व्यापार से साम्राज्य तक
NCERT अभ्यास
प्रश्न 1: निम्नलिखित के जोड़े बनाएँ
Column A | Column B |
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(a) दीवानी | (1) टीपू सुल्तान |
(b) शेर-ए-मैसूर | (2) भूराजस्व वसूल करने का अधिकार |
(c) फौजदारी अदालत | (3) सिपॉय |
(d) रानी चेन्नम्मा | (4) भारत का पहला गवर्नर जेनरल |
(e) सिपाही | (5) फौजदारी अदालत |
(f) वॉरेन हेस्टिंग्स | (6) कित्तूर में अंग्रेज-विरोधी आंदोलन का नेतृत्व किया |
उत्तर: (a) 2, (b) 1, (c) 5, (d) 6, (e) 3, (f) 4
प्रश्न 2: रिक्त स्थान भरें
- बंगाल पर अंग्रेजों की जीत ............... की जंग से शुरु हुई थी।
- हैदर अली और टीपू सुल्तान .............. के शासक थे।
- डलहौजी ने .............. का सिद्धांत लागू किया।
- मराठा रियासतें मुख्य रूप से भारत के ................ भाग में स्थित थीं।
उत्तर: (a) प्लासी, (b) मैसूर, (c) विलय, (d) दक्षिण-पश्चिम
प्रश्न 3: सही या गलत बताएँ
- मुगल साम्राज्य अठारहवीं सदी में मजबूत होता गया।
- इंग्लिश ईस्ट इंडिया कम्पनी भारत के साथ व्यापार करने वाली एकमात्र यूरोपीय कम्पनी थी।
- महाराजा रणजीत सिंह पंजाब के राजा थे।
- अंग्रेजों ने अपने कब्जे वाले इलाकों में कोई शासकीय बदलाव नहीं किए।
उत्तर: (a) गलत, (b) गलत, (c) सही, (d) गलत
प्रश्न 4: यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत की तरफ क्यों आकर्षित हो रही थीं?
उत्तर: भारत के कपास और मसालों की यूरोप में जबरदस्त मांग थी। यहाँ से चीजों को सस्ते में खरीदकर यूरोप में भारी मुनाफा कमाया जा सकता था। इसलिए यूरोपीय व्यापारिक कम्पनियाँ भारत की तरफ आकर्षित हो रही थीं।
प्रश्न 5: बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच किन बातों पर विवाद थे?
उत्तर: बंगाल के नवाबों और ईस्ट इंडिया कम्पनी के बीच कई बातों पर विवाद थे। कम्पनी बिना कोई टैक्स दिए व्यापार करना चाहती थी, जिसकी अनुमति उसे मिल भी गई थी। कम्पनी के कई अफसर अपना निजी व्यापार भी करते थे जिसपर वे टैक्स देने से बचते थे। इससे बंगाल को राजस्व का भारी नुकसान होता था। कम्पनी कई बार नवाबों के राजकाज में भी दखल देती थी।
प्रश्न 6: दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कम्पनी को किस तरह फायदा पहुँचा?
उत्तर: पहले कम्पनी को किसी भी चीज की कीमत सोने या चांदी के रूप में चुकानी होती थी। इससे इंग्लैंड के खजाने पर बहुत दबाव पड़ता था। दीवानी मिलने से कम्पनी को राजस्व का एक विशाल स्रोत मिल चुका था। अब उसे ब्रिटेन से सोना या चांदी मंगाने की जरूरत नहीं रह गई थी। इस तरह से दीवानी मिलने से ईस्ट इंडिया कम्पनी को भारी फायदा हुआ।
प्रश्न 7: ईस्ट इंडिया कम्पनी टीपू सुल्तान को खतरा क्यों मानती थी?
उत्तर: मलाबार के तट से होने वाले व्यापार पर टीपू सुल्तान का मजबूत नियंत्रण था। वह ईस्ट इंडिया कम्पनी को उस व्यापार से दूर ही रखते थे। इसलिए कम्पनी टीपू सुल्तान को खतरा मानती थी।
प्रश्न 8: सब्सिडियरी एलायंस (सहायक संधि) व्यवस्था की व्याख्या करें।
उत्तर: इस संधि के अनुसार, किसी भी भारतीय राजा को अपनी सेना रखने का अधिकार नहीं था। कम्पनी की सेना तैनात की जाती थी और उस ‘संधि सेना’ के लिए राजा को भुगतान करना होता था। यदि कोई राजा समय पर भुगतान नहीं कर पाता था थो उसके इलाके का एक हिस्सा जुर्माने के तौर पर कब्जे में ले लिया जाता था। इसी तरह से अवध और हैदराबाद के इलाकों को कम्पनी ने हथिया लिया था।
प्रश्न 9: कम्पनी का शासन भारतीय राजाओं के शासन से किस तरह अलग था?
उत्तर: भारतीय राजाओं का प्रशासन लचर था। वे कभी भी लोगों की जरूरतों पर ध्यान नहीं देते थे। कम्पनी ने प्रशासन के क्षेत्र में कई सुधार किए। शासन के लिए दुरुस्त व्यवस्था बनाई गई। न्याय व्यवस्था के क्षेत्र में कई सुधार हुए। यहाँ के स्थानीय कानूनों के आधार पर नए कानून बने ताकि स्थानीय परंपराओं का ध्यान रखा जाए।
प्रश्न 10: कम्पनी की सेना की संरचना में आए बदलावों का वर्णन करें।
उत्तर: 1820 के दशक से युद्ध की टेक्नॉलोजी बदलने लगी थी। मुगल शासन में सेना में सवार का महत्व होता था। बंदूकों के आ जाने से सवार का महत्व कम हो गया और पैदल सैनिकों का महत्व बढ़ गया। अंग्रेजों ने एक ऐसी सेना का निर्माण शुरु किया जिसमें ड्रिल और अनुशासन पर अधिक जोर था। अब सिपाहियों की नियमित ट्रेनिंग होती थी।