यूरोप में राष्ट्रवाद का उदय
Extra Questions Answers
प्रश्न:1 राष्ट्रवाद का क्या मतलब होता है?
उत्तर: जो विचारधारा किसी भी राष्ट्र के सदस्यों में एक साझा पहचान को बढ़ावा देती है उसे राष्ट्रवाद कहते हैं। राष्ट्रवाद की भावनाओं की जड़ें जमाने के लिये कई प्रतीकों का सहारा लिया जाता है; जैसे राष्ट्रीय ध्वज, राष्ट्रीय प्रतीक, राष्ट्रगान, आदि।
प्रश्न:2 यूरोप में राष्ट्रवाद की शुरुआत कब और कैसे हुई?
उत्तर: यूरोप में नये राष्ट्रों के निर्माण की प्रक्रिया 1789 में शुरु होने वाली फ्रांस की क्रांति के साथ शुरु हो गई थी। लेकिन किसी भी नई विचारधारा की तरह राष्ट्रवाद को भी अपनी जड़ जमाने में लगभ एक सदी लग गया।
प्रश्न:3 राष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति कब और कहाँ हुई?
उत्तर: राष्ट्रवाद की पहली अभिव्यक्ति फ्रांस में 1789 में हुई।
प्रश्न:4 नेपोलियन ने प्रशासन के क्षेत्र में क्या बदलाव किये?
उत्तर: नेपोलियन ने प्रशासन के क्षेत्र में कई क्रांतिकारी बदलाव किये और प्रशासन व्यवस्था को बेहतर और कुशल बनाया। नेपोलियन ने 1804 में सिविल कोड लागू किया। इसे नेपोलियन कोड भी कहा जाता है। इस कोड ने जन्म के आधार पर मिलने वाली हर सुविधा को समाप्त कर दिया। हर नागरिक को समान हैसियत प्रदान की गई और संपत्ति के अधिकार को पुख्ता किया गया। नेपोलियन ने फ्रांस की तरह अपने नियंत्रण वाले हर इलाके में प्राशासनिक सुधार किये। उसने सामंती व्यवस्था को खत्म किया। किसानों को दासता और जागीर को अदा होने वाले शुल्कों से मुक्त किया। उसने शहरों में प्रचलित शिल्प मंडलियों द्वारा लगाई गई पाबंदियों को भी समाप्त किया। यातायात और संचार के साधनों में सुधार किये गये।
प्रश्न:5 नेपोलियन के बारे में यूरोप के अन्य इलाकों में क्या भावना थी?
उत्तर: फ्रांस ने जिन इलाकों पर कब्जा जमाया गया था, वहाँ के लोगों की फ्रांसीसी शासन के बारे में मिली जुली प्रतिक्रिया थी। शुरु शुरु में लोगों ने फ्रांस की सेना को आजादी के दूत के रूप में देखा। लेकिन जल्दी ही यह भावना बदल गई। लोगों को समझ में आने लगा कि इस नई शासन व्यवस्था से राजनैतिक आजादी की उम्मीद नहीं की जा सकती थी। टैक्स में भारी बढ़ोतरी हुई। लोगों को जबरदस्ती फ्रांस की सेना में भर्ती कराया गया। इस सबके फलस्वरूप लोगों का शुरुआती जोश जल्दी ही विरोध में बदलने लगा।
प्रश्न:6 फ्रांसीसी क्रांति के पहले यूरोप की क्या स्थिति थी?
उत्तर: अठारहवीं सदी के मध्यकाल में यूरोप में वैसे राष्ट्र नहीं हुआ करते थे जैसा हम आज जानते और समझते हैं। आधुनिक जर्मनी, इटली और स्विट्जरलैंड कई सूबों, प्रांतों और साम्राजयों में बँटे हुए थे। हर शासक अपने आप में स्वतंत्र हुआ करता था। पूर्वी और मध्य यूरोप में कई शक्तिशाली राजा थे जिनके अधीन विभिन्न प्रकार के लोग रहा करते थे। इन लोगों की कोई साझा पहचान नहीं होती थी। उनमें यदि कोई समानता थी तो वह थी किसी एक खास शासक के प्रति समर्पण।
प्रश्न:7 अठारहवीं सदी के यूरोप का कुलीन वर्ग कैसा था?
