प्रकाश
उत्तल दर्पण में प्रतिबिंब
उत्तल दर्पण द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा और वस्तु से छोटा होता है।
उत्तल दर्पण के उपयोग
- उत्तल दर्पण का दृष्टि पटल (field of view) काफी बड़ा होता है। इसलिए वाहनों के रियर व्यू मिरर और साइड व्यू मिरर में इनका इस्तेमाल होता है। ये दर्पण वाहन के पीछे के बड़े क्षेत्र का प्रतिबिम्ब बनाते हैं जिससे ड्राइवर को अपने पीछे की ट्रैफिक का एक बड़ा हिस्सा आसानी से नजर आ जाता है।
- तीखे मोड़ों पर उत्तल दर्पण का प्रयोग होता है। ये दर्पण मोड़ की दूसरी तरफ से आने वाले वाहनों को दिखाता है और ड्राइवर को इससे सहूलियत होती है।
लेंस
लेंस दो पारदर्शी सतहों से बना होता है जिसमें कम से कम एक सतह गोलीय होती है। आमतौर पर इस्तेमाल होने वाले लेंसों के दोनों सतह गोलीय होते हैं। लेंस दो प्रकार के होते हैं: उत्तल लेंस और अवतल लेंस।
उत्तल लेंस में प्रतिबिंब: उत्तल लेंस में बनने वाला प्रतिबिंब अक्सर वास्तविक, उल्टा और वस्तु से छोटा होता है। जब वस्तु को लेंस के बहुत नजदीक रखा जाता है तो प्रतिबिंब आभासी, सीधा और वस्तु से बड़ा होता है।
अवतल लेंस में प्रतिबिंब: अवतल लेंस द्वारा बना प्रतिबिम्ब आभासी, सीधा और वस्तु से छोटा होता है।
लेंस के उपयोग
उत्तल लेंस का इस्तेमाल माइक्रोस्कोप, टेलिस्कोप और कैमरा में होता है। उत्तल लेंस और अवतल लेंस का उपयोग चश्मे में होता है।
सूर्य के प्रकाश के घटक रंग
सफेद रोशनी में सात रंग होते हैं, यानि यह सात रंगों की रोशनी के मिलने से बनती है। इन सात रंगों के नाम हैं: बैंगनी, नीला, आसमानी, हरा, पीला, नारंगी और लाल। जब किसी प्रिज्म से सफेद प्रकाश की किरण गुजरती है तो यह सात रंगों में बँट जाती है। इंद्रधनुष बनने का यही कारण होता है।
न्यूटन डिस्क
इस डिस्क को सबसे पहले न्यूटन ने बनाया था। यह एक वृत्ताकार डिस्क होती है जिसपर सात अलग अलग सेक्टर (वृत्तखंड) में इंद्रधनुष के सात रंग पेंट किये जाते हैं। जब एक खास स्पीड पर डिस्क को नचाया जाता है तो डिस्क सफेद दिखती है। इससे पता चलता है कि किस तरह सात रंगों के के प्रकाश के मिलने से सफेद प्रकाश बनता है।