मृदा
NCERT अभ्यास
प्रश्न 1: शैल कणों के अतिरिक्त, मृदा में होते हैं
- वायु और जल
- जल और पादप
- खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
- जल, वायु और पादप
उत्तर: (c) खनिज, जैव पदार्थ, वायु और जल
प्रश्न 2: जल धारण क्षमता सबसे अधिक होती है
- बलुई मृदा में
- मृण्मय मृदा में
- दुमटी मृदा मे
- बालू और दुमट के मिश्रण में
उत्तर: (b) मृण्मय मृदा में
प्रश्न 3: कॉलम और कॉलम का मिलान कीजिए
कॉलम A | कॉलम B |
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(a) जीवों को आवास देने वाली | (1) बड़े कण |
(b) मृदा की ऊपरी परत | (2) सभी प्रकार की मृदा |
(c) बलुई मृदा | (3) गहरे रंग की |
(d) मृदा की मध्य परत | (4) सघन छोटे कण |
(e) मृण्मय मृदा | (5) ह्यूमस की कम मात्रा |
उत्तर: (a) 2, (b) 3, (c) 1, (d) 5, (e) 4
प्रश्न 4: समझाइए की मृदा कैसे बनती है?
उत्तर: मृदा का निर्माण निम्नलिखित चरणों में होता है।
- सूर्य के प्रकाश के कारण शैल दिन में गर्म होते हैं। गर्मी के कारण ये फैल जाते हैं। रात में तापमान कम होने पर शैल सिकुड़ जाते हैं। बार बार फैलने और सिकुड़ने के कारण शैलों में दरार पड़ जाती है।
- इन दरारों में वर्षा का पानी जमा होता है। जब यह पानी जम जाता है तो दरारें अधिक चौड़ी हो जाती हैं। इस तरह से शैल के छोटे टुकड़े हो जाते हैं।
- उसके बाद काई जैसे वनस्पती इन शैलों पर पनपते हैं। इन वनस्पतियों से निकलने वाले रसायनों के कारण शैलों के छोटे टुकड़े बनते हैं।
- उसके बाद पवन और जल के द्वारा इनको और छोटे टुकड़ों में तोड़ा जाता है। समय बीतने के साथ कणों का आकार इतना छोटा हो जाता है कि मृदा का निर्माण होता है।
प्रश्न 5: मृण्मय मृदा किस प्रकार फसलों के लिए उपयोगी है?
उत्तर: मृण्मय मृदा में जल का अवशोषण सबसे अधिक होता है। इस प्रकार की मृदा में ह्यूमस की प्रचुर मात्रा होती है। इसलिए यह मृदा धान की फसल के लिए उपयुक्त होती है।
प्रश्न 6: मृण्मय मृदा और बलुई मृदा के बीच अंतर बताइए।
उत्तर:
मृण्मय मृदा | बलुई मृदा |
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क्ले का अनुपात अधिक होता है। | रेत का अनुपात अधिक होता है। |
जल अंत:स्रवण धीमा होता है। | जल अंत:स्रवण तेजी से होता है। |
जल अवशोषण अधिक होता है। | जल अवशोषण ने के बराबर होता है। |
धान की खेती के लिए उपयुक्त होती है। | ज्वार और बाजरे की खेती के उपयुक्त होती है। |
प्रश्न 7: मृदा की अनुप्रस्थ काट का चित्र बनाइए और विभिन्न परतों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 8: रजिया ने खेत में अंत:स्रवण की दर से संबंधित एक प्रयोग किया। उसने देखा कि उसके द्वारा लिए गए मृदा के नमूने में से 200 मिली जल को अंत:स्रवण करने में 40 मिनट लगे। अंत:स्रवण दर परिकलित कीजिए।
उत्तर: अंत:स्रवण दर = अंत:स्रावित जल की मात्रा ÷ मिनट
= 200 मिली ÷ 40 मिनट = 5 मिली प्रति मिनट
प्रश्न 9: समझाइए कि मृदा प्रदूषण और मृदा अपरदन को किस प्रकार रोका जा सकता है।
उत्तर: मृदा प्रदूषण रोकने के लिए किसानों को खाद का उपयोग कम कर देना चाहिए। कारखानों और घरों के अपशिष्ट जल को समुचित उपचार के बाद ही खेतों में छोड़ना चाहिए।
मृदा अपरदन रोकने के लिए खेतों के किनारों पर वृक्षारोपण करना चाहिए और वनोन्मूलन की रोकथाम करनी चाहिए। पहाड़ी इलाकों में सीढ़ीदार खेतों से भी मृदा अपरदन रोकने में मदद मिलती है।