10 गणित

त्रिभुज

समरूप

प्रमेय 4: यदि दो त्रिभुजों में एक त्रिभुज की भुजाएँ दूसरे त्रिभुज की भुजाओं के समानुपाती (अर्थात एक ही अनुपात में) हों, तो इनके संगत कोण बराबर होते हैं, और इसलिए दोनों त्रिभुज समरूप होते हैं।

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संरचना: दो त्रिभुज ABC और DEF की संगत भुजाएँ समान हैं। इसका मतलब है;
AB/DE = AC/DF = BC/EF

सिद्ध करना है: ∠ A = ∠ D, ∠ B = ∠ E और ∠ C = ∠ F
और इसलिए; Δ ABC ≃ Δ DEF
त्रिभुज DEF में, एक रेखा PQ खींचिए ताकि DP = AB और DQ = AC

प्रमाण:
ΔABC ≅ ΔDPQ
क्योंकि इन त्रिभुज में संगत भुजाएँ बराबर हैं।
इसका मतलब है;
DP/PE = DQ/QF = PQ/EF
यानि; ∠ P = ∠ E और ∠ Q = ∠ F
हमने पहले मान लिया था; ∠ A = ∠ D, ∠ B = ∠ P और ∠ C = ∠ Q
इसलिए; ∠ A = ∠ D, ∠ B = ∠ E और ∠ C = ∠ F
AAA शर्त के अनुसार;
Δ ABC ≃ Δ DEF सिद्ध हुआ।

प्रमेय 5: यदि एक त्रिभुज का एक कोण दूसरे त्रिभुज के एक कोण के बराबर हो तथा इन कोणों को अंतर्गत करने वाली भुजाएँ समानुपाती हों, तो दोनों त्रिभुज समरूप होते हैं।

संरचना: दो त्रिभुज ABC और DEF जिनमें एक त्रिभुज का एक कोण दूसरे त्रिभुज के किसी एक कोण के बराबर है। उस कोण के अंतर्गत आने वाली भुजाओं का अनुपात दूसरे त्रिभुज के समान कोण के अंतर्गत आने वाली भुजाओं के अनुपात के बराबर है। इसका मतलब है;
∠ A = ∠ D and AB/DE = AC/DF

सिद्ध करना है: Δ ABC ≃ Δ DEF
त्रिभुज DEF में रेखा PQ खींचिए ताकि AB = DP और AC = DF हो।

प्रमाण:
ΔABC ≅ ΔDPQ
क्योंकि इन त्रिभुजों की संगत भुजाएँ बराबर हैं।
दिया गया है AB/DE = AC/DF
∠ A = ∠ D
इसलिए; AB/DE = BC/EF (SSS शर्त के अनुसार)
इसलिए; AB/DE = AC/DF = BC/EF
इसलिए; Δ ABC ≃ Δ DEF सिद्ध हुआ।

प्रमेय 6: दो समरूप त्रिभुजों के क्षेत्रफलों का अनुपात इनकी संगत भुजाओं के अनुपात के वर्ग के बराबर होता है।

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संरचना: दो त्रिभुज ABC और PQR आपस में समरूप हैं, यानि ΔABC ≃ Δ PQR.

सिद्ध करना है:
[ar(ABC)]/[ar(PQR)] = AB2/PQ2 = AC2/PR2 = BC2/QR2
AD ⊥ BC और PM ⊥ PR खींचिए।

प्रमाण:
ar(ABC) = ½ x BC x AD
ar(PQR) = ½ x QR x PM
इसलिए;
[ar(ABC)/ar(PQR)] = (BCxAD)/(QRxPM)
अब, त्रिभुज Δ ABD और Δ PQM में;
∠ A = ∠ P, ∠ B = ∠ Q और ∠ D = ∠ M (क्योंकि Δ ABC ≃ Δ PQR)
इसलिए; Δ ABD ≃ Δ PQM
इसलिए; AD/PM = AB/PQ
चूँकि, Δ ABC ≃ Δ PQR
इसलिए, AB/PQ = AC/PR = BC/QR
इसलिए;
[ar(ABC)]/[ar(PQR)] = (AB/PQ) x (AD/PM)
= (AB/PQ) x (AB/PQ) = AB2/PQ2
इसी तरीके से निम्नलिखित को सिद्ध किया जा सकता है:
[ar(ABC)]/[ar(PQR)] = AB2/PQ2 = AC2/PR2 = BC2/QR2

प्रमेय 7: यदि किसी समकोण त्रिभुज के समकोण वाले शीर्ष से कर्ण पर लंब डाला जाए तो इस लंब के दोनों ओर बने त्रिभुज संपूर्ण त्रिभुज के समरूप होते हैं तथा परस्पर भी समरूप होते हैं।

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संरचना: त्रिभुज ABC में B एक समकोण है। शीर्ष B से एक लम्ब BD को कर्ण AC पर डाला गया है।

सिद्ध करना है: Δ ABC ≃ Δ ADB ≃ Δ BDC

प्रमाण: Δ ABC और Δ ADB में;
∠ ABC = ∠ ADB
∠ BAC = ∠ DAB
∠ ACB = ∠ DBA
AAA शर्त के अनुसार; Δ ABC ≃ Δ ADB
Δ ABC और Δ BDC में;
∠ ABC = ∠ BDC
∠ BAC = ∠ DBC
∠ ACB = ∠ DBC
AAA शर्त के अनुसार; Δ ABC ≃ Δ BDC
इसलिए; Δ ABC ≃ Δ ADB ≃ Δ BDC सिद्ध हुआ।

प्रमेय 8: एक समकोण त्रिभुज में कर्ण का वर्ग शेष दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर होता है। इसे पाइथागोरस प्रमेय कहते हैं।

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संरचना: त्रिभुज ABC में B एक समकोण है। शीर्ष B से कर्ण AC पर लम्ब डाला गया है।

सिद्ध करना है: AC2 = AB2 + BC2

प्रमाण: Δ ABC और Δ ADB में;
AB/AC = AD/AB
या, AC x AD = AB2
क्योंकि पिछले प्रमेय के अनुसार, ये समरूप त्रिभुज हैं।
Δ ABC और Δ BDC में;
BC/AC = CD/BC
या, AC x CD = BC2

समीकरण (1) और (2) को जोड़ने पर;
AC x AD + AC x CD = AB2 + BC2
या, AC(AD + CD) = AB2 + BC2
या, AC x AC = AB2 + BC2
या, AC2 = AB2 + BC2 सिद्ध हुआ।

प्रमेय 9: यदि किसी त्रिभुज की एक भुजा का वर्ग अन्य दो भुजाओं के वर्गों के योग के बराबर हो तो पहली भुजा का सम्मुख कोण समकोण होता है।