हमारा देश भारत
आप क्या सीखेंगे:
- भारत की भौगोलिक स्थिति
- भारत के पड़ोसी
- राजनैतिक और प्रशासनिक विभाजन
- भौगोलिक विभाजन
भारत एक नजर में
भारत एक विशाल देश है। क्षेत्रफल के मामले में यह दुनिया का सातवां सबसे बड़ा देश है। आबादी के मामले में यह दुनिया का दूसरा सबसे बड़ा देश है। 2011 की जनगणना के अनुसार, भारत की जनसंख्या 120 करोड़ है।
- क्षेत्रफल: 3.28 मिलियन वर्ग किमी
- उत्तर से दक्षिण का प्रसार: 3,200 किमी
- पूरब से पश्चिम का प्रसार: 2,900 किमी
भारत की भौगोलिक स्थिति
भारत उत्तरी गोलार्ध में स्थित है। भारत का मुख्य भूभाग उत्तर से दक्षिण की ओर 8°4’ उ. और 37°6’ उ. अक्षांशों के बीच स्थित है। पूरब से पश्चिम की ओर यह 68°7’ प. और 97°35’ पू. देशांतरों के बीच स्थित है।
भारतीय मानक समय: भारत का देशांतरीय प्रसार 29° है जो कि काफी बड़ा है। इसलिए यहाँ के स्थानीय समय में बड़े अंतर हो सकते हैं। इसका अंदाजा इस बात से लगाया जा सकता है कि अरुणाचल में सूर्योदय होने के दो घंटे बाद गुजरात में सूर्योदय होता है। चीजों को सरल रखने के लिए भारत के मानक समय को 82°30’ पू. देशांतर के अनुसार निर्धारित किया गया है। इस देशांतर को भारत का मानक याम्योत्तर या मानक देशांतर कहते हैं।
भारत के पड़ोसी: भारत के साथ 7 देशों की सीमाएँ लगती हैं। भारत के पश्चिम में अफगानिस्तान और पाकिस्तान है। उत्तर में चीन, नेपाल और भूटान है। पूर्व में बंगलादेश और म्यानमार है। भारत के दक्षिण में श्रीलंका और मालदीव है।
राजनैतिक और प्रशासनिक विभाजन
भारत को 29 राज्यों और 7 केंद्र शासित क्षेत्रों में बाँटा गया है। राजस्थान सबसे बड़ा तथा गोवा सबसे छोटा राज्य है। हर राज्य को कई जिलों में विभाजित किया गया है। भारत की राजधानी दिल्ली है।
भौगोलिक विभाजन
भौगोलिक आकृतियों के मामले में भारत एक विविधतापूर्ण देश है। इसे निम्नलिखित भौगोलिक क्षेत्रों में बाँटा गया है
- हिमालय पर्वत
- उत्तर का मैदान
- भारत का महामरुस्थल
- दक्कन का पठार
- पूर्वी तथा पश्चिमी घाट
हिमालय पर्वत: यह पर्वत भारतीय प्रायद्वीप के उत्तरी भाग में स्थित है। हिमालय को तीन समांतर श्रेणियों में बाँटा गया है: वृहत हिमालय या हिमाद्री, मध्य हिमालय या हिमाचल और शिवालिक।
- वृहत हिमालय: यह पर्वत श्रेणी सबसे उत्तर में स्थित है। दुनिया की सबसे ऊँची चोटियाँ इसी पर्वत श्रेणी में स्थित हैं।
- मध्य हिमालय: यह पर्वत श्रेणी वृहत हिमालय के दक्षिण में पड़ती है। इस पर्वत श्रेणी में कई लोकप्रिय हिल स्टेशन हैं।
- शिवालिक: यह सबसे दक्षिण में स्थित है। अन्य दो श्रेणियों की तुलना में इस श्रेणी में ऊँचाई कुछ कम है।
उत्तर का मैदान: हिमालय के दक्षिण में उत्तर का मैदान स्थित है। इन मैदानों का निर्माण सिंधु, गंगा, ब्रह्मपुत्र और उनकी सहायक नदियों द्वारा हुआ है। इस क्षेत्र की जमीन अत्यंत उपजाउ है। इसलिए इस क्षेत्र में सघन आबादी है।
भारत का महामरुस्थल: यह मरुस्थल भारत के पश्चिमी भाग में स्थित है। यह एक शुष्क, उष्ण और रेतीली जगह है। इस क्षेत्र में वनस्पति नाममात्र को है। इसे थार मरुस्थल भी कहते हैं।
दक्कन का पठार: यह पठार उत्तर के मैदान के दक्षिण में स्थित है। इसका आकार त्रिभुज जैसा है। इस क्षेत्र में कई पहाड़ियाँ और घाटियाँ हैं; जैसे कि अरावली, विंध्य और सतपुरा की पहाड़ियाँ। दक्कन में खनिज प्रचुर मात्रा में हैं। दक्कन के पठार से होकर नर्मदा और ताप्ती जैसी महत्वपूर्ण नदियाँ बहती हैं। ये नदियाँ पश्चिम की ओर बहती हैं और अरब सागर में गिरती हैं।
पूर्वी घाट और पश्चिमी घाट: ये दोनों घाट क्रमश: दक्कन के पठार की पूर्वी और पश्चिमी सीमा बनाते हैं। पश्चिमी घाट का विस्तार एक समान रूप से है, जबकि पूर्वी घाट बीच बीच में टूटा हुआ है।
तटीय मैदान: ये मैदान पश्चिमी घाट के पश्चिम तथा पूर्वी घाट के पूरब में स्थित हैं। पश्चिमी तटीय मैदान काफी संकरा है, जबकि पूर्वी तटीय मैदान काफी चौड़ा है। इस क्षेत्र में महानदी, गोदावरी, कृष्णा और कावेरी नामक नदियाँ बहती हैं। ये नदियाँ पूर्व की ओर बहती हैं और बंगाल की खाड़ी में गिरती हैं।
इन नदियों मे मुहानों पर डेल्टा बने हुए हैं, जो कि बहुत उपजाऊ हैं। जिस स्थान पर एक नदी समुद्र से मिलती है उस स्थान को नदी का मुहाना कहते हैं। डेल्टा एक प्रकार का स्थलरूप है जो नदी के मुहाने पर बनता है।
द्वीप समूह: भारत में दो द्वीप समूह हैं: लक्षद्वीप और अंदमान निकोबार। लक्षद्वीप अरब सागर में है, जबकि अंदमान बंगाल की खाड़ी में स्थित है। लक्षद्वीप मूंगा की चट्टानों (प्रवालों) से बना है।