भोजन: संग्रह से उत्पादन तक
आप क्या सीखेंगे:
- नवपाषाण युग
- खेती की शुरुआत
- पहिये का आविष्कार
नवपाषाण युग
पाषाण युग के आखिरी चरण को नवपाषाण युग कहते हैं। इस चरण की शुरुआत लगभग 10,000 वर्ष पहले हुई थी। इसी चरण में आदमी ने खेती करना शुरु किया था।
नवपाषाण युग के औजार: नवपाषाण युग के औजार बहुत छोटे आकार के और अत्यंत सुगढ़ होते थे। पत्थर को बेहतर ढ़ंग से तराशा जाने लगा और कुछ औजारों में हैंडल भी लगाये जाने लगे, जैसे भाला, कुल्हाड़ी, हँसिया, तीर, आदि।
नावपाषाण युग के साइट
इस नक्शे में भारत में स्थित नवपाषाणयुगीन पुरास्थलों को दिखाया गया है।
- बुर्जहोम और गुफक्राल (जम्मू और कश्मीर)
- मेहरगढ़ (पाकिस्तान)
- चिराँद (बिहार)
- दाओजली हेडिंग (पूर्वोत्तर)
- कोल्डिहवा (उत्तर प्रदेश)
- हल्लूर और पय्यमपल्ली (दक्षिण भारत)
कृषि के पुरावशेष | |
---|---|
पुरास्थल | अनाज और हड्डियाँ |
मेहरगढ़ (आधुनिक पाकिस्तान) | गेहूँ, जौ, भेड़, बकरी, मवेशी |
कोल्डिहवा (उत्तर प्रदेश) | चावल, जानवरों की हड्डियों के टुकड़े |
महागढ़ा (उत्तर प्रदेश) | चावल, मवेशी (मिट्टी पर खुरों के निशान) |
गुफक्राल (कश्मीर) | गेहूँ, दाल |
बुर्जहोम (कश्मीर) | गेहूँ, दलहन, कुत्ता, मवेशी, भेड़, बकरी, भैंस |
चिराँद (बिहार) | गेहूँ, हरे चने, जौ, भैंस, बैल |
हल्लूर (आंध्र प्रदेश) | ज्वार-बाजरा, मवेशी, भेड़, जंगली सूअर |
पय्यमपल्ली (आंध्र प्रदेश) | काला चना, ज्वार-बाजरा, मवेशी, भेड़, जंगली सूअर |
खेती की शुरुआत
खेती की शुरुआत को मानव इतिहास की सबसे क्रांतिकारी घटना माना जाता है, क्योंकि इसी के साथ बसने की प्रक्रिया की शुरुआत हुई। खेती के कारण ही आदमी खानाबदोश जीवन को छोड़कर स्थायी जीवन जीने लगा।
इतिहासकारों का मानना है कि खेती की खोज सबसे पहले महिलाओं ने की होगी। ऐसा इसलिए संभव हुआ होगा क्योंकि महिलाओं को गर्भावस्था और फिर बच्चे के पालन पोषण के दौरान एक स्थान पर ही टिककर रहना पड़ा होगा। किसी एक स्थान पर लंबे समय तक रहने के दौरान महिलाओं और बच्चों ने बीज से पौधे को पनपते देखा होगा। यही देख कर उन्होने पौधे उगाना सीखा होगा।
खेती के लाभ:
- खेती से भोजन की आपूर्ति बेहतर हो गई होगी। साथ ही, शिकार और भोजन संग्रह पर से निर्भरता कम हुई होगी।
- हम जानते हैं कि किसी भी पौधे को फल और बीज देने में महीनों लग जाते हैं। इसलिए फसल की देखभाल करने के लिए लोगों को एक ही स्थान पर टिकने की जरूरत हुई होगी। इसीसे बसने की प्रक्रिया की शुरुआत हुई होगी।
- जब जरूरत से अधिक भोजन मिलने लगा तो लोगों को इतना खाली समय मिलने लगा होगा कि अपने बौद्धिक विकास पर ध्यान दें। इससे वैज्ञानिक, कला और भाषा की क्षमता का विकास हुआ होगा।
बसने की प्रक्रिया के साथ साथ समुदायों का आकार बढ़ने लगा। धीरे-धीरे समुदाय इतने बड़े हुए कि गांवों का विकास हुआ। यहाँ यह बताना जरूरी है कि गांव उस जगह को कहते हैं जहाँ लोगों का मुख्य व्यवसाय कृषि होता है।