विनिर्माण उद्योग
रसायन उद्योग
भारत के सकल घरेलू उत्पाद में रसायन उद्योग का शेअर 3% है। भारत का रसायन उद्योग का एशिया में तीसरे नम्बर पर है और विश्व में बारहवें नम्बर पर है।
अकार्बनिक रसायन: सल्फ्यूरिक एसिड, नाइट्रिक एसिड, अल्काली, सोडा ऐश और कॉस्टिक सोडा अकार्बनिक रसायन हैं। सल्फ्यूरिक एसिड का इस्तेमाल उर्वरक, सिंथेटिक फाइबर, प्लास्टिक, एढ़ेसिव, पेंट और डाई बनाने में किया जाता है। सोडा ऐश का इस्तेमाल काँच, साबुन, डिटर्जेंट, कागज, आदि बनाने में होता है।
कार्बनिक रसायन: पेट्रोकेमिकल इस श्रेणी में आता है। पेट्रोकेमिकल का इस्तेमाल सिंथेटिक फाइबर, सिंथेटिक रबर, प्लास्टिक, डाई, दवा, आदि बनाने में होता है। कार्बनिक रसायन की फैक्टरियाँ तेल रिफाइनरी और पेट्रोकेमिकल प्लांट के आस पास मौजूद हैं।
रसायन उद्योग ही अपना सबसे बड़ा ग्राहक होता है।
उर्वरक उद्योग
उर्वरक उद्योग में मुख्य रूप से नाइट्रोजन युक्त उर्वरक, फॉस्फ़ेटिक उर्वरक, अमोनियम फॉस्फेट और कॉम्प्लेक्स उर्वरक का उत्पादन होता है। कॉम्प्लेक्स उर्वरक में नाइट्रोजन, फॉस्फेट और पोटाश का समावेश होता है। भारत के पास वाणिज्यिक रूप से इस्तेमाल लायक पोटाश या पोटैशियम उत्पाद के भंडार नहीं हैं। इसलिई भारत को पोटाश का आयात करना पड़ता है।
भारत नाइट्रोजन युक्त उर्वरक का विश्व का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। यहाँ 57 खाद कारखाने हैं जहाँ नाइट्रोजन युक्त उर्वरक और कॉम्प्लेक्स उर्वरक का उत्पादन होता है। उनमें से 29 कारखानों में यूरिया का उत्पादन होता है और 9 कारखानों में बाइप्रोडक्ट के रूप में अमोनियम सल्फेट का उत्पादन होता है। यहाँ 68 छोटे कारखाने हैं जो सिंगल सुपरफॉस्फेट बनाते हैं।
सीमेंट उद्योग
सीमेंट उद्योग में भारी कच्चा माल लगता है; जैसे चूना पत्थर, सिलिका, एल्यूमिना और जिप्सम। गुजरात में सीमेंट के कई कारखाने हैं क्योंकि वहाँ बंदरगाह नजदीक है।
भारत में सीमेंट के 128 बड़े और 323 छोटे कारखाने हैं।
क्वालिटी में सुधार के बाद से भारत के सीमेंट को पूर्वी एशिया, गल्फ देशों, अफ्रिका और दक्षिण एशिया में अच्छा बाजार मिल गया है। उत्पादन और निर्यात के मामले में यह उद्योग अच्छा प्रदर्शन कर रहा है।
मोटरगाड़ी उद्योग
आज भारत में लगभग हर प्रकार की मोटरगाड़ी बनती है। 1991 की उदारवादी नीतियों के बाद कई मोटरगाड़ी कम्पनियों ने भारत में काम शुरु कर दिया। आज का भारत मोटरगाड़ी के लिए अच्छा बाजार बन गया है। अभी भारत में कार और मल्टी यूटिलिटी वेहिकल के 15 निर्माता, कॉमर्सियल वेहिकल के 9 निर्माता और दोपहिया वाहन के 15 निर्माता हैं। मोटरगाड़ी उद्योग के मुख्य केंद्र हैं दिल्ली, गुड़गाँव, मुम्बई, पुणे, चेन्नई, कोलकाता, लखनऊ, इंदौर, हैदराबाद, जमशेदपुर, बंगलोर, सानंद, पंतनगर, आदि।