जलवायु
NCERT अभ्यास
बहुवैकल्पिक प्रश्न
प्रश्न 1: नीचे दिए गए स्थानों में किस स्थान पर विश्व में सबसे अधिक वर्षा होती है?
- सिलचर
- चेरापूंजी
- मासिनराम
- गुवाहाटी
उत्तर: (c) मासिनराम
प्रश्न 2: ग्रीष्म ऋतु में उत्तरी मैदानों में बहने वाली पवन को निम्नलिखित में से क्या कहा जाता है?
- काल वैशाखी
- व्यापारिक पवनें
- लू
- इनमें से कोई नहीं
उत्तर: (d) लू
प्रश्न 3: निम्नलिखित में से कौन सा कारण भारत के उत्तर पश्चिम भाग में होने वाली वर्षा के लिए उत्तरदायी है?
- चक्रवातीय अवदाव
- पश्चिमी विक्षोभ
- मानसून की वापसी
- दक्षिण पश्चिम मानसून
उत्तर: (b) पश्चिमी विक्षोभ
प्रश्न 4: भारत में मानसून का आगमन निम्नलिखित में से कब होता है?
- मई के प्रारंभ में
- जून के प्रारंभ में
- जुलाई के प्रारंभ में
- अगस्त के प्रारंभ में
उत्तर: (b) जून के प्रारंभ में
प्रश्न 5: निम्नलिखित में से कौन से भारत में शीत ऋतु की विशेषता है?
- गर्म दिन एवं गर्म रातें
- गर्म दिन एवं ठंडी रातें
- ठंडा दिन एवं ठंडी रातें
- ठंडा दिन एवं गर्म रातें
उत्तर: (c) ठंडा दिन एवं ठंडी रातें
निम्न प्रश्नों के उत्तर दीजिए
प्रश्न 1: भारत की जलवायु को प्रभावित करने वाले कौन-कौन से कारक हैं?
उत्तर: अक्षांश, तुंगता (ऊँचाई), वायु दाब एवं पवन तंत्र, समुद्र से दूरी, महासागरीय धाराएँ तथा उच्चावच लक्षण
प्रश्न 2: भारत में मानसूनी प्रकार की जलवायु क्यों है?
उत्तर: भारत की जलवायु मुख्य रूप से मानसून पवनों से प्रभावित होती है। इसलिए यहाँ की जलवायु को मानसूनी जलवायु कहते हैं।
प्रश्न 3: भारत के किस भाग में दैनिक तापमान अधिक होता है एवं क्यों?
उत्तर: भारत के उत्तर पश्चिमी भाग में दैनिक तापमान अधिक होता है, क्योंकि यहाँ पर समुद्र का समकारी प्रभाव न के बराबर होता है।
प्रश्न 4: किन पवनों के कारण मलाबार तट पर वर्षा होती है?
उत्तर: मानसून पवन
प्रश्न 5: जेट धाराएँ क्या हैं तथा वे किस प्रकार भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं?
उत्तर: क्षोभमंडल में अत्यधिक ऊँचाई (12,000 मीटर से अधिक) पर एक संकरी पट्टी में बहने वाली हवाओं को जेट धारा कहते हैं। भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में ऊपरी वायु परिसंचरण पश्चिमी प्रवाह के प्रभाव में रहता है। इस प्रवाह का एक मुख्य घटक जेट धारा है। इस प्रकार जेट धाराएँ भारत की जलवायु को प्रभावित करती हैं।
प्रश्न 6: मानसून को परिभाषित करें। मानसून में विराम से आप क्या समझते हैं?
उत्तर: पवनों की दिशा में अचानक से होने वाले उत्क्रमण को (मई जून महीनों में) को मानसून कहते हैं। मानसूनी वर्षा एक साथ कुछ दिनों के लिए होती है। उसके बाद कुछ दिनों का वर्षा रहित अंतराल आता है। इसे मानसून में विराम कहते हैं।
प्रश्न 7: मानसून को एक सूत्र में बाँधने वाला क्यों समझा जाता है?