उत्तर: यूरोपीय महाद्वीप में जमीन से संपन्न कुलीन वर्ग हमेशा से ही सामाजिक और राजनैतिक तौर पर प्रभावशाली हुआ करता था। कुलीन वर्ग के लोगों की जीवन शैली एक जैसी होती थी जिसका इस बात से कोई लेना देना नहीं था कि वे किस क्षेत्र में रहते थे। शायद इसी जीवन शैली के कारण वे एक सूत्र में बंधे रहते थे। उनकी जागीरें ग्रामीण इलाकों में होती थीं और उनके आलीशान बंगले शहरी इलाकों में होते थे। आपस में संबंध बनाये रखने के लिये उनके परिवारों के बीच शादियाँ भी होती थीं। वे फ्रेंच भाषा बोलते थे ताकि अपनी एक खास पहचान बनाये रखें और कूटनीतिक संबंध जारी रखें।
प्रश्न:8 यूरोप में मध्यम वर्ग का उदय कैसे हुआ?
उत्तर: पश्चिमी और केंद्रीय यूरोप के कुछ भागों में उद्योग धंधे में वृद्धि होने लगी थी। इससे शहरों का विकास हुआ और उन शहरों में एक नये व्यावसायिक वर्ग का उदय हुआ। इस नये वर्ग का जन्म बाजार के लिये उत्पादन की मंशा से हुआ था। इस परिघटना ने समाज में नये समूहों और वर्गों को जन्म दिया। इस नये सामाजिक वर्ग में एक वर्ग मजदूरों का था और दूसरा मध्यम वर्ग का। उस मध्यम वर्ग के मुख्य हिस्सा थे उद्योगपति, व्यापारी और व्यवसायी। इसी मध्यम वर्ग ने राष्ट्रीय एकता की भावना को एक रूप प्रदान किया।
प्रश्न:9 यूरोप में उन्नीसवीं सदी में आर्थिक क्षेत्र में कौन से सुधार हुए?
उत्तर: 1834 में प्रसिया की पहल पर जोवरलिन के कस्टम यूनियन का गठन हुआ। बाद में अधिकाँश जर्मन राज्य भी इस यूनियन में शामिल हो गये। चुंगी की सीमाएँ समाप्त की गईं और मुद्राओं के प्रकार को तीस से घटाकर दो कर दिया गया। इसी बीच रेल नेटवर्क के विकास ने आवगमन को और सरल बना दिया। इससे एक तरह के आर्थिक राष्ट्रवाद का विकास हुआ।
प्रश्न:10 ग्रीस की आजादी पर एक टिप्पणी लिखें।
उत्तर: ग्रीस की आजादी का संघर्ष 1821 में शुरु हुआ था। ग्रीस के राष्ट्रवादियों को ग्रीस के ऐसे लोगों से भारी समर्थन मिला जिन्हे देशनिकाला दे दिया गया था। इसके अलावा उन्हें पश्चिमी यूरोप के अधिकाँश लोगों से भी समर्थन मिला जो प्राचीन ग्रीक संस्कृति का सम्मान करते थे। मुस्लिम साम्राज्य के विरोध करने वाले इस संघर्ष का समर्थन बढ़ाने के लिए कवियों और कलाकारों ने भी जन भावना को इसके पक्ष में लाने की भरपूर कोशिश की। यहाँ पर यह बताना जरूरी है कि ग्रीस उस समय ऑटोमन साम्राज्य का एक हिस्सा हुआ करता था। आखिरकार 1832 में कॉन्स्टैंटिनोपल की ट्रीटी के अनुसार ग्रीस को एक स्वतंत्र देश की मान्यता दे दी गई। ग्रीस की आजादी की लड़ाई ने पूरे यूरोप के पढ़े लिखे वर्ग में राष्ट्रवाद की भावना को और मजबूत कर दिया।
प्रश्न:11 इटली के एकीकरण में कैवर का क्या योगदान था?
उत्तर: इटली के विभिन्न क्षेत्रों को एक करने के आंदोलन की अगुवाई मुख्यमंत्री कैवर ने की थी। उसने फ्रांस से एक कूटनीतिक गठबंधन किया और इसलिए 1859 में ऑस्ट्रिया की सेना को हराने में कामयाब हो गया। उस लड़ाई में सेना के जवानों के अलावा, कई सशस्त्र स्वयंसेवकों ने भी भाग लिया था जिनकी अगुवाई जिउसेपे गैरीबाल्डी कर रहा था। 1860 के मार्च महीने में वे दक्षिण इटली और टू सिसली के राज्य की ओर बढ़ चले। उन्होंने स्थानीय किसानों का समर्थन जीत लिया और फिर स्पैनिश शासकों को उखाड़ फेंकने में कामयाब हो गए। 1861 में विक्टर इमैंयुएल (द्वितीय) को एक समग्र इटली का राजा घोषित किया गया।