वन्य समाज और उपनिवेशवाद
NCERT अभ्यास
प्रश्न 1: औपनिवेशिक काल के वन प्रबंधन में आए परिवर्तनों ने इन समूहों को कैसे प्रभावित किया:
(a) झूम खेती करने वालों को
उत्तर: अंग्रेजों को लगता था की झूम खेती से आस पास के पेड़ों में आग लगने का खतरा था। झूम खेती करने वालों से मालगुजारी वसूलना भी कठिन काम था। इसलिए झूम खेती पर प्रतिबंध लग गया। झूम खेती करके अपना पेट पालने वाले लोगों के लिए मुश्किलें बढ़ गईं।
(b) घुमंतू और चरवाहा समुदायों को
उत्तर: आरक्षित वनों में मवेशी चराने पर प्रतिबंध लग गया। अब घुमंतू समुदायों को नये चारागाहों की तलाश में अधिक भटकना पड़ता था। इससे उनके मवेशियों की सेहत और संख्या पर बुरा असर पड़ा होगा।
(c) लकड़ी और वन उत्पादों का व्यापार करने वाली कंपनियों को
उत्तर: नये वन कानून लागू होने से लकड़ी और वन उत्पाद का व्यापार बढ़ गया। उन सामानों का व्यापार करने वाली कंपनियों के लिए यह अपना व्यवसाय बढ़ाने का बेहतर अवसर था। इससे उनकी आमदनी भी बढ़ गई होगी।
(d) बागान मालिकों को
उत्तर: बागान मालिकों को सस्ते दर पर जमीनें दी गईं। नये कानूनों के कारण जो आदिवासी घर से बेघर हुए थे उनके रूप में बागान मालिकों को सस्ते मजदूर भी मिल गये। इस तरह बागान मालिकों का फायदा हुआ।
(e) शिकार खेलने वाले राजाओं और अंग्रेज अफसरों को
उत्तर: राजाओं और अंग्रेज अफसरों को लगता था कि हिंसक जानवरों को मारने से वह लोगों का ही भला कर रहे थे। बड़े जानवरों के शिकार पर कोई प्रतिबंध नहीं था। इसलिए ये लोग अब पहले से अधिक बड़े पैमाने पर अपने मनपसंदीदा शिकार मार सकते थे।
प्रश्न 2: बस्तर और जावा के औपनिवेशक वन प्रबंधन में क्या समानताएँ हैं?
उत्तर: बस्तर और जावा, इन दोनों स्थानों पर कई ऐसे समुदाय थे जो परंपरागत रूप से अपनी आजीविका के लिए वनों पर आश्रित थे। दोनों ही जगहों पर इन लोगों को वनों से दूर रखने की कोशिश की गई। फिर उपनिवेशी शासकों की जरूरतें पूरी करने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ों की कटाई हुई। दोनों जगह पर स्थानीय लोगों ने नये कानूनों का विरोध किया।
प्रश्न 3: सन 1880 से 1920 के बीच भारतीय उपमहाद्वीप के वनाच्छादित क्षेत्र में 97 लाख हेक्टेयर की गिरावट आई। पहले के 10.86 करोड़ हेक्टेयर से घटकर यह क्षेत्र 9.89 करोड़ हेक्टेयर रह गया था। इस गिरावट में निम्नलिखित कारकों की भूमिका बताएँ
(a) रेलवे
उत्तर: रेलवे लाइन बिछाने के लिए लकड़ी के स्लीपर की जरूरत पड़ती थी। इसलिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गये, जिससे जंगल साफ हुए।
(b) जहाज निर्माण
उत्तर: जहाज निर्माण के लिए भारी मात्रा में लकड़ी की जरूरत पड़ती थी। इसके परिणामस्वरूप वन विनाश तेजी से हुआ।
(c) कृषि विस्तार
उत्तर: व्यावसायिक खेती को बढ़ावा देने के लिए अधिक जमीन की जरूरत थी। इसके लिए वनों को साफ किया गया ताकि खेती लायक जमीन तैयार की जा सके।
(d) व्यावसायिक खेती
उत्तर: पिछले प्रश्न जैसा ही उत्तर
(e) चाय कॉफी के बागान
उत्तर: चाय कॉफी के बागान को बढ़ावा देने के लिए अधिक जमीन की जरूरत थी। इसके लिए वनों को साफ किया गया ताकि खेती लायक जमीन तैयार की जा सके।
(f) आदिवासी और किसान
उत्तर: कई आदिवासियों को अपना पेशा बदलना पड़ा। उनमें से कुछ ने स्थाई रूप से खेती शुरु की होगी, जिसके लिए उन्होंने पेड़ भी काटे होंगे। दूसरी ओर, किसानों ने नये कानूनों से मिलने वाले अवसरों का फायदा उठाया और पेड़ काटकर खेती के लायक जमीन तैयार करने लगे।
प्रश्न 4: युद्धों से जंगल क्यों प्रभावित होते हैं?
उत्तर: जब विश्व युद्ध हुए तो ब्रिटेन की युद्ध कालीन जरूरतों को पूरा करने के लिए बड़े पैमाने पर पेड़ काटे गये। इससे जंगलों को नुकसान हुआ। जब जावा पर जापान का कब्जा हुआ तो भागते हुए डच लोगों ने बड़े पैमाने पर आरा मिलों और लकड़ी के लट्ठों में आग लगा दी। यदि जापानियों को वे लकड़ियाँ मिल जातीं तो शायद वे कम पेड़ काटते। इसके अलावा, कुछ पेड़ बमबारी में भी तबाह हुए होंगे। इन उदाहरणों से पता चलता है कि युद्ध से वनों को बहुत नुकसान होता है।