प्राकृतिक संसाधनों का प्रबंधन
पाठ से प्रश्न
प्रश्न: 1 पर्यावरण हितैषी बनने के लिये आपको अपनी आदतों में क्या बदलाव लाने चाहिए?
उत्तर: पर्यावरण हितैषी बनने के लिये हमें अपनी आदतों में निम्नलिखित बदलाव लाने की आवश्यकता है:
रिड्यूस: हमें अपने कंजम्प्शन को कम करना चाहिए। इससे विभिन्न चीजों को बनाने में जो ऊर्जा लगती है उसे कम करने में मदद मिलेगी। हमें बिजली और पानी के इस्तेमाल को कम करना चाहिए।
रियूज: चीजों को जितनी बार हो सके दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए। उदाहरण के लिये: पुराने लिफाफों को चिट्ठी भेजने के लिये दोबारा इस्तेमाल करना चाहिए। पुरानी कॉपी को रफ काम करने के लिये इस्तेमाल करना चाहिए। पुरानी बोतलों और शीशियों को मसाले और नमक रखने के लिये इस्तेमाल करना चाहिए।
रिसाइकल: कई ऐसी चीजें होती हैं जिनको रिसाइकल करके नई चीजें बनाई जा सकती हैं। प्लास्टिक, काँच, टिन, अलम्युनियम, आदि को कई बार रिसाइकल किया जा सकता है। किसी भी सामान को फेंकने से पहले हमें यह सोचना चाहिए कि वह रिसाइकल हो सकता है या नहीं। उसे कबाड़ीवाले को दे देना चाहिए; जो पुरानी चीजों को रिसाइकलिंग इंडस्ट्री को बेच देते हैं।
प्रश्न: 2 शॉर्ट टर्म लक्ष्य के हिसाब से संसाधनों का दोहन करने के क्या नुकसान होते हैं?
उत्तर: शॉर्ट टर्म लक्ष्य के हिसाब से संसाधनों का दोहन करने से कोई लाभ नहीं होता है। शॉर्ट टर्म लक्ष्य से ऐसा लगता है कि बहुत लाभ मिल रहा है लेकिन इससे दूरगामी नुकसान होते हैं। जब हम संसाधनों का दोहन करते हैं तो हम इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान को भूल जाते हैं। इसके अलावा हम आने वाली पीढ़ियों की जरूरतों की अनदेखी भी करते हैं।
प्रश्न: 3 लॉन्ग टर्म लक्ष्य के हिसाब से संसाधनों का प्रबंधन करने के क्या लाभ हैं?
उत्तर: लॉन्ग टर्म लक्ष्य के हिसाब से संसाधनों का प्रबंधन करने के कई लाभ मिलते हैं। इससे पर्यावरण को होने वाले नुकसान से बचा जा सकता है। इससे हम यह भी सुनिश्चित करते हैं कि आने वाली पीढ़ियों को संसाधन मिलते रहें।
प्रश्न: 4 आपके हिसाब से संसाधनों का समान रूप से वितरण क्यों जरूरी है? संसाधनों के समान रूप से वितरण में क्या बाधाएँ आ सकती हैं?
उत्तर: हर व्यक्ति को प्राकृतिक संसाधन की जरूरत पड़ती है। प्राकृतिक संसाधन नहीं मिलने से किसी भी व्यक्ति का जीवन कठिन हो जाता है। प्राकृतिक संसाधनों के समान रूप से वितरण में निम्नलिखित बाधाएँ आ सकती हैं।
- कुछ संसाधनों पर मुट्ठी भर धनी लोगों का नियंत्रण होना।
- कुछ संसाधन कुछ सीमित भौगोलिक क्षेत्रों में ही पाये जाते हैं।
- कमजोर कानून के कारण समान रूप से वितरण संभव नहीं हो पाता है।
प्रश्न: 5 वन और वन्यजीव के संरक्षण की क्या आवश्यकता है?
