंड कहते हैं।
- इलेक्ट्रॉन के साझा करने से बने बॉन्ड को कोवैलेंट बॉन्ड कहते हैं।
- एक जोड़ी इलेक्ट्रॉन की साझेदारी से सिंगल बॉन्ड, दो जोड़ी से डबल बॉन्ड और तीन जोड़ी इलेक्ट्रॉन की साझेदारी से ट्रिपल बॉन्ड बनता है।
- जब कोई तत्व एक ही भौतिक अवस्था में विभिन्न रूपों में पाया जाता है तो इसे समरूपता कहते हैं।
- कार्बन का एक परमाणु कार्बन के चार अन्य परमाणुओं के साथ बॉन्ड बना सकता है और इसलिये बड़े मॉलिक्यूल बना सकता है। कार्बन की इस क्षमता को कैटेनेशन कहते हैं।
- केवल कार्बन और हाइड्रोजन से मिलकर बनने वाले ऑर्गेनिक कंपाउंड को हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
- जिस हाइड्रोकार्बन में केवल सिंगल बॉन्ड होते हैं उन्हें सैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
- जिस हाइड्रोकार्बन में डबल या ट्रिपल बॉन्ड भी हो उसे अनसैचुरेटेड हाइड्रोकार्बन कहते हैं।
- सिंगल बॉन्ड वाले हाइड्रोकार्बन एल्केन, डबल बॉन्ड वाले एल्कीन और ट्रिपल बॉन्ड वाले एल्काइन कहलाते हैं।
- जो हेटेरोएटम किसी ऑर्गेनिक कंपाउंड को खास गुण प्रदान करता है उसे फंक्शनल ग्रुप कहते हैं।
- समान फंक्शनल ग्रुप वाले ऑर्गेनिक कंपाउंड की सीरीज को होमोलोगस सीरीज कहते हैं।
- फैटी एसिड के साल्ट को साबुन कहते हैं।
- साबुन पानी में मिसेल का निर्माण करता है जिसके कारण सफाई होती है।