9 विज्ञान

प्राकृतिक संपदा

NCERT अभ्यास

प्रश्न 1: जीवन के लिए वायुमंडल क्यों आवश्यक है?

उत्तर: वायुमंडल का जीवन के लिए महत्व:

प्रश्न 2: जीवन के लिए जल क्यों अनिवार्य है?

उत्तर: हर जैव-रासायनिक प्रक्रिया जल की उपस्थिति में ही सम्पन्न होती है। इसलिए जीवन के लिए जल अनिवार्य है।

प्रश्न 3: जीवित प्राणी मृदा पर कैसे निर्भर हैं? क्या जल में रहने वाले जीव संपदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र हैं?

उत्तर: पादप मिट्टी पर उगते हैं और अपना भोजन स्वयं बनाते हैं। यही भोजन अन्य जीवों के काम आता है। इस तरह से अन्य जीव अपने भोजन के लिए मिट्टी पर निर्भर रहते हैं। स्थलीय जीव और मिट्टी का प्रत्यक्ष संबंध आसानी से दिखाई देता है। जल में रहने वाले जीवों को भी भोजन की जरूरत होती है। भोजन निर्माण के लिए कुछ जरूरी पदार्थ मिट्टी में उपस्थित खनिजों से मिलते हैं। इस तरह से जल में रहने वाले जीव भी संपदा के रूप में मृदा से पूरी तरह स्वतंत्र नहीं हैं।

प्रश्न 4: आपने टेलीविजन पर और समाचारपत्र में मौसम संबंधी रिपोर्ट को देखा होगा। आप क्या सोचते हैं कि हम मौसम के पूर्वानुमान में सक्षम हैं?

उत्तर: ऐसा बहुत कम ही बार होता है कि मौसम की भविष्यवाणी गलत साबित होती है। इसलिए हम कह सकते हैं कि मौसम के पूर्वानुमान में हम बहुत हद तक सक्षम हैं।

प्रश्न 5: हम जानते हैं कि बहुत सी मानवीय गतिविधियाँ वायु, जल एवं मृदा के प्रदूषण स्तर को बढ़ा रहे हैं। क्या आप सोचते हैं कि इन गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में सहायता मिलेगी?

उत्तर: मृदा के प्रदूषण को कुछ समय के लिए एक विशेष क्षेत्र में सीमित किया जा सकता है लेकिन यह बात वायु या जल के लिए लागू नहीं होती है। हवा एक स्थान से दूसरे स्थान तक आती जाती रहती है और यही बात जल के लिए भी सही है। इसलिए मानव गतिविधियों को कुछ विशेष क्षेत्रों में सीमित कर देने से प्रदूषण के स्तर को घटाने में बहुत ही सीमित सहायता मिलेगी।

प्रश्न 6: जंगल वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को कैसे प्रभावित करते हैं?

उत्तर: जंगल कई तरीके से वायु, मृदा तथा जलीय स्रोत की गुणवत्ता को प्रभावित करते हैं। पवन के साथ आने वाले धूलकणों को जंगल रोक लेता है जिससे हवा काफी हद तक साफ हो जाती है। इसके अलावा, पेड़ों के कारण हवा में ऑक्सीजन और कार्बन डाइऑक्साइड का संतुलन बना रहता है।

पेड़ की जड़ें मृदा अपरदन की रोकथाम में बहुत मददगार साबित होती हैं। जंगल के कारण मिट्टी में ह्यूमस की मात्रा भी बनी रहती है। जंगल मिट्टी को अधिक सरंध्र बनाते हैं जिससे भौमजल के पुनर्भरण में मदद मिलती है। इससे जलीय स्रोत की गुणवत्ता बेहतर हो जाती है।