उत्तर: बायोडाइवर्सिटी को बनाये रखने के लिये वन और वन्यजीव अत्यंत महत्वपूर्ण हैं। पारितंत्र के संतुलन को बनाये रखने के लिये एक संपन्न बायोडाइवर्सिटी आवश्यक है। वन हमारे लिये कई महत्वपूर्ण संसाधनों का स्रोत होता है। इसलिये वन और वन्य जीव के संरक्षण की आवश्यकता है।
प्रश्न: 6 वनों के संरक्षण के कुछ तरीके बताएँ।
उत्तर: वन संरक्षण के कुछ तरीके निम्नलिखित हैं:
- फॉरेस्ट मैनेजमेंट में स्थानीय लोगों की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- फॉरेस्ट मैनेजमेंट में अन्य स्टेकहोल्डर की भागीदारी सुनिश्चित करना।
- वन संपदा के दोहन की रोकथाम के लिये बने कानून को सही ढ़ंग से लागू करना।
प्रश्न: 7 अपने क्षेत्र में जल संग्रहण या प्रबंधन के पारंपरिक सिस्टम के बारे में पता कीजिए।
उत्तर: मेरे राज्य में लोग जल संग्रहण के लिये खादिन का इस्तेमाल करते हैं। यह एक चाँद के आकार के गड्ढ़े के रूप में या मौसमी नालों के ऊपर बने चेक डैम के रूप में होता है। इस डैम की ऊँचाई अधिक नहीं होती है। वर्षा ऋतु में नाली में पानी जमा हो जाता है और उस मौसम के बाद भी उसी नाली में बना रहता है। इससे आने वाले महीनों में भी लोगों के लिये पानी उपलब्ध रहता है।
प्रश्न:8 ऊपर दिये गये सिस्टम की तुलना पहाड़ी क्षेत्र या मैदान या किसी पठारी क्षेत्र में इस्तेमाल होने वाली किसी अन्य सिस्टम से कीजिए।
उत्तर: पिछले प्रश्न के उत्तर में बताया गया सिस्टम मैदानी इलाकों के लिये कारगर है। लेकिन पहाड़ी क्षेत्र के लिये अलग तरह के सिस्टम की जरूरत होती है। हिमाचल प्रदेश के कुल्ह पहाड़ी क्षेत्र के लिये सही साबित होते हैं। कुल्ह में पानी गुरुत्वाकर्षण के हिसाब से चलता है। खादिन का मुख्य काम जल संग्रहण है, जबकि कुल्ह का मुख्य काम पानी को एक स्थान से दूसरे स्थान तक ले जाना है।
प्रश्न:9 अपने क्षेत्र में पानी के स्रोत के बारे में पता करें। क्या इस स्रोत से मिलने वाला पानी आपके क्षेत्र में रहने वाली हर व्यक्ति को बराबर मिलता है?
उत्तर: मेरे मुहल्ले में जल बोर्ड द्वारा पानी की सप्लाई होती है। ज्यादातर मध्यम वर्गीय घरों में पानी की सप्लाई के लिये कनेक्शन लगा हुआ है। लेकिन पास की ही एक झोपड़पट्टी के लोगों को पूरा पानी नहीं मिल पाता है। उस झोपड़पट्टी में रहने वाले लगभग 1,000 लोगों के लिये केवल एक ही नल लगा हुआ है।
NCERT अभ्यास प्रश्न
प्रश्न: 1 पर्यावरण हितैषी बनाने के लिये आप अपने घर में क्या बदलाव लाएँगे?
उत्तर: पर्यावरण हितैषी बनाने के लिये मैं अपने घर में निम्नलिखित बदलाव लाउंगा।
- दिन के समय खिड़कियों को खुला रखना चाहिए ताकि प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा आ सके। इससे बिजली बिल को कम करने में मदद मिलेगी।
- पीने के पानी को रखने के लिये मिट्टी के घड़े का इस्तेमाल करना चाहिए। इससे रेफ्रिजरेटर के इस्तेमाल को कम किया जा सकता है।
- एयरकंडिशनर का इस्तेमाल तभी करना चाहिए जब बहुत जरूरी हो।
- जब कोई जरूरत न हो तो पंखे और लाइट को ऑफ कर देना चाहिए।
प्रश्न: 2 पर्यावरण हितैषी बनाने के लिये आप अपने स्कूल में क्या बदलाव लायेंगे?
उत्तर: पर्यावरण हितैषी बनाने के लिये मैं अपने स्कूल में निम्नलिखित बदलाव लाउंगा।
- दिन के समय क्लासरूम की खिड़कियों को खुला रखना चाहिए ताकि प्राकृतिक रोशनी और ताजी हवा आ सके। इससे बिजली बिल को कम करने में मदद मिलेगी।
- सभी टीचर और छात्रों को पैदल या साइकिल से स्कूल आना चाहिए।
- अपशिष्ट जल को रिसाइकल करने के लिये स्कूल में एक रिसाइकलिंग प्लांट लगना चाहिए।
- स्कूल में वर्षा जल संग्रहण के लिये कोई व्यवस्था होनी चाहिए।
प्रश्न: 3 इस लेसन में आपने पढ़ा कि वन और वन्य जीव के प्रबंधन के चार स्टेकहोल्डर होते हैं। इनमें से किस के पास फॉरेस्ट मैनेजमेंट के लिये निर्णय लेने का अधिकार होना चाहिए? आप ऐसा क्यों सोचते हैं?
