राज्य शासन
कैसे काम करता है
भारत में सरकार के तीन स्तर होते हैं: स्थानीय, राज्य और राष्ट्रीय। राज्य स्तर पर काम करने वाली सरकार को राज्य सरकार कहते हैं। इस लेसन में आप राज्य सरकार गठन, उसके मुख्य अंगों और कामकाज के बारे में पढ़ेंगे।
विधायक (एमएलए)
विधायक का चुनाव जनता करती है, इसलिए यह कहा जाता है कि विधायक जनता के प्रतिनिधि होते हैं। भारत के हर राज्य में एक विधानसभा होती है। हर राज्य को विभिन्न निर्वाचन क्षेत्रों में बाँटा गया है। हर निर्वाचन क्षेत्र की जनता अपने विधायक का चुनाव करती है। जिस राजनीतिक दल के विधायक बहुमत में होते हैं उस दल की सरकार बनती है। अन्य राजनीतिक दल मिलकर विपक्ष का गठन करते हैं।
इसे समझने के लिए दिल्ली का उदाहरण लेते हैं। दिल्ली विधानसभा में विधायकों की कुल संख्या 70 है। 70 का आधा 35 होता है। जिस राजनीतिक दल के 35 से अधिक विधायक होंगे उसी राजनीतिक दल की सरकार बनेगी।
मुख्यमंत्री
जिस राजनीतिक दल की सरकार बनती है उसके विधायक मिलकर अपने नेता का चुनाव करते हैं। सत्ताधारी दल के विधायकों का नेता मुख्यमंत्री बनता है। मुख्यमंत्री की नियुक्ति राज्यपाल करता है लेकिन राज्यपाल उसी व्यक्ति को सरकार बनाने का न्यौता दे सकता है जिसके पास बहुमत का समर्थन हो। मुख्यमंत्री अपने मंत्रियों की नियुक्ति करके मंत्रीपरिषद का गठन करता है। मंत्रीपरिषद का मुखिया, मुख्यमंत्री होता है। विधायक ही मंत्री बनते हैं।
विधानसभा
जिस स्थान पर सभी विधायक शासन संबंधी मंत्रणा करने के लिए, नये कानून बनाने या पुराने कानून में बदलाव के लिए नियमित रूप से इकट्ठा होते हैं उस स्थान को विधानसभा कहते हैं। विधानसभा में विभिन्न मुद्दों पर बहस होती है, सवाल पूछे जाते हैं और सलाह दी जाती है। संबंधित मंत्री को उन सवालों के जवाब देने होते हैं।
सरकार
सरकार एक विशाल संस्था होती है जिसके विभिन्न अंग होते हैं। यहाँ पर हम दो मुख्य अंगों, विधायिका और कार्यपालिका के बारे में जानेंगे।
विधायिका
सभी विधायक मिलकर विधायिका का गठन करते हैं। विधायिका की जवाबदेही जनता के प्रति होती है क्योंकि विधायक जनता द्वारा चुनकर आते हैं। विधायिका के दो काम होते हैं। एक काम है सरकार के कामकाज की समीक्षा करना और दूसरा काम है कानून बनाना।
कार्यपालिका
सरकार के काम को अमल में लाना ही कार्यपालिका का काम है। कार्यपालिका के दो मुख्य अंग होते हैं: मंत्रीपरिषद और नौकरशाही। मंत्रीपरिषद शासन के बारे में अहम फैसले लेता है और जरूरी निर्देश जारी करता है। नौकरशाही का काम है उन निर्देशों को मूर्तरूप देना।
विभिन्न कामों को मूर्त रूप देने के लिए सरकार में कई विभाग होते हैं। हर विभाग में नौकरशाहों की टीम होती है। हर विभाग में एक मुख्य नौकरशाह होता है जिसे कैबिनेट सेक्रेटरी कहते हैं। इन सभी कैबिनेट सेक्रेटरी का मुखिया चीफ सेक्रेटरी कहलाता है। इन नौकरशाहों का मुखिया संबंधित मंत्री के अधीन होता है। विभिन्न विभागों के कुछ उदाहरण हैं: लोक निर्माण विभाग (पीडब्ल्यूडी), स्वास्थ्य विभाग, कृषि विभाग, शिक्षा विभाग, आदि।
प्रेस कॉन्फ्रेंस
कई बार मंत्री या मुख्यमंत्री मीडिया कर्मियों को संबोधित करते हैं। इस बैठक को प्रेस कॉन्फ्रेंस कहते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस में मीडिया कर्मी सवाल पूछते हैं और मंत्री उन सवालों के जवाब देते हैं। मीडिया कर्मी जनता की जरूरतों के मुद्दों पर सवाल पूछकर अपनी पूरी जिम्मेदारी निभाते हैं। प्रेस कॉन्फ्रेंस विपक्ष के नेताओं द्वारा भी की जाती है।