धातु और अधातु
धातु: जिस पदार्थ में चमक, ध्वन्यता, तन्यता और आघातवर्ध्यता होती है और जो पदार्थ ऊष्मा और विद्युत का सुचालक होता है उसे धातु कहते हैं। उदाहरण: कॉपर, आयरन, मैग्नीशियम, एल्युमीनियम, आदि।
अधातु: जिस पदार्थ में चमक, ध्वन्यता, तन्यता और आघातवर्ध्यता नहीं होती है और जो पदार्थ ऊष्मा और विद्युत का कुचालक होता है उसे अधातु कहते हैं। उदाहरण: कार्बन, सल्फर, फॉस्फोरस, ऑक्सीजन, आदि।
भौतिक गुण
आघातवर्ध्यता: धातु को पीटकर उसकी पतली चादर बनाई जा सकती है। धातु के इस गुण को आघातवर्ध्यता (मैलिएबिलिटि) कहते हैं।
तन्यता: धातु को खींचकर तार बनाई जा सकती है। धातु के इस गुण को तन्यता (डक्टिलिटी) कहते हैं।
ध्वन्यता: जब धातु पर चोट की जाती है तो उसमें से एक निनाद ध्वनि (घंटी की तरह आवाज) निकलती है। धातु के इस गुण को ध्वन्यता कहते हैं। अधातु को पीटने से ऐसी ध्वनि नहीं निकलती है। इसलिए घंटियाँ हमेशा धातु से बनती हैं।
चमक या द्युति: धातु में एक चमक होती है जिसे द्युति कहते हैं। अधातुओं में ऐसी चमक का अभाव रहता है।
चालकता: जिस पदार्थ से होकर ऊष्मा और विद्युत धारा प्रवाहित हो सकती है उसे सुचालक कहते हैं और पदार्थ के इस गुण को चालकता कहते हैं।
भौतिक स्वरूप: सामान्य तापमान पर धातु ठोस अवस्था में पाए जाते हैं। मरकरी इसका अपवाद है। सामान्य तापमान पर कुछ अधातु ठोस, तो कुछ द्रव और कुछ गैस होते हैं।
गुण | धातु | अधातु |
---|---|---|
दिखावट | चमकदार | मलिन |
कठोरता | कठोर | भंगुर |
आघातवर्धनीयता | हाँ | नहीं |
तन्यता | हाँ | नहीं |
ऊष्मा चालन | सुचालक | कुचालक |
विद्युत चालन | सुचालक | कुचालक |
धातु के उपयोग
- धातु से मशीन और औजार बनते हैं।
- आयरन से जहाज, पुल, रेल लाइन, आदि बनती है।
- कॉपर से बिजली के तार बनते हैं।
- एल्यूमीनियम से बरतन बनते हैं।
- सोने और चाँदी से जेवर बनते हैं।
अधातु के उपयोग
- हर सजीव को श्वसन के लिए ऑक्सीजन की जरूरत पड़ती है।
- पादप, प्रकाश संश्लेषण में कार्बन डाइऑक्साइड का इस्तेमाल करते हैं।
- क्लोरीन से पानी की सफाई की जाती है।
- आयोडीन के विलयन का इस्तेमाल एंटीसेप्टिक के रूप में होता है।
- कोयला (कार्बन) एक महत्वपूर्ण ईंधन है।