उत्तर: फॉरेस्ट उत्पाद के मैनेजमेंट के लिये निर्णय लेने का अधिकार वन और उसके आस पास रहने वाले लोगों के पास होना चाहिए। ये लोग वनों से सीधे रूप में प्रभावित होते हैं। इनके पास फॉरेस्ट मैनेजमेट का पारंपरिक ज्ञान भी होता है। वे जंगल से केवल उतना ही लेते हैं जितने की उनको जरूरत होती है। पिछले अनुभवों से यह पता चलता है कि वन प्रबंधन में स्थानीय लोगों की भागीदारी से संरक्षण में हमेशा मदद मिलती है। ऐसा अराबाड़ी फॉरेस्ट और चिपको आंदोलन के केस में देखा गया है।
प्रश्न: 4 एक व्यक्ति के रूप में इनके प्रबंधन में आप किस तरह योगदान करेंगे: (a) वन और वन्य जीव, (b) जल संसाधन और (c) कोयला और पेट्रोलियम?
उत्तर: वन और वन्य जीव के प्रबंधन में मैं निम्नलिखित तरीके से योगदान करूंगा:
- मैं कागज का इस्तेमाल कम कर दूँगा। इससे जंगल को काटने की जरूरत कम होगी। लकड़ी से बने सामान का जितना संभव हो सके मैं दोबारा इस्तेमाल करूँगा। मैं वन्य जीव संरक्षण के बारे में जागरूकता फैलाउंगा।
- मैं अपने घर में पानी का इस्तेमाल कम कर दूँगा।
- कपड़े और सब्जियाँ धोने से बचे पानी को मैं दोबारा इस्तेमाल करूँगा।
- मैं पानी की बरबादी रोकूँगा।
कोयले और पेट्रोलियम के मैनेजमेंट के लिये मैं नीचे लिखे तरीके से काम करूँगा:
- मैं स्कूल जाने के लिये साइकल का इस्तेमाल करूँगा।
- जब कमरे में कोई न रहे तो मैं लाइट और पंखे को ऑफ कर दूँगा।
- मैं अपने माता पिता से पब्लिक ट्रांसपोर्ट इस्तेमाल करने की विनती करूँगा।
प्रश्न: 5 विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल को कम करने के लिये आप क्या करेंगे?
उत्तर: विभिन्न प्राकृतिक संसाधनों के इस्तेमाल को कम करने के लिये मैं ये कदम उठाउंगा।
- मैं विभिन्न चीजों के इस्तेमाल को कम कर दूँगा। मैं बिना जरूरत के चीजें खरीदने से अपने आप को रोकुंगा।
- मैं रफ काम करने के लिये पुरानी कॉपी और लिफाफे इस्तेमाल करूँगा। पुरानी शीशियों का इस्तेमाल चीजें रखने के लिये करूँगा।
- पुराने अखबार और बेकार की चीजें कबाड़ी वाले को दे दूँगा ताकि वे रिसाइकलिंग इंडस्ट्री तक पहुँच जाएं।
प्रश्न: 6 नीचे दिये गये लक्ष्यों को पूरा करने के लिये उन पाँच कामों को लिखिये जो आपने पिछले एक सप्ताह में किया है।
प्रश्न:(a) प्राकृतिक संसाधनों का संरक्षण
उत्तर: मैं कुछ सामान खरीदने के लिये पैदल चलकर बाजार गया। सामान लाने के लिये मैने जूट के थैले का इस्तेमाल किया। रफ काम करने के लिये मैने पुरानी कॉपी का इस्तेमाल किया। मैने किसी भी दिन एयरकंडीशनर का इस्तेमाल नहीं किया।
प्रश्न:(b) प्राकृतिक संसाधनों पर दबाव बढ़ना
उत्तर: मैं अपने पापा की कार से स्कूल गया। मैने अपने बगीचे में सूखी पत्तियाँ जलाई। वाटर पार्क में मैने बहुत सारा पानी बरबाद किया। अपने एक मित्र के जन्मदिन पर मैने एक महंगा उपहार खरीदा। रविवार को मैं पूरे दिन टीवी देखता रहा।
प्रश्न: 7 इस लेसन में जो मुद्दे रखे गये हैं; उनके आधार पर अपनी जीवन शैली में आप क्या बदलाव लायेंगे जिससे संसाधनों का सस्टेनेबल इस्तेमाल होगा?
उत्तर: मैं अपनी लाइफस्टाइल में कुछ ऐसे बदलाव लाउंगा जिससे मैं तीन Rs, यानि reduce, reuse और recycle के सिद्धांत पर अमल कर सकूँ। मैं विभिन्न चीजों के इस्तेमाल को कम करने पर ध्यान दूँगा। ब्रुश करते समय मैं नल को बंद रखूँगा ताकि पानी की बरबादी रोक सकूँ। मैं स्कूल जाने और नजदीक जाने के लिये साइकल इस्तेमाल करूँगा। मैं अपनी माँ को पुरानी बोतल और शीशी को दोबारा इस्तेमाल करने के लिये प्रेरित करूँगा।