प्राकृतिक वनस्पति
तथा वन्य प्राणी
कंटीले वन तथा झाड़ियाँ
जिन क्षेत्रों में 70 सेमी से कम वर्षण होती है वहाँ कंटीले वन पाये जाते हैं। इस प्रकार की वनस्पति भारत के उत्तर-पश्चिमी भाग में पाई जाती है, जैसे गुजरात, राजस्थान, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ, उत्तर प्रदेश और हरियाणा।
इस वन में उगने वाले मुख्य पादप हैं: बबूल, खजूर, यूफॉर्बिया और कैक्टस। कंटीले वन में पेड़ कुछ कुछ अंतराल पर उगते हैं और उनकी जड़ें जमीन में काफी गहराई तक जाती हैं। जल का संरक्षण करने के उद्देश्य से तने रूपांतरित होकर गूदेदार बन जाते हैं। इसी उद्देश्य से पत्तियों का रूपांतरण कांटों में हो जाता है। इस वन में पाये जाने वाले जंतु हैं: ऊँट, चूहे, खरगोश, लोमड़ी, बाध, शेर, जंगली गधा, घोड़ा, आदि।
पर्वतीय वन
पर्वतीय क्षेत्रों में पाये जाने वाले वन को पर्वतीय वन कहते हैं। इस प्रकार के वन में अलग-अलग ऊँचाइयों पर अलग-अलग किस्म की वनस्पति पाई जाती है।
- 1000 से 2000 मीटर की ऊँचाई पर आर्द्र शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाये जाते हैं। इस प्रकार के वन में चौड़ी पत्ती वाले ओक और चेस्टनट जैसे वृक्षों की भरमार होती है।
- 1500 से 3000 मीटर की ऊँचाई पर शीतोष्ण कटिबंधीय वन पाये जाते हैं। इस वन में शंकु के आकार के पेड़ पाये जाते हैं, जैसे पाइन, देवदार, सिल्वर फर, स्प्रूश और सीडर, आदि।
- 3600 मीटर से अधिक ऊँचाई पर एल्पाइन वनस्पति पाई जाती है। सिल्वर फर, पाइन, जूनिपर और बर्च ऐसी वनस्पति के उदाहरण हैं।
पर्वतीय वन मुख्य रूप से हिमालय के दक्षिणी ढ़ाल पर और पूर्वोत्तर भारत में अधिक ऊँचाई पर पाये जाते हैं। इस वन में पाये जाने वाले जानवरों के नाम हैं: कश्मीरी मृग, चित्तीदार हिरण, जंगली भेड़, खरगोश, तिब्बतीय बारहसिंघा, याक, हिम तेंदुआ, गिलहरी, आईबैक्स, बकरी, आदि।
मैंग्रोव वन
इस प्रकार के वन गंगा, महानदी, कृष्णा, गोदावरी और कावेरी के डेल्टा क्षेत्र में पाये जाते हैं। मैंग्रोव पादप की जड़ें पानी में डूबी होती हैं, जिनसे ऊर्ध्वाधर खोखली जड़ें पानी के बाहर निकलती हैं ताकि जड़ें सांस ले सकें। इस वन में उगने वाला सबसे आम वृक्ष है सुनहरी, जो खासकर से सुंदरवन डेल्टा में बहुतायत से मिलता है। इस वन का सबसे मशहूर जंतु है रॉयल बेंगाल टाइगर। यहाँ कछुए, घरिआल और सांप भी रहते हैं।
वनस्पति का प्रकार | वर्षण | क्षेत्र | वनस्पति जात | प्राणी जात |
---|---|---|---|---|
वर्षावन | 200 सेमी से अधिक | पश्चिमी घाट, पूर्वोत्तर भारत, द्वीप समूह | एबोनी, महोगनी, रोजबुड, रबड़, सिनकोना | हाथी, बंदर, लेमर, हिरण |
पर्णपाती वन | 70 से 100 सेमी | बिहार, उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, पश्चिम बंगाल, महाराष्ट्र, आदि | सागौन, बाँस, साल, शीशम, चंदन, खैर, कुसुम, अर्जुन, शहतूत | शेर, बाघ, सूअर, हिरण, हाथी |
कँटीली झाड़ियाँ | 70 सेमी से कम | राजस्थान, गुजरात | बबूल, खजूर, यूफॉर्बिया, कैक्टस | ऊँट, चूहा, खरगोश, लोमड़ी, बाघ, शेर, जंगली गधा, घोड़ा |
पर्वतीय वन | N/A | हिमालय और पूर्वोत्तर भारत | पाइन, देवदार, फर, सीडर | चित्तीदार हिरण, भेड़, खरगोश, बारहसिंघा, याक, हिम तेंदुआ, आईबेक्स, लाल पांडा |
मैंग्रोव वन | N/A | गंगा, महानदी, कावेरी और गोदावरी के डेल्टा | सुंदरी, ऑर्किड | रॉयल बंगाल टाइगर |
वन्य प्राणी
भारत में जंतुओं की 89,000 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। भारत में पक्षियों की 1200 से अधिक प्रजातियाँ पाई जाती हैं। असम, कर्नाटक और केरल के जंगलों में हाथी पाये जाते हैं। असम और बंगाल के दलदली इलाकों में गैंडे रहते हैं। कच्छ के रन और थार मरुस्थल में जंगली गधे और ऊँट रहते हैं। इनके अलावा भारत में गौर, नीलगाय, चौसिंघा, हिरण और कई अन्य जंतु रहते हैं। भारत दुनिया का एकलौता देशा है जहाँ शेर और बाघ दोनों रहते हैं।
18 वन्यप्राणी निचय (बायोस्फेअर रिजर्व): सुंदरवन, मन्नार की खाड़ी, नीलगिरि, नंदा देवी, नाकरेक, ग्रेट निकोबार, मानस, सिमलीपाल, दिहाँग-दिबांग, डीब्रु साइकवोवा, अगस्त्यमलाई, कंचनजुंगा, पचमढ़ी, अचनकमर-अमरकंटक, शेष अचलम, पन्ना, कच्छ, ठंडा रेगिस्तान
भारत में 89 राष्ट्रीय पार्क, 49 वन्यजीव अभयारण्य और कई निचय बनाये गये हैं।