कोयला और पेट्रोलियम
प्राकृतिक संसाधन
जो संसाधन प्रकृति से मिलते हैं उन्हें हम प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, हवा, पानी, मिट्टी, आदि।
अक्षय प्राकृतिक संसाधन
कुछ प्राकृतिक संसाधन इतनी प्रचुर मात्रा में उपलब्ध हैं कि मानव क्रियाकलापों से भी वे कभी समाप्त नहीं होंगे। इन्हें अक्षय प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण: हवा, पानी, सूर्य का प्रकाश, आदि।
समाप्त होने वाले संसाधन
कुछ प्राकृतिक संसाधन सीमित मात्रा में उपलब्ध हैं और मानव गतिविधियों से वे जल्दी ही समाप्त हो जाएंगे। इन्हें समाप्त होने वाले प्राकृतिक संसाधन कहते हैं। उदाहरण: कोयला, पेट्रोलियम, खनिज, वन, वन्यजीव, आदि।
जीवाश्म ईंधन: कोयला और पेट्रोलियम का निर्माण पादपों और जंतुओं के मृत अवशेष से हुआ है। इसलिए कोयला और पेट्रोलियम को जीवाश्म ईंधन कहते हैं।
जीवाश्म: जीवों के मृत अवशेष जो 10,000 वर्षों से भी पुराने हैं उन्हें जीवाश्म कहते हैं।
कोयला
कोयला एक जीवाश्म ईंधन है। यह पत्थर की तरह सख्त होता है। यह काले रंग का होता है और मुख्य रूप से कार्बन से बना होता है।
कोयले का निर्माण
कोई 30 करोड़ वर्ष पहले निचले इलाकों में घने जंगल हुआ करते थे। ये जंगल मिट्टी के भीतर दब गये। समय बीतने के साथ इनके ऊपर मिट्टी की परत दर परती जमती चली गई। अपने ऊपर मिट्टी की परतों के उच्च दाब और पृथ्वी के भीतर के उच्च तापमान के कारण ये अवशेष समय बीतने के साथ कोयले में बदल गए।
कार्बनीकरण: पौधों के कोयले में बदलने की प्रक्रिया को कार्बनीकरण कहते हैं।
कोयले के उपयोग
जब कोयले को हवा की उपस्थिति में गर्म किया जाता है तो इसका दहन होता है और इस अभिक्रिया में ऊष्मा और कार्बन डाइऑक्साइड गैस निकलती है।
- पुराने जमाने में भाप के इंजनों में कोयले का उपयोग ईंधन के रूप में होता था।
- आज अधिकतर थर्मल पावर प्लांट में कोयले का इस्तेमाल ईंधन के रूप में होता है
- आज भी कुछ घरों और रेस्तरां में ईंधन के रूप में कोयले का इस्तेमाल होता है।
- कोयले के प्रक्रमण से कई उपयोगी चीजें बनती हैं, जैसे कोक, कोलतार और कोयला गैस।
कोक
कोक, कार्बन का लगभग शुद्ध रूप है। यह सख्त, सरंध्र और काला होता है। सरंध्र का मतलब होता है कि इसमें असंख्य छेद होते हैं। स्टील के निर्माण और कई धातुओं को खनिज से निकालने में कोक का इस्तेमाल होता है।
कोलतार
यह एक गाढ़ा काला द्रव है जिसकी गंध खराब होती है। कोलतार लगभग 200 पदार्थों का मिश्रण है। इसका इस्तेमाल कई चीजों को बनाने में कच्चे माल के तौर पर होता है, जैसे संश्लेषित डाई, औषधि, विस्फोटक, परफ्यूम, प्लास्टिक, पेंट, फोटोग्राफिक मैटीरियल, नैप्थलीन की गोलियाँ, छत पर लगाने में। इसे पक्की सड़क बनाने में भी इस्तेमाल किया जाता है। लेकिन आजकल सड़क बनाने में कोलतार की जगह बिटुमेन (पेट्रोलियम उत्पाद) का इस्तेमाल होने लगा है।
कोयला गैस
कोयले से कोक बनाने की प्रक्रिया में कोयला गैस भी बनती है। कोयले की खानों के नजदीक के उद्योगों में कोयला गैस को ईंधन की तरह इस्तेमाल किया जाता है।