उत्तर: मानसून के आते ही भारत में कृषि की प्रक्रिया में तेजी आ जाती है। आज भी भारत की आधे से अधिक आबादी अपनी जीविका के लिए कृषि पर निर्भर है। इसके अलावा कृषि के कारण ही हर भारतीय को प्रचुर मात्रा में भोजन मिल पाता है। इसलिए भारत के त्योहार, यहाँ की संस्कृति, कृषि-चक्र और यहाँ के जीव और वनस्पति पर मानसून का गहरा असर है। इसलिए मानसून को भारत की एकता का परिचायक माना जाता है।
प्रश्न 8: उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा क्यों घटती जाती है?
उत्तर: जब मानसून पवनें उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ती हैं, तो इनमें आर्द्रता कम होने लगती है। इसलिए उत्तर भारत में पूर्व से पश्चिम की ओर वर्षा की मात्रा घटती जाती है।
प्रश्न 9: कारण बताएँ
(a) भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्तन क्यों होता है?
उत्तर: सूर्य की आभाषीय गति के कारण निम्न दाब का गर्त उत्तर से दक्षिण की ओर और फिर दक्षिण से उत्तर की ओर होता रहता है। इसलिए भारतीय उपमहाद्वीप में वायु की दिशा में मौसमी परिवर्त्न होता है।
(b) भारत में अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है।
उत्तर: भारत में वर्षा मुख्य रूप से मानसून के महीनों में ही होती है। इसलिए यहाँ अधिकतर वर्षा कुछ ही महीनों में होती है।
(c) तमिलनाडु तट पर शीत ऋतु में वर्षा होती है।
उत्तर: तमिलनाडु तट पर मानसून की वापसी के समय वर्षा होती है। इसलिए यहाँ शीत ऋतु में वर्षा होती है।
(d) पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्राय: चक्रवात आते हैं।
उत्तर: बंगाल की खाड़ी में निम्न दाब का क्षेत्र बन जाता है। इसके कारण पूर्वी तट के डेल्टा वाले क्षेत्र में प्राय: चक्रवात आते हैं।
(e) राजस्थान गुजरात के कुछ भाग तथा पश्चिमी घाट का वृष्टि छाया क्षेत्र सूखा प्रभावित क्षेत्र है।
उत्तर: राजस्थान, गुजरात के कुछ भागों तथा पश्चिमी घाट के वृष्टि छाया क्षेत्र में आर्द्र पवन पहुँच नहीं पाती है क्योंकि यह पहाड़ियों से टकराकर पहले ही दूसरी तरफ वर्षा कर देती हैं। इसलिए इन क्षेत्रों में सूखा पड़ता है।
प्रश्न 10: भारत की जलवायु अवस्थाओं की क्षेत्रीय विभिन्नताओं को उदाहरण सहित समझाएँ।
उत्तर: जलवायु पर समुद्र का समकारी प्रभाव पड़ता है। इसलिए समुद्र के नजदीक वाले स्थानों पर मौसम एक समान रहता है। समुद्र से जितना दूर जाते हैं मौसम असमान होने लगता है। इसलिए चेन्नई का मौसम सालों भर एक समान रहता है जबकि दिल्ली के मौसम में एक वर्ष में कई उतार चढ़ाव आते हैं। मौसम की इस विषमता को महाद्वीपीय अवस्था कहते हैं।तटीय क्षेत्रों में और प्रायद्वीपीय भागों में मौसम लगभग एक समान रहता है। पूर्वोत्तर में भारी वर्षा होती है। उत्तर और उत्तर-पश्चिम में तेज गर्मी पड़ती है और सर्दी भी उतनी ही भीषण होती है।
प्रश्न 11: मानसून अभिक्रिया की व्याख्या करें।
