गुरुत्वाकर्षण
पाठ से प्रश्न
प्रश्न 1: गुरुत्वाकर्षण का सार्वत्रिक नियम बताइए।
उत्तर: किसी भी दो पिंडों के बीच लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल दोनों पिंडों के द्रव्यमान के गुणनफल के समानुपाती और उनके बीच की दूरी के वर्ग के व्युत्क्रमानुपाती होता है। यह बल दोनों पिंडों को मिलाने वाली रेखा की दिशा में लगता है
प्रश्न 2: पृथ्वी तथा उसकी सतह पर रखी किसी वस्तु के बीच लगने वाले गुरुत्वाकर्षण बल का परिमाण ज्ञात करने का सूत्र लिखिए।
उत्तर: यदि दी गई वस्तु का द्रव्यमान m है, पृथ्वी का द्रव्यमान M है और पृथ्वी की त्रिज्या R है तो वस्तु पर लगने वाला गुरुत्वाकर्षण बल
`F=G(M\xx\m)/(R^2)`
प्रश्न 3: मुक्त पतन से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी की ओर केवल गुरुत्वाकर्षण बल के कारण गिरती है, तो कहा जाता है कि वस्तु मुक्त पतन में है। मुक्त पतन से गिरती हुई वस्तु की गति कि दिशा में कोई बदलाव नहीं होता है। लेकिन पृथ्वी के आकर्षण के कारण वेग के परिमाण में परिवर्तन होता है।
प्रश्न 4: गुरुत्वीय त्वरण से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जब कोई वस्तु पृथ्वी पर मुक्त पतन से गिरती है तो उस पर जो त्वरण काम करता है उसे गुरुत्वीय त्वरण कहते हैं। इसका मान `=9.8\\m\\s^(-2)` है।
प्रश्न 5: किसी वस्तु के द्रव्यमान तथा भार में क्या अंतर है?
उत्तर:
द्रव्यमान | भार |
---|---|
यह वस्तु में उपस्थित पदार्थ की मात्रा है। | यह एक बल है। |
यह वस्तु के जड़त्व का मान है। | यह वस्तु पर लगने वाले गुरुत्वीय बल का मान है। |
इसका मान स्थिर रहता है। | इसका मान एक स्थान से दूसरे स्थान पर बदल सकता है। |
द्रव्यमान का मात्रक किग्रा है। | भार का मात्रक न्यूटन है। |
प्रश्न 6: किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा क्यों होता है?
उत्तर: चन्द्रमा का गुरुत्वीय त्वरण पृथ्वी के गुरुत्वीय त्वरण का 1/6 है। इसलिए किसी वस्तु का चंद्रमा पर भार पृथ्वी पर इसके भार का 1/6 गुणा होता है।
प्रश्न 7: एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन क्यों होता है?
उत्तर: पतली डोरी का पृष्ठ क्षेत्रफल काफी कम होता है। कम क्षेत्रफल के कारण पतली डोरी से अधिक दाब उत्पन्न होता है। इसलिए एक पतली तथा मजबूत डोरी से बने पट्टे की सहायता से स्कूल बैग को उठाना कठिन होता है।
प्रश्न 8: उत्प्लावकता से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: जब किसी वस्तु को किसी तरल में रखा जाता है तो वस्तु पर दो बल काम करते हैं। गुरुत्वीय बल नीचे की दिशा में काम करता है और तरल द्वारा लगने वाला बल ऊपर की दिशा में काम करता है। तरल द्वारा लगने वाले इस बल को उत्प्लावकता कहते हैं। उत्प्लावन बल का परिमाण उस तरल के घनत्व पर निर्भर करता है जिसमें वस्तु को डुबोया जाता है।
प्रश्न 9: पानी की सतह पर रखने पर कोई वस्तु क्यों तैरती या डूबती है?
उत्तर: जब वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से कम होता है तो वस्तु तैरती है। लेकिन जब वस्तु का घनत्व पानी के घनत्व से अधिक होता है तो वस्तु डूब जाती है।
प्रश्न 10: एक तुला पर आप अपना द्रव्यमान 42 किग्रा नोट करते हैं। क्या आपका द्रव्यमान 42 किग्रा से अधिक है या कम?
उत्तर: हम जानते हैं कि किसी भी वस्तु के द्रव्यमान का मान स्थिर रहता है। इसलिए मेरा द्रव्यमान 42 किग्रा ही होगा।
प्रश्न 11: आपके पास एक रुई का बोरा तथा एक लोहे की छड़ है। तुला पर मापने पर दोनों 100 किग्रा द्रव्यमान दर्शाते हैं। वास्तविकता में एक-दूसरे से भारी है। क्या आप बता सकते हैं कि कौन सा भारी है और क्यों?
उत्तर: रुई के बोरे का आयतन लोहे की छड़ के आयतन से अधिक होगा। इसलिए रुई के बोरे पर हवा से लगने वाला उत्प्लावन बल भी अधिक होगा। इसलिए रुई का बोरा अधिक भारी होगा।