धातु और अधातु
रासायनिक गुण
ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया
धातु जब ऑक्सीजन के साथ अभिक्रिया करता है तो ऑक्साइड बनाता है। धातु के ऑक्साइड अक्सर क्षारीय प्रवृत्ति के होते हैं।
उदाहरण: जब आयरन को खुले में छोड़ दिया जाता है तो यह ऑक्सीजन और नमी से प्रतिक्रिया करके आयरन ऑक्साइड बनाता है। लोहे पर जमने वाली जंग की परत आयरन ऑक्साइड की परत होती है।
Fe + O2 + H2O → Fe2O3
उदाहरण: जब मैग्नीशियम के फीते को हवा में जलाया जाता है तो मैग्नीशियम ऑक्साइड बनता है।
Magnesium (Mg) + Oxygen (O2) → Magnesium oxide (MgO)
उदाहरण: जब कॉपर को बहुत दिनों के लिए खुले में छोड़ा जाता है, तो उसके ऊपर हरे रंग की परत जम जाती है। कॉपर और हवा में मौजूद गैसों के बीच अभिक्रिया होने से कॉपर हाइड्रॉक्साइड और कार्बन डाइऑक्साइड बनता है। हरी परत इन्हीं पदार्थों के मिश्रण के कारण बनती है।
अधातु जब ऑक्सीजन के साथ प्रतिक्रिया करता है तो अधातु का ऑक्साइड बनता है। अधातु के ऑक्साइड अम्लीय प्रवृत्ति के होते हैं।
उदाहरण: जब सल्फर को जलाया जाता है सल्फर ऑक्साइड बनता है।
S + O2 → SO2
जब सल्फर डाइऑक्साइड को जल में घुलाया जात है तो सल्फ्यूरस एसिड बनता है।
SO2 + H2O → H2SO3
जल के साथ प्रतिक्रिया
कुछ धातु पानी के साथ बहुत ही तेजी से प्रतिक्रिया करते हैं, कुछ धीमी गति से तो कुछ बिलकुल नहीं।
उदाहरण: सोडियम एक बहुत ही अधिक प्रतिक्रियाशील धातु है तो जल के साथ बहुत तेजी से प्रतिक्रिया करता है। यह अभिक्रिया ऊँचे दर्जे की ऊष्माक्षेपी अभिक्रिया है। इस अभिक्रिया में इतनी ज्यादा ऊष्मा निकलती है कि सोडियम में आग लग जाती है। इसलिए सोडियम को केरोसीन में डुबा कर रखा जाता है ताकि गलती से आग न लग जाए।
आयरन को पानी के साथ प्रतिक्रिया करने में कई दिन लग जाते हैं। आयरन जब वातावरण में उपस्थित नमी और ऑक्सीजन से प्रतिक्रिया करता है तो आयरन ऑक्साइड बनता है जिसे आम भाषा में जंग कहते हैं।
कॉपर ठंडे या गर्म पानी के साथ अभिक्रिया नहीं करता है, लेकिन भाप के साथ अभिक्रिया करके कॉपर ऑक्साइड बनाता है।
सिल्वर और गोल्ड की जल के साथ किसी भी तापमान पर अभिक्रिया नहीं होती है।
अधातु सामान्यतया जल से प्रतिक्रिया नहीं करते हैं। फॉस्फोरस और हवा बीच की प्रतिक्रिया तेज होती है और इसमें आग भी लग जाती है। इस अभिक्रिया और आग लगने से रोकने के लिए फॉस्फोरस को पानी में डुबा कर रखा जाता है।
एसिड के साथ प्रतिक्रिया
धातु सामान्यतया तनु अम्ल के साथ प्रतिक्रिया करते हैं तो हाइड्रोजन गैस निकलती है। जब गैस के पास जलती हुई माचिस की तीली लाई जाती है और वह ‘पॉप’ की आवाज के साथ जलती है तो इससे साबित होता है कि हाइड्रोजन गैस निकली है।
कॉपर और हाइड्रोक्लोरिक एसिड (तनु या सांद्र) के बीच कोई अभिक्रिया नहीं होती है। लेकिन कॉपर और सांद्र सल्फ्यूरिक एसिड के बीच प्रतिक्रिया होती है। अधातु और एसिड के बीच अभिक्रिया आम तौर पर नहीं होती है।
क्षार के साथ प्रतिक्रिया
जिंक (धातु) और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के बीच प्रतिक्रिया होने पर हाइड्रोजन गैस निकलती है।
अधातु और सोडियम हाइड्रॉक्साइड के बीच की प्रतिक्रिया काफी जटिल होती है।
विस्थापन अभिक्रिया
जब कोई धातु किसी दूसरी धातु के लवण (साल्ट) के विलयन के साथ प्रतिक्रिया करता है और दूसरी धातु को हटाकर अपना साल्ट बना लेता है तो इसे विस्थापन अभिक्रिया कहते हैं। ऐसा तभी होता है जब कोई अधिक प्रतिक्रियाशील धातु अपने से कम प्रतिक्रियाशील धातु के साल्ट के साथ प्रतिक्रिया करता है।
उदाहरण: जब कॉपर सल्फेट के विलयन में जिंक के दाने डाले जाते हैं तो कॉपर सल्फेट का नीला रंग गायब हो जाता है और विलयन रंगहीन हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि जिंक अधिक प्रतिक्रियाशील होने के कारण कॉपर को विस्थापित करके जिंक सल्फेट बनाता है।
CuSO4 + Zn → ZnSO4 + Cu
उदाहरण: जब कॉपर सल्फेट के विलयन में लोहे की कीलें डाली जाती हैं तो कॉपर सल्फेट का नीला रंग गायब हो जाता है और विलयन हरा हो जाता है। ऐसा इसलिए होता है कि आयरन अधिक प्रतिक्रियाशील होने के कारण कॉपर को विस्थापित करके आयरन सल्फेट बनाता है।
CuSO4 + Fe → FeSO4 + Cu