समानता
सिविल राइट्स मूवमेंट
संयुक्त राज्य अमेरिका में अफ्रिकी-अमेरिकनों पर हमेशा से अत्याचार होते रहे हैं। 1950 के दशक तक अमेरिका में अफ्रिकी-अमेरिकनों को मुख्य समाज से दूर रखा जाता था। उनके स्कूल अलग थे, मुहल्ले अलग थे। बस में उन्हें पीछे की सीट पर बैठना होता था और किसी गोरे व्यक्ति के आने की स्थिति में उसके लिए सीट छोड़नी पड़ती थी।
एक बार 1955 में रोजा पार्क्स नाम की एक अश्वेत महिला दिन भर के काम की थकान के बाद बस में बैठी थी। जब एक श्वेत व्यक्ति बस में सवार हुआ तो रोजा पार्क्स ने उसके लिए सीट छोड़ने से मना कर दिया। फिर रोजा पार्क्स पर मुकदमा हुआ और उन्हें कई तरह की मानसिक यातनाएँ झेलनी पड़ीं।
उस घटना के प्रतिशोध में अमेरिका में नागरिक अधिकार आंदोलन शुरु हुआ। सरकार को आंदोलनकारियों की बात माननी पड़ी। फिर 1964 में नागरिक अधिकार अधिनियम बना जिसके अनुसार नस्ल, धर्म और रास्ट्रीयता के आधार पर भेदभाव का निषेध किया गया।
NCERT अभ्यास
प्रश्न 1: लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क मताधिकार क्यों महत्वपूर्ण है?
उत्तर: लोकतंत्र का मतलब है ऐसी शासन व्यवस्था जिसमें सरकार का चुनाव जनता करती है, यानि जनता के पास असली अधिकार होते हैं। यह तभी संभव है जब हर नागरिक के पास समान अधिकार होंगे। इसलिए लोकतंत्र में सार्वभौमिक वयस्क्त मताधिकार महत्वपूर्ण है।
प्रश्न 2: बॉक्स में दिए गए संविधान के अनुच्छेद के अंश को पुन: पढ़िए और दो ऐसे तरीके बताइए, जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है?
उत्तर: ऐसे दो तरीके जिनसे यह अनुच्छेद असमानता को दूर करता है नीचे दिए गए हैं।
- राज्य (यानि सरकार) किसी भी नागरिक से भेदभाव नहीं करेगी, यानि कानून और सरकार के लिए हर नागरिक एक समान होगा।
- हर नागरिक को सार्वजनिक स्थानों के इस्तेमाल का बराबर अधिकार दिया गया है।
प्रश्न 3: ओमप्रकाश वाल्मीकि का अनुभव, अंसारी दंपति के अनुभव से किस प्रकार मिलता था?
उत्तर: ओमप्रकाश वाल्मीकि को उनकी जाति के कारण भेदभाव झेलना पड़ा था। अंसारी दंपति को उनके धर्म के कारण भेदभाव झेलना पड़ा था। दोनों ही स्थितियों में इन लोगों के आत्मसम्मान को ठेस पहुँची थी।
प्रश्न 4: "कानून के सामने सब व्यक्ति बराबर हैं" इस कथन से आप क्या समझते हैं? आपके विचार से यह लोकतंत्र में महत्वपूर्ण क्यों है?
उत्तर: इस कथन का मतलब है हर व्यक्ति पर एक जैसा कानून ही लागू होता है चाहे वह किसी भी ओहदे पर हो, उसकी आर्थिक हैसियत कैसी भी हो, वह किसी भी धर्म या जाति से हो, वह महिला हो या पुरुष हो। लोकतंत्र में नागरिक ही सर्वोपरि होता है इसलिए हर नागरिक को समान अधिकार मिलना जरूरी है। इसलिए सबके लिए एक समान कानून भी महत्वपूर्ण है ताकि कोई किसी अन्य व्यक्ति के खिलाफ अपने अधिकारों या अपनी शक्ति का दुरुपयोग न करे।
प्रश्न 5: दिव्यांगजन अधिकार अधिनियम 2016 के अनुसार उनको समान अधिकार प्राप्त हैं और समाज में उनकी पूरी भागीदारी संभव बनाना सरकार का दायित्व है। सरकार को उन्हें नि:शुल्क शिक्षा देनी है और विकलांग बच्चों को स्कूलों की मुख्यधारा में सम्मिलित करना है। कानून यह भी कहता है कि सभी सार्वजनिक स्थल, जैसे भवन, स्कूल आदि में ढ़लान बनाए जाने चाहिए, जिससे वहाँ विकलांगों के लिए पहुँचना सरल हो।
चित्र को देखिए और उस बच्चे के बारे में सोचिए, जिसे सीढ़ियों से नीचे लाया जा रहा है। क्या आपको लगता है कि इस स्थिति में उपर्युक्त कानून लागू किया जा रहा है? वह भवन में आसानी से आ-जा सके, उसके लिए क्या करना आवश्यक है? उसे उठाकर सीढ़ियों से उतारा जाना, उसके सम्मान और उसकी सुरक्षा को कैसे प्रभावित करता है?
उत्तर: इस स्थिति में उपर्युक्त कानून नहीं लागू हो रहा है। भवन में विकलांगों के लिए ढ़लान (रैंप) बनाने से कोई भी विकलांग आसानी से अपनी व्हीलचेयर लेकर कहीं भी आ जा सकता है। इससे उसका आत्मसम्मान बढ़ेगा। जब कोई किसी विकलांग को सहारा देता है या उससे जरूरत से अधिक सहानुभूति दिखाता है तो विकलांग के आत्मसम्मान को ठेस पहुँचती है। सीढ़ियों से उतारने का यह तरीका बिलकुल भी सुरक्षित नहीं है। यह लड़का गिर सकता है, उसे चोट पहुँच सकती है या फिर वह गंभीर रूप से घायल हो सकता है।