यौगिक
यौगिक के अणु: अलग-अलग तत्वों के अणु एक निश्चित अनुपात में मिलकर यौगिक के अणु बनाते हैं।
आयन: धातु एवं अधातु के मिलने से जो यौगिक बनता है वह आवेशित कणों से बना होता है। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं, और इस प्रकार के यौगिक को आयनिक यौगिक कहते हैं। आयनिक यौगिक में जिस कण पर धन आवेश रहता है उसे धनायन (cation) कहते हैं, और जिस कण पर ऋण आवेश रहता है उसे ऋणायन (anion) कहते हैं। उदाहरण: सोडियम क्लोराइड एक आयनिक यौगिक है। इसमें धनायन Na+ है, और ऋणायन Cl-1 है।
यौगिक | संघटक तत्व | द्रव्यमान अनुपात | सरलतम अनुपात | सूत्र |
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जल | हाइड्रोजन, ऑक्सीजन | 1 : 8 | 2 : 1 | H2O |
अमोनिया | नाइट्रोजन, हाइड्रोजन | 14 : 3 | 1 : 3 | NH3 |
कार्बन डाइऑक्साइड | कार्बन, ऑक्सीजन | 3 : 4 | 1 : 2 | CO2 |
कैल्सियम ऑक्साइड | कैल्सियम, ऑक्सीजन | 5 : 2 | 1 : 1 | CaO |
मैग्नीशियम सल्फाइड | मैग्नीशियम, सल्फर | 3 : 4 | 1 : 1 | MgS |
सोडियम क्लोराइड | सोडियम, क्लोरीन | 23 : 35.5 | 1 : 1 | NaCl |
रासायनिक सूत्र
गिकों के रासायनिक सूत्रों को लिखने के लिए हमें तत्वों के सिम्बॉल और संयोजकता के बारे में जानना होगा। किसी भी तत्व की संयोजन की क्षमता को उसकी संयोजकता कहते हैं। इसे समझने के लिए एक सरल उदाहरण लेते हैं। हर आदमी के दो हाथ होते हैं, यानि उसकी संयोजकता दो होती है। किसी ऑक्टोपस के आठ हाथ होते हैं, यानि ऑक्टोपस की संयोजकता आठ होती है। इसी तरह जब हम कहते हैं कि सोडियम की संयोजकता 1 है तो इसका मतलब हुआ कि उसके पास 1 भुजा है। यदि सोडियम को किसी ऐसे तत्व के साथ यौगिक बनाना हो जिसकी संयोजकता 1 है तो दोनों के एक एक आयन मिलकर यौगिक बना सकते हैं। सोडियम पर धनावेश रहता है इसलिए वह ऋणावेश वाले आयन के साथ मिलकर यौगिक बना सकता है।
किसी भी यौगिक का रासायनिक सूत्र लिखने के लिए हम सबसे पहले उसके संघतक तत्वों के सिम्बॉल को लिखते हैं। उसके बाद उन तत्वों की संयोजकता को नीचे लिखते हैं। फिर संयोजकता को क्रॉस करके उस संख्या को तत्व के सिम्बॉल के नीचे लिखते हैं। एक उदाहरण नीचे दिया गया है।
हाइड्रोजन क्लोराइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
H | 1 | HCl |
C | 1 |
हाइड्रोजन सल्फाइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
H | 1 | H2S |
S | 2 |
कार्बन टेट्राक्लोराइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
C | 4 | CCl4 |
Cl | 1 |
मैग्नीशियम क्लोराइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
Mg | 2 | MgCl2 |
Cl | 1 |
ऐलुमिनियम ऑक्साइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
Al | 3 | Al2O3 |
O | 2 |
कैल्सियम ऑक्साइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
Ca | 2 | CaO |
O | 2 |
सोडियम नाइट्रेट | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
Na | 1 | NaNO3 |
NO3 | 1 |
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड | ||
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संघटक के चिह्न | संयोजकता | यौगिक का सूत्र |
Ca | 2 | Ca(OH)2 |
Oh | 1 |
आण्विक द्रव्यमान: किसी पदार्थ के संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों के योग से उस पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान मिलता है।
उदाहरण: जल H2O का आण्विक द्रव्यमान इस तरह निकाला जा सकता है:
H का परमाणु द्रव्यमान = 1 u
O का परमाणु द्रव्यमान = 16 u
इसलिए, H2O का आण्विक द्रव्यमान = 2 × 1 + 16 = 18 u
सूत्र इकाई द्रव्यमान: किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों के योग के बराबर होता है। आयनिक यौगिक एक अणु के रूप में अस्तित्व में नहीं रहते हैं बल्कि उनके क्रिस्टल कई अणुओं से मिलकर बने होते हैं। इसलिए आयनिक यौगिक के संदर्भ में हम सूत्र इकाई द्रव्यमान का प्रयोग करते हैं। सूत्र द्रव्यमान इकाई का परिकलन वैसे ही किया जाता है जैसे आण्विक द्रव्यमान का परिकलन होता है।
मोल संकल्पना:
किसी भी पदार्थ के अणु या परमाणु इतने छोटे आकार के होते हैं कि बहुत छोटी मात्रा में भी उनकी संख्या असंख्य हो सकती है। जैसे हम 12 को दर्जन और 12 दर्जन को ग्रौस मानते हैं उसी तरह अणुओं और परमाणुओं की संख्या व्यक्त करने के लिए एक सुविधाजनक इकाई का प्रयोग होता है। किसी भी पदार्थ के 1 मोल में कणों की संख्या निश्चित रहती है और यह संख्या है 6.022 × 1023|
किसी पदार्थ के एक मोल कणों का द्रव्यमान उस पदार्थ के सापेक्ष परमाणु या अणुभार के बराबर ग्राम में होता है। जैसे यदि हाइड्रोजन का परमाणु भार 1 है तो हाइड्रोजन के 1 ग्राम परमाणु में परमाणुओं की संख्या 1 मोल होती है। उसी तरह, हाइड्रोजन का अणु भार 2 है तो हाइड्रोजन के 2 ग्राम अणुओं में अणुओं की संख्या 1 मोल होगी। इसे एवोगाद्रो स्थिरांक या एवोगाद्रो संख्या भी कहते हैं। इसे N0 से निरूपित किया जाता है।