9 विज्ञान

यौगिक

यौगिक के अणु: अलग-अलग तत्वों के अणु एक निश्चित अनुपात में मिलकर यौगिक के अणु बनाते हैं।

आयन: धातु एवं अधातु के मिलने से जो यौगिक बनता है वह आवेशित कणों से बना होता है। इन आवेशित कणों को आयन कहते हैं, और इस प्रकार के यौगिक को आयनिक यौगिक कहते हैं। आयनिक यौगिक में जिस कण पर धन आवेश रहता है उसे धनायन (cation) कहते हैं, और जिस कण पर ऋण आवेश रहता है उसे ऋणायन (anion) कहते हैं। उदाहरण: सोडियम क्लोराइड एक आयनिक यौगिक है। इसमें धनायन Na+ है, और ऋणायन Cl-1 है।

यौगिकसंघटक तत्वद्रव्यमान अनुपातसरलतम अनुपातसूत्र
जलहाइड्रोजन, ऑक्सीजन1 : 82 : 1H2O
अमोनियानाइट्रोजन, हाइड्रोजन14 : 31 : 3NH3
कार्बन डाइऑक्साइडकार्बन, ऑक्सीजन3 : 41 : 2CO2
कैल्सियम ऑक्साइडकैल्सियम, ऑक्सीजन5 : 21 : 1CaO
मैग्नीशियम सल्फाइडमैग्नीशियम, सल्फर3 : 41 : 1MgS
सोडियम क्लोराइडसोडियम, क्लोरीन23 : 35.51 : 1NaCl

रासायनिक सूत्र

गिकों के रासायनिक सूत्रों को लिखने के लिए हमें तत्वों के सिम्बॉल और संयोजकता के बारे में जानना होगा। किसी भी तत्व की संयोजन की क्षमता को उसकी संयोजकता कहते हैं। इसे समझने के लिए एक सरल उदाहरण लेते हैं। हर आदमी के दो हाथ होते हैं, यानि उसकी संयोजकता दो होती है। किसी ऑक्टोपस के आठ हाथ होते हैं, यानि ऑक्टोपस की संयोजकता आठ होती है। इसी तरह जब हम कहते हैं कि सोडियम की संयोजकता 1 है तो इसका मतलब हुआ कि उसके पास 1 भुजा है। यदि सोडियम को किसी ऐसे तत्व के साथ यौगिक बनाना हो जिसकी संयोजकता 1 है तो दोनों के एक एक आयन मिलकर यौगिक बना सकते हैं। सोडियम पर धनावेश रहता है इसलिए वह ऋणावेश वाले आयन के साथ मिलकर यौगिक बना सकता है।

किसी भी यौगिक का रासायनिक सूत्र लिखने के लिए हम सबसे पहले उसके संघतक तत्वों के सिम्बॉल को लिखते हैं। उसके बाद उन तत्वों की संयोजकता को नीचे लिखते हैं। फिर संयोजकता को क्रॉस करके उस संख्या को तत्व के सिम्बॉल के नीचे लिखते हैं। एक उदाहरण नीचे दिया गया है।

हाइड्रोजन क्लोराइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
H1HCl
C1
हाइड्रोजन सल्फाइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
H1H2S
S2
कार्बन टेट्राक्लोराइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
C4CCl4
Cl1
मैग्नीशियम क्लोराइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
Mg2MgCl2
Cl1
ऐलुमिनियम ऑक्साइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
Al3Al2O3
O2
कैल्सियम ऑक्साइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
Ca2CaO
O2
सोडियम नाइट्रेट
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
Na1NaNO3
NO31
कैल्शियम हाइड्रॉक्साइड
संघटक के चिह्नसंयोजकतायौगिक का सूत्र
Ca2Ca(OH)2
Oh1

आण्विक द्रव्यमान: किसी पदार्थ के संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों के योग से उस पदार्थ का आण्विक द्रव्यमान मिलता है।

उदाहरण: जल H2O का आण्विक द्रव्यमान इस तरह निकाला जा सकता है:

H का परमाणु द्रव्यमान = 1 u

O का परमाणु द्रव्यमान = 16 u

इसलिए, H2O का आण्विक द्रव्यमान = 2 × 1 + 16 = 18 u

सूत्र इकाई द्रव्यमान: किसी पदार्थ का सूत्र इकाई द्रव्यमान उसके सभी संघटक परमाणुओं के द्रव्यमानों के योग के बराबर होता है। आयनिक यौगिक एक अणु के रूप में अस्तित्व में नहीं रहते हैं बल्कि उनके क्रिस्टल कई अणुओं से मिलकर बने होते हैं। इसलिए आयनिक यौगिक के संदर्भ में हम सूत्र इकाई द्रव्यमान का प्रयोग करते हैं। सूत्र द्रव्यमान इकाई का परिकलन वैसे ही किया जाता है जैसे आण्विक द्रव्यमान का परिकलन होता है।

मोल संकल्पना:

किसी भी पदार्थ के अणु या परमाणु इतने छोटे आकार के होते हैं कि बहुत छोटी मात्रा में भी उनकी संख्या असंख्य हो सकती है। जैसे हम 12 को दर्जन और 12 दर्जन को ग्रौस मानते हैं उसी तरह अणुओं और परमाणुओं की संख्या व्यक्त करने के लिए एक सुविधाजनक इकाई का प्रयोग होता है। किसी भी पदार्थ के 1 मोल में कणों की संख्या निश्चित रहती है और यह संख्या है 6.022 × 1023|

किसी पदार्थ के एक मोल कणों का द्रव्यमान उस पदार्थ के सापेक्ष परमाणु या अणुभार के बराबर ग्राम में होता है। जैसे यदि हाइड्रोजन का परमाणु भार 1 है तो हाइड्रोजन के 1 ग्राम परमाणु में परमाणुओं की संख्या 1 मोल होती है। उसी तरह, हाइड्रोजन का अणु भार 2 है तो हाइड्रोजन के 2 ग्राम अणुओं में अणुओं की संख्या 1 मोल होगी। इसे एवोगाद्रो स्थिरांक या एवोगाद्रो संख्या भी कहते हैं। इसे N0 से निरूपित किया जाता है।