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भारत: वनस्पति वन्य प्राणि

आप क्या सीखेंगे

प्राकृतिक वनस्पति

जो पेड़-पौधे मनुष्य की सहायता के बिना ही उग जाते हैं उन्हें प्राकृतिक वनस्पति कहते हैं। प्राकृतिक वनस्पति उस स्थान की जलवायु और खासकर वर्षा पर निर्भर करती है। भारत में पाँच प्रकार की प्राकृतिक वनस्पति पाई जाती है: उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन, उष्ण कटिबंधीय पतझड़ वन, कंटीली झाड़ियाँ, पर्वतीय वन और मैंग्रोव वन।

उष्ण कटिबंधीय सदाबहार वन: जिन स्थानों पर भारी वर्षा होती है वहाँ सदाबहार वन पाये जाते हैं। सदाबहार वन इतने घने होते हैं कि जमीन पर सूर्य की किरणें नहीं पहुँचती हैं। सदाबहार वन के वृक्ष अपने पत्ते साल के अलग-अलग महीनों में गिराते हैं। इसलिए यह वन हमेशा हराभरा दिखता है। इसलिए इस प्रकार के वन को सदाबहार वन कहते हैं। प्रमुख पेड़: महोगनी, एबोनी और रोजवुड। भारत में सदाबहार वन अंदमान और निकोबार द्विप समूह, पूर्वोत्तर राज्यों के कुछ हिस्सों और पश्चिमी घाट की पश्चिमी ढ़ाल पर पाया जाता है।

उष्णकटिबंधीय पतझड़ वन: ऐसे वन को मानसून वन भी कहते हैं। पतझड़ वन के वृक्ष अपने पत्तों को साल के नियत समय पर ही गिराते हैं। इसलिए इस वन को पतझड़ वन कहते हैं। प्रमुख पेड़: साल, सागवान, पीपल, नीम और शीशम। भारत में पतझड़ वन मध्य प्रदेश, उत्तर प्रदेश, बिहार, झाड़खंड, छत्तीसगढ़, उड़ीसा और महाराष्ट्र के कुछ भागों में पाया जाता है।

कंटीली झाड़ियाँ: इस प्रकार की वनस्पति शुष्क स्थानों में पाई जाती है। ऐसी वनस्पति की पत्तियाँ कांटों के रूप में होती हैं। इससे जल के ह्रास को कम करने में मदद मिलती है। महत्वपूर्ण पेड़: कैक्टस, खेर, बबूल और कीकड़। भारत में कंटीली झाड़ियाँ राजस्थान, पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी घाट के पूर्वी ढ़ाल पर और गुजरात में पाई जाती हैं।

पर्वतीय वनस्पति: पर्वतों पर भिन्न भिन्न ऊँचाइयों पर विभिन्न प्रजातियाँ पाई जाती हैं। 1500 से 2500 मीटर की ऊँचाई पर अधिकांश वृक्ष शंकु के आकार के होते हैं। इसलिए इन्हें शंक्वाकार वृक्ष (कोनीफेरस वृक्ष) कहते हैं। महत्वपूर्ण पेड़: चीड़, पाइन और देवदार।

मैन्ग्रोव वन: मैन्ग्रोव के पेड़ पौधे खाड़े पानी में भी जिंदा रह सकते हैं। यह पश्चिम बंगाल के सुंदरबन और अंदमान निकोबार द्विप समूह में पाया जाता है। सुंदरबन के मैंग्रोव वन के एक मशहूर पेड़ का नाम है सुंदरी।

वन का महत्व

वन का ह्रास: आदमी ने जंगलों के एक बड़े हिस्से को तबाह कर दिया है। अपनी जरूरतों के लिए हम अंधाधुंध तरीके से पेड़ों को काट रहे हैं। खेती बारी, मानव आवास और कारखाने बनाने के लिए जंगलों को साफ किया जा रहा है। इससे पर्यावरण के लिए संकट पैदा हो रहा है। लोगों में वन के महत्व के प्रति जागरूकता बढ़ाने के लिए वन महोत्सव मनाया जाता है।

वन्यजीव

जो जानवर प्राकृतिक वनस्पति के बीच रहते हैं उन्हें वन्यजीव कहते हैं। जंगलों में जंतुओं की हजारों प्रजातियाँ रहती हैं। भारत का राष्ट्रीय पशु बाघ है जो इस देश के विभिन्न भागों में रहता है। गुजरात के गिर वन में एशियाई शेर रहता है। केरल, कर्णाटक और असम में हाथी रहते हैं। असम में एक सींग वाल गैंडा भी रहता है। हिमालय के आसपास जंगली बकरी, हिम चीता, भालू, आदि रहते हैं। मोर हमारा राष्ट्रीय पक्षी है। अन्य आम पक्षियों में तोता, कबूतर, मैना, बतख, बुलबुल, हंस, आदि आते हैं।

जंगलों की बड़े पैमाने पर कटाई के कारण कई वन्यजीवों का प्राकृतिक आवास कम हो गया है। कई जानवर तो लुप्त होने के कगार पर हैं। कई जानवर तो लुप्त हो चुके हैं।