पादप में जनन
NCERT अभ्यास
प्रश्न 1: रिक्त स्थानों की पूर्ति कीजिए
- जनक पादप के कायिक भागों से नए पादप के उत्पादन का प्रकम .............. कहलाता है।
- ऐसे पुष्पों को, जिनमें केवल नर अथवा मादा जनन अंग होता है ............ पुष्प कहते हैं।
- परागकणों का उसी अथवा उसी प्रकार के अन्य पुष्प के परागकोश से वर्तिकाग्र पर स्थानांतरण का प्रक्रम .............. कहलाता है।
- नर और मादा युग्मकों का युग्मन .................... कहलाता है।
- बीज प्रकीर्णन ................., ……………….., और ................... के द्वारा होता है।
उत्तर: (a) कायिक जनन, (b) एकलिंगी, (c) परागन, (d) निषेचन, (e) जंतु, हवा, जल
प्रश्न 2: अलैंगिक जनन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए। प्रत्येक का उदाहरण दीजिए।
उत्तर: पादप में अलैंगिक जनन के तरीके नीचे दिए गए हैं।
कायिक जनन: कायिक शब्द काया से बना हुआ है। कायिक जनन का मतलब है कि पादप के कायिक अंगों से नये पादप का जन्म होता है। पादप के कायिक अंग हैं: जड़, तना और पत्ती।
मुकुलन: यीस्ट एककोशिक कवक है। यीस्ट की कोशिका के एक सिरे पर एक कली (मुकुल) विकसित होती है। फिर यह कली आकार में बढ़ने के बाद जनक कोशिका से अलग हो जाती है। इस तरह से यीस्ट की संतान का जन्म होता है।
खंडन: स्पाइरोगाइरा एक एल्गी (शैवाल) है, जो फिलामेंट के आकार का होता है। स्पाइरोगाइरा का फिलामेंट कई टुकड़ों में बँट जाता है। फिर हर टुकड़े से स्पाइरोगाइरा का नया फिलामेंट विकसित होता है।
बीजाणु: ब्रेड मोल्ड (राइजोपस) एक कवक है जो बासी ब्रेड, फल, सब्ज्यों, आदि पर पनपता है। आपने बासी ब्रेड पर रुई जैसी परत देखी होगी। यह परत ब्रेड मोल्ड के कारण बनती है। मैग्निफाइंग ग्लास से देखने पर आपको इसमें पतले घागे की जाल दिखेगी। इस जाल जैसी संरचना को माइसीलियम या कवक जाल कहते हैं। कई धागों के ऊपर गोल संरचना बनती है जिसे बीजाणुधानी कहते हैं। इनमें बीजाणु बनते हैं। परिपक्व होने के बाद बीजाणुधानी फट जाती है और बीजाणु हवा में बिखर जाते हैं। जब बीजाणु को अनुकूल वातावरण मिलता है (भोजन, नमी और तापमान) तो उसमें से नया ब्रेड मोल्ड जन्म लेता है। फर्न एक पादप है और यह भी बीजाणु द्वारा जनन करता है।
प्रश्न 3: पादपों में लैंगिक जनन के प्रक्रम को समझाइए।
उत्तर: लैंगिक जनन के लिए यह जरूरी होता है कि किसी तरह परागकण और अंडप का मिलन हो। परागकोश से वर्तिकाग्र तक परागकणों के पहुँचने की क्रिया को परागन कहते हैं।
निषेचन: नर और मादा युग्मकों (परागकण और अंडप) के मिलन की प्रक्रिया को निषेचन (फर्टिलाइजेशन) कहते हैं। निषेचन के बाद युग्मनज (जाइगोट) का निर्माण होता है। जाइगोट विकसित होकर भ्रूण बन जाता है। भ्रूण एक ऊपर एक आवरण बनता है और बीज का निर्माण होता है। बीज के अंकुरन के बाद नये पादप का जन्म होता है।
प्रश्न 4: अलैंगिक और लैंगिक जनन के बीच प्रमुख अंतर बताइए।
उत्तर:
अलैंगिक जनन | लैंगिक जनन |
---|---|
केवल एक जनक प्रक्रिया में शामिल होता है। | प्रक्रिया में दो जनक शामिल होते हैं। |
कायिक अंगों द्वारा होता है। | लैंगिक अंगों द्वारा होता है। |
बीज का निर्माण नहीं होता है। | बीज का निर्माण होता है। |
प्रश्न 5: किसी पुष्प का चित्र खींचकर उसमें जनन अंगों को नामांकित कीजिए।
उत्तर:
प्रश्न 6: स्व-परागन और पर-परागन के बीच अंतर बताइए।
उत्तर: स्वपरागन में किसी पुष्प के परागकण उसी पुष्प के वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं, जबकि परपरागन में किसी पुष्प के परागकण किसी अन्य पुष्प पर पहुँचते हैं।
प्रश्न 7: पुष्पों में निषेचन का प्रक्रम किस प्रकार संपन्न होता है?
