वृत्त
अभ्यास 10.2 Part 3
प्रश्न 8: एक वृत्त के परिगत एक चतुर्भुज ABCD खींचा गया है। सिद्ध कीजिए:
उत्तर: संरचना: एक वृत्त खींचिए जिसका केंद्र O है। अब एक चतुर्भुज ABCD बनाइए जो वृत्त को बिंदु P, Q, R और S पर स्पर्श करता है।
सिद्ध करना है: `AB + CD = AD + BC`
`AP = AS`
`BP = BQ`
`CQ = CR`
`DR = DS`
(एक ही बाहरी बिंदु से खींची गई स्पर्श रेखाओं की लंबाई समान होती है।)
ऊपर के सभी समीकरणों को जोड़ने पर:
`AP + BP + CR + DR = AS + DS + BQ + CQ`
या, `(AP + BP) + (CR + DR) = (AS + DS) + (BQ + CQ)`
या, `AB + CD = AD + BC` सिद्ध हुआ
प्रश्न 9: दी गई आकृति में XY तथाX’Y’, O केंद्र वाले किसी वृत्त पर दो समांतर रेखाएँ हैं और स्पर्श बिंदु C पर स्पर्श रेखा AB, XY को A तथा X’Y’ को B पर प्रतिच्छेद करती है। सिद्ध कीजिए कि ∠AOB = 90° है।
उत्तर:
ΔAPO और ΔACO में
`AP = AC` (एक ही बिंदु से निकलने वाली स्पर्श रेखाएँ)
`OP = OC` (त्रिज्या)
`OA = OA` (संगत भुजाएँ)
इसलिए, `ΔAPO ≅ ΔACO`
इसलिए, `∠PAO = ∠CAO`
इसलिए, ∠PAC का समद्विभाजक AO है।
इसी तरह से निम्नलिखित को भी सिद्ध किया जा सकता है।
∠QBC का समद्विभाजक BO है।
अब, XY || X’Y’ (दिया गया है)
इसलिए, ∠AOB = समकोण
(तिर्यक रेखा के एक ही ओर के अंत:कोणों के समद्विभाजक आपस में समकोण बनाते हैं।)
प्रश्न 10: सिद्ध कीजिए कि किसी बाह्य बिंदु से किसी वृत्त पर खींची गई स्पर्श रेखाओं के बीच का कोण स्पर्श बिंदुओं को मिलाने वाले रेखाखंड द्वारा अंतरित कोण का संपूरक होता है
उत्तर: संरचना: एक वृत्त खीचिए जिसका केंद्र O है। अब वृत्त पर स्पर्श रेखाएँ PA और PB खींचिए।
सिद्ध करना है: `∠APB + ∠AOB = 180°`
`∠OAP = ∠OBP = 90°`
चतुर्भुज OAPB में
`∠AOB + ∠APB + ∠OAP + ∠OBP = 360°` (चतुर्भुज के सभी कोणों का योग)
या, `∠AOB + ∠APB + 90° + 90° = 360°`
या, `∠AOB + ∠APB = 360° - 180° = 180°` सिद्ध हुआ
प्रश्न 11: सिद्ध कीजिए कि किसी वृत्त के परिगत समांतर चतुर्भुज समचतुर्भुज होता है।
उत्तर: संरचना: एक वृत्त खींचिए जिसका केंद्र O है। एक समांतर चतुर्भुज ABCD खींचिए जो वृत्त को P, Q, R और S बिंदुओं पर स्पर्श करता है।
दिया गया है; AB || DC
AD || BC
सिद्ध करना है: ABCD एक समचतुर्भुज है।
ΔAOB और ΔDOC में,
`AB = DC` (दिया गया है AD || BC)
`∠AOB = ∠DOC` (सम्मुख कोण)
`∠BAO = ∠DCO` (एकांतर कोण)
इसलिए; `ΔAOB ≅ ΔDOC`
इसलिए; `AO = CO` और `BO = DO`
चूँकि विकर्ण एक दूसरे को समद्विभाजित करते हैं, इसलिए दिया गया समांतर चतुर्भुज एक समचतुर्भुज है।