कोशिका संरचना
कोशिका के मुख्य भाग नीचे दिए गए हैं।
कोशिका झिल्ली
कोशिका झिल्ली को प्लाज्मा मेम्ब्रेन भी कहते हैं। यह कोशिका की सीमा बनाती है। कोशिका झिल्ली, प्रोटीन और लिपिड से बनी होती है। इससे होकर कुछ चुनिंदा पदार्थों का आवागमन होता है। इसलिए कोशिका झिली को अर्धपारगम्य झिल्ली कहते हैं।
- कोशिका झिल्ली, कोशिका के भीतर के पदार्थों को बाहरी वातावरण से अलग करती है।
- यह कोशिका को सुरक्षा प्रदान करती है।
- यह कोशिका और उसके बाहरी वातावरण के बीच पदार्थों के आदान प्रदान में मदद करती है।
कोशिका भित्ति
पादप और बैक्टीरिया की कोशिकाओं में कोशिका झिल्ली के अलावा एक और आवरण होता है जिसे कोशिका भित्ति कहते हैं। पादप की कोशिका भित्ति सेल्यूलोज की बनी होती है। कोशिका भित्ति पादप कोशिका को अतिरिक्त मजबूती और सुरक्षा प्रदान करती है।
कोशिका द्रव्य
कोशिका झिल्ली और न्यूक्लियस के बीच मौजूद जेली जैसे द्रव को कोशिका द्रव या साइटोप्लाज्म कहते हैं। कोशिका द्रव्य में विभिन्न कोशिकांग पाए जाते हैं। कोशिकांगों के उदाहरण हैं: माइटोकॉन्ड्रिया, गॉल्जी बॉडी, राइबोसोम, लाइसोसोम, क्लोरोप्लास्ट, आदि।
केंद्रक
यह एक गोलाकार रचना है जो आमतौर पर कोशिका के केंद्र में पाई जाती है। केंद्रक या न्यूक्लियस के चारों ओर एक दोहरी झिल्ली होती है जिसे न्यूक्लियर मेम्ब्रेन कहते हैं। न्यूक्लियस के भीतर एक बिंदु जैसी रचना होती है जिसे केंद्रिका या न्यूक्लिओलस कहते हैं। न्यूक्लियस के भीतर धागे जैसी संरचनाएँ होती हैं जिन्हें क्रोमोसोम कहते हैं। माता-पिता से संतानों तक आनुवंशिक लक्षणों के स्थानांतरण के लिए क्रोमोसोम जिम्मेदार होते हैं। केंद्रक का काम है कोशिका के विभिन्न कामों को नियंत्रित करना।
न्यूक्लियस के भीतर जेनेटिक मैटीरियल (आनुवंशिक पदार्थ) होते हैं, जिन्हें डीएनए और आरएनए कहते हैं। जरूरी नहीं है कि हर जीव में जेनेटिक मैटीरियल किसी झिल्ली के भीतर मौजूद हों, यानि यह जरूरी नहीं कि हर जीव में न्यूक्लियस हो। इस आधार पर सजीवों को दो समूहों में बाँटा जाता है: प्रोकैरियोट और यूकैरियोट।
प्रोकैरियोट
जिस जीव के जेनेटिक मैटीरियल, न्यूक्लियस के रूप में संगठित नहीं होते हैं उस जीव को प्रोकैरियोट कहते हैं। दूसरे शब्दों में, प्रोकैरियोट में न्यूक्लियस अनुपस्थित रहता है। बैक्टीरिया और नीले-हरित शैवाल प्रोकैरियोट के उदाहरण हैं।
यूकैरियोट
जिस जीव के जेनेटिक मैटीरियल, न्यूक्लियस के रूप में संगठित होते हैं उस जीव को यूकैरियोट कहते हैं। दूसरे शब्दों में, यूकैरियोट में न्यूक्लियस मौजूद रहता है। बैक्टीरिया और नील-हरित शैवाल को छोड़कर बाकी सभी जीव यूकैरियोट होते हैं।
जीवद्रव्य
कोशिका के भीतर के द्रव को जीवद्रव्य या प्रोटोप्लाज्म कहते हैं। प्रोटोप्लाज्म दो तरह का होता है, साइटोप्लाज्म और न्यूक्लियोप्लाज्म। कोशिका झिल्ली और न्यूक्लियस के बीच के द्रव को साइटोप्लाज्म कहते हैं। न्यूक्लियस के भीतर के द्रव को न्यूक्लियोप्लाज्म कहते हैं।
रिक्तिका
कोशिका के भीतर द्रव से भरी हुई कुछ थैलियाँ दिखाई देती हैं, जिन्हें रिक्तिका (वक्युओल) कहते हैं। पादप कोशिकाओं में रिक्तिका बहुत बड़ी और एक दो ही होती हैं। जंतु कोशिका में रिक्तिकाएँ बहुत छोटी और कई होती हैं। कुछ जंतु कोशिका में रिक्तिका नहीं रहती है।
प्लैस्टिड
कोशिका के भीतर कुछ रंगीन बिंदु जैसी रचनाएँ दिखती हैं, जिन्हें प्लास्टिड कहते हैं। ये केवल पादप कोशिकाओं में पाए जाते हैं। क्लोरोप्लास्ट एक प्रकार का प्लास्टिड है। इसके भीतर एक हरे रंग का पिगमेंट होता है जिसे क्लोरोफिल कहते हैं। क्लोरोफिल या पर्णहरित के कारण पत्तियों का रंग हरा होता है और यह प्रकाशसंश्लेषण का काम करता है।
पादप कोशिका और जंतु कोशिका में अंतर
पादप कोशिका | जंतु कोशिका |
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कोशिका भित्ति उपस्थित | कोशिका भित्ति अनुपस्थित |
क्लोरोप्लास्ट उपस्थित | क्लोरोप्लास्ट अनुपस्थित |
रिक्तिका बहुत बड़ी होती है | रिक्तिका बहुत छोटी होती है या नहीं होती है |