उत्तर: सबसे पहले परागन होता है जिससे परागकण वर्तिकाग्र पर पहुँचते हैं। उसके बाद परागकण से एक ट्यूब जैसी संरचना निकलती है और वर्तिका को बेधते हुए अंडप तक पहुँचती है। उसके बाद परागकण से न्यूक्लियस निकलकर अंडप के न्यूक्लियस से फ्यूज कर जाता है। इस तरह से निषेचन संपन्न होता है।
प्रश्न 8: बीजों के प्रकीर्णन की विभिन्न विधियों का वर्णन कीजिए।
उत्तर: प्रकृति ने बीजों के प्रकीर्णन के लिए कई अनूठे तरीके इजाद किए हैं।
हवा से प्रकीर्णन: कुछ पादपों के बीज हवा के सहारे दूर दूर तक पहुँच जाते हैं। डैंडेलियन के बीज पर रोयें जैसी संरचनाएँ निकली होती हैं। अपने हल्के वजन और रोयें जैसे संरचनाओं के कारण ये बीज हवा में उड़कर बहुत दूर पहुँच जाते हैं। सहजन और मैपल के बीजों में डैने जैसी रचना होती है जिनकी मदद से ये हवा के सहारे उड़ जाते हैं।
जल से प्रकीर्णन: नारियल का फल बहुत बड़ा और भारी होता है। लेकिन नारियल के छिलके के भीतर हवा भरी होती है जिसके कारण वह पानी के ऊपर उतराता रहता है। इस तरह नारियल के बीज बहुत दूर तक पहुँच पाते हैं। कुछ जलीय पादपों के बीज बहुत छोटे और वजन में हल्के होते हैं। इसलिए ये बीज पानी के ऊपर उतराते हुए दूर दूर तक पहुँच जाते हैं।
जंतुओं द्वारा प्रकीर्णन: जैंथियम के बीज के ऊपर हुक जैसी संरचनाएँ होती हैं। इनकी मदद से जैंथियम के बीज पशुओं के रोएँ से चिपक जाते हैं और दूर दूर तक पहुँच पाते हैं। बंदर और कई अन्य जीव जब फलों को खाते हैं तो उनके बीजों को इधर उधर बिखेर देते हैं। कुछ बीज चिड़िया की बीट के साथ जगह जगह पहुँच जाते हैं।
फल के फटने से प्रकीर्णन: भिंडी की फली जब पकने के बाद सूखती है तो वह फट पड़ती है। फटने के कारण जो धमाका होता है उसके कारण भिंडी के बीज दूर तक बिखर जाते हैं। एरंड और बालसम के बीजों के साथ भी ऐसा ही होता है।
प्रश्न 9: कॉलम A और कॉलम B का मिलान कीजिए
कॉलम A | कॉलम B |
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(a) कली/मुकुल | (1) मैपिल |
(b) आँख | (2) स्पाइरोगाइरा |
(c) खंडन | (3) यीस्ट |
(d) पंख | (4) डबलरोटी की फफूँद |
(e) बीजाणु | (5) आलू |
(6) गुलाब |
उत्तर: (a) 3, (b) 5, (c) 2, (d) 1, (e) 4
प्रश्न 10: सही विकल्प चुनिए
(a) पादप का जनन भाग होता है, उसका
- पत्ती/पर्ण
- तना
- मूल
- पुष्प
उत्तर: (d) पुष्प
(b) नर और मादा युग्मक के युग्मन का प्रक्रम कहलाता है
- निषेचन
- परागन
- जनन
- बीज निर्माण
उत्तर: (a) निषेचन
(c) परिपक्व होने पर अंडाशय विकसित हो जाता है
- बीज में
- पुंकेसर में
- स्त्रीकेसर में
- फल में
उत्तर: (d) फल में
(d) बीजाणु उत्पन्न करने वाला एक पादप जीव है
- गुलाब
- डबलरोटी की फफूँद
- आलू
- अदरक
उत्तर: (b) डबलरोटी की फफूँद
(e) ब्रायोफिलम अपने जिस भाग द्वारा जनन करता है, वह है
- तना
- पत्ती
- मूल
- पुष्प
उत्तर: (b) पत्ती