क्या, कब, कहाँ, और कैसे?
आप क्या सीखेंगे:
- इतिहास क्या है
- इतिहास के स्रोत
- भारत का नाम कैसे पड़ा
- तारीखों के मतलब क्या हैं
इतिहास का क्या मतलब है?
मानव के बीते हुए कल की कहानी को इतिहास कहते हैं। मानव समाज में विभिन्न कालों में तरह तरह के बदलाव हुए हैं। इतिहास से हमें इन बदलावों का पता चलता है।
इतिहास का महत्व:
- इतिहास से हमें बीते हुए कल के राजाओं, साम्राज्यों और समाज के बारे में पता चलता है।
- इतिहास से हमें यह पता चलता है कि भूतकाल में लोग कैसे रहते थे, क्या खाते थे और क्या पहनते थे।
- इतिहास हमें उन लोगों के पेशे के बारे में बतलाता है।
- इतिहास से हमें अपने पूर्वजों की महान उपलब्धियों के बारे में पता चलता है।
- इतिहास से हमें अपने पूर्वजों द्वारा की गई गलतियों के बारे में पता चलता है।
- इतिहास से हमें यह भी पता चलता है कि किसी खास काल में बच्चे किस तरह के खेल खेला करते थे।
- इतिहास से हम सबक लेते हैं ताकि एक बेहतर भविष्य बना सकें।
लोग कहाँ रहते थे
भारतीय उपमहाद्वीप में प्रागैतिहासिक काल में लोग निम्नलिखित स्थानों पर रहते थे:
- नर्मदा नदी के तट पर
- उत्तर-पश्चिम में स्थित सुलेमान और किरथर पहाड़ियों पर
- पूर्वोत्तर की गारो पहाड़ियों पर और मध्य भारत की विंध्य पहाड़ियों पर
- सिंधु और उसकी सहायक नदियों के पास
- गंगा और सोन नदियों के किनारे
नर्मदा नदी: कई हजार वर्षों तक लोग नर्मदा नदी के नजदीक रहते थे। वे लोग शिकार करते थे, या फिर कंद-मूल-फल इकट्ठा करते थे। ऐसे लोग किसी एक स्थान पर नहीं रहते थे, बल्कि खानाबदोश या बंजारे थे।
सुलेमान और किरथर की पहाड़ियाँ: इन पहाड़ियों में लोग लगभग 8000 वर्ष पहले रहते थे। वे उन पहले लोगों में से थे जिन्होंने खेती की शुरुआत की थी। वे गेहूँ और जौ की खेती करते थे। ये लोग भेड़, बकरी तथा गाय-बैलों को पाला करते थे। ये लोग एक स्थाई जीवन जीवन जीते थे, यानि एक ही स्थान पर टिक कर रहते थे। इसी समय के आसपास गांवों का निर्माण होने लगा था।
गारो और विंध्य की पहाड़ियाँ: गारो की पहाड़ियों में रहने वाले लोग उन पहले लोगों में से थे जिन्होंने धान की खेती शुरु की। विंध्याचल के उत्तर की तरफ भी धान की खेती होती थी।
सिंधु और उसकी सहायक नदियाँ: सिंधु और उसकी सहायक नदियों के आस पास आरंभिक शहरों का विकास लगभग 4700 वर्ष पहले हुआ।
गंगा और सोन: गंगा नदी के किनारों पर शहरों का विकास लगभग 2500 वर्ष पहले शुरु हुआ। कुछ शहर सोन जैसी सहायक नदियों के किनारे भी विकसित हुए। कुछ शहरों का विकास समुद्री तटों पर भी हुआ।