उत्तर: मानसून जून के प्रथम सप्ताह में भारतीय प्रायद्वीप के दक्षिणी छोर से प्रवेश करता है। इसके बाद यह दो भागों में बँट जाता है: अरब सागर शाखा और बंगाल की खाड़ी शाखा।अरब सागर शाखा: लगभग दस दिन बाद, यानि 10 जून के आस पास, अरब सागर शाखा मुंबई पहुँचती है। 15 जून तक अरब सागर शाखा सौराष्ट्र, कच्छ एवं देश के मध्य भागों में पहुँच जाती है।
बंगाल की खाड़ी शाखा: यह शाखा भी तेजी से आगे बढ़ती है और जून के पहले सप्ताह में असम पहुँच जाती है। असम के ऊँचे पर्वतों से टकराकर यह शाखा पश्चिम में गंगा के मैदान की ओर मुड़ जाती है।
उसके बाद दोनों शाखाएँ गंगा के मैदान के उत्तर-पश्चिमी भाग में आपास में मिल जाती हैं। दिल्ली में मानसूनी वर्षा बंगाल की खाड़ी शाखा से जून के अंतिम सप्ताह (29 जून तक) होती है। जुलाई के पहले सप्ताह तक मानसून पश्चिमी उत्तर प्रदेश, पंजाब, हरियाणा और पूर्वी राजस्थान तक पहुँच जाता है। 15 जुलाई तक मानसून हिमाचल प्रदेश और देश के बाकी हिस्सों में पहुँच जाता है।
मानसून की वापसी भारत के उत्तर-पश्चिमी राज्यों से सितंबर में शुरु हो जाती है। अक्तूबर के मध्य तक मानसून प्रायद्वीप के उत्तरी भाग से पूरी तरह हट जाता है। उसके बाद प्रायद्वीप के दक्षिणी भाग में वापसी की गति तेजी से होती है। दिसंबर के शुरु होते होते देश के बाकी हिस्सों से मानसून वापस हो जाता है।
प्रश्न 12: शीत ऋतु की अवस्था एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर: उत्तरी भारत में शीत ऋतु मध्य नवंबर से फरवरी तक रहती है। देश के उत्तरी भागों दिसंबर और जनवरी सबसे ठंडे महीने होते हैं। दक्षिण से उत्तर की ओर बढ़ने पर तापमान घटता जाता है। उत्तर में तुषारापात सामान्य है और हिमालय के उपरी ढ़ालों पर हिमपात होता है। इस मौसम में आसमान साफ, तापमान तथा आर्द्रता कम एवं पवनें शिथिल तथा परिवर्तित होती हैं।
शीत ऋतु में विशेष लक्षण है उत्तरी मैदानों में पश्चिम एवं उत्तर-पश्चिम से चक्रवाती विक्षोभ का अंतर्वाह। यह एक कम दाब वाली प्रणाली है जो भूमध्यसागर और पश्चिमी एशिया के ऊपर उत्पन्न होती है। इस चक्रवाती विक्षोभ के कारण शीत ऋतु में मैदानों में वर्षा होती है और पर्वतों पर हिमपात होता है।
प्रश्न 13: भारत में होने वाली मानसूनी वर्षा एवं उसकी विशेषताएँ बताएँ।
उत्तर: वर्षा ऋतु की शुरुआत में पश्चिमी घाट के पवनमुखी भाग में भारी वर्षा होती है। दक्कन का पठार और मध्य प्रदेश के कुछ भाग में भी वर्षा होती है, हालाँकि ये क्षेत्र वृष्टि छाया क्षेत्र में आते हैं।
मानसून की अधिकतर वर्षा देश के उत्तर-पूर्वी भागों में होती है। पूर्वी भागों में अधिक वर्षा होती है। जैसे-जैसे गंगा के मैदान में पूर्व से पश्चिम की ओर बढ़ते हैं, वर्षा की मात्रा घटती जाती है। राजस्थान तथा गुजरात के कुछ भागों में बहुत कम वर्षा होती है।
वर्षा में विराम: मानसूनी वर्षा एक साथ कुछ दिनों के लिए होती है। उसके बाद कुछ दिनों का वर्षा रहित अंतराल आता है। इसे वर्षा में विराम कहते हैं।