एक ग्लोबल विश्व
NCERT Solution
प्रश्न:1 सत्रहवीं सदी से पहले होने वाले आदान प्रदान के दो उदाहरण दीजिए। एक उदाहरण एशिया से और एक उदाहरण अमेरिका महाद्वीपों के बारे में चुनें।
उत्तर: सत्रहवीं सदी से पहले होने वाले आदान प्रदान के दो उदाहरण निम्नलिखित हैं:
एशिया से उदाहरण: नूडल चीन से आया है और भारत, इटली और दुनिया के अन्य देशों तक पहुँचा है।
अमेरिका से उदाहरण: आलू अमेरिका से आया है और आयरलैंड तक पहुँचा।
प्रश्न:2 बताएँ कि पूर्व आधुनिक विश्व में बीमारियों के वैश्विक प्रसार ने अमेरिकी भूभागों के उपनिवेशीकरण में किस प्रकार मदद की।
उत्तर: सोलहवीं सदी के मध्य तक अमेरिका में पुर्तगाली और स्पैनिश उपनिवेशों की शुरुआत ठोस रूप से हो चुकी थी। लेकिन यह जीत हथियारों की बदौलत नहीं हुई बल्कि बीमारियों की वजह से हुई। यूरोप के लोग पहले ही चेचक से प्रभावित हो चुके थे इसलिए उनमे इस बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधन क्षमता विकसित हो चुकी थी। लेकिन अमेरिकी लोग दुनिया के अन्य भागों से कटे हुए थे इसलिए उनमें इस बीमारी से लड़ने की प्रतिरोधन क्षमता नहीं थी। जब यूरोप के लोग अमेरिका पहुँचे तो अपने साथ इस बीमारी के रोगाणु भी लेकर आए। अमेरिका के कुछ हिस्सों में इस बीमारी ने पूरी आबादी को नष्ट कर दिया। इस प्रकार से यूरोपियन आसानी से अमेरिका पर कब्जा कर सके।
प्रश्न:3 निम्नलिखित के प्रभावों की व्याख्या करते हुए संक्षिप्त टिप्पणियाँ लिखें:
प्रश्न:a) कॉर्न लॉ के समाप्त करने के बारे में ब्रिटिश सरकार का फैसला।
उत्तर: कॉर्न लॉ समाप्त होने के निम्नलिखित प्रभाव पड़े:
- ब्रिटेन में उपजने वाले खाद्य पदार्थों के मुकाबले आयात होने वाले खाद्य पदार्थ सस्ते हो गये।
- इस कारण से जमीन का एक बड़ा हिस्सा कृषि से विहीन हो गया और लोग भारी संख्या में बेरोजगार हो गये। काम की तलाश में लोग बड़ी संख्या में शहरों की ओर पलायन करने लगे। कई लोग देश के बाहर भी पलायन कर गये।
- खाद्य पदार्थों की घटी हुई कीमतों के कारण ब्रिटेन में उनकी मांग तेजी से बढ़ी। इस माँग को पूरा करने के लिए पूर्वी यूरोप, अमेरिका, रूस और ऑस्ट्रेलिया में बड़े पैमाने पर जमीन को साफ किया गया ताकि खेती हो सके।
- खाद्यान्नों को बंदरगाहों तक ले जाने की जरूरत भी महसूस हुई। इसके लिए रेल लाइनें बिछाई गईं ताकि कृषि उत्पादन के क्षेत्रों को बंदरगाहों से जोड़ा जा सके। कृषि उत्पादन क्षेत्रों में नई आबादी भी बसने लगी। इन सब कामों के लिए लंदन जैसे वित्तीय केंद्रों से पूँजी का प्रवाह होने लगा।
प्रश्न:b) अफ्रीका में रिंडरपेस्ट का आना।
उत्तर: रिंडरपेस्ट का अफ्रिका में आगमन 1880 के दशक के आखिर में हुआ था। यह बीमारी उन मवेशियों के साथ आई थी जो ब्रिटिश एशिया से लाए गए थे। उस समय इटैलियन सैनिक पूर्वी अफ्रिका में एरिट्रिया पर आक्रमण कर रहे थे। इन मवेशियों को उन सैनिकों के राशन के लिये लाया गया था। रिंडरपेस्ट पूरे अफ्रिका में किसी जंगल की आग की तरह फैल गई। यह बीमारी इतनी तेजी से फैली कि 1892 आते आते बीमारी अफ्रिका के पश्चिमी तट तक पहुँच चुकी थी। इस दौरान रिंडरपेस्ट ने अफ्रिका के मवेशियों की आबादी का 90% हिस्सा साफ कर दिया।
अफ्रिकियों के लिए मवेशियों का नुकसान होने का मतलब था रोजी रोटी पर खतरा। अब उनके पास खानों और बागानों में मजदूरी करने के अलावा और कोई चारा नहीं था। इस तरह से मवेशियों की एक बीमारी ने यूरोपियन को अफ्रिका में अपना उपनिवेश फैलाने में मदद की।
प्रश्न:c) विश्वयुद्ध के कारण यूरोप में कामकाजी उम्र के पुरुषों की मौत।
उत्तर: पहले विश्व युद्ध ने पूरी दुनिया को कई मायनों में झकझोर कर रख दिया था। लगभग 90 लाख लोग मारे गए और 2 करोड़ लोग घायल हो गये।
मरने वाले या अपाहिज होने वालों में ज्यादातर लोग उस उम्र के थे जब आदमी आर्थिक उत्पादन करता है। इससे यूरोप में सक्षम शरीर वाले कामगारों की भारी कमी हो गई। परिवारों में कमाने वालों की संख्या कम हो जाने के कारण पूरे यूरोप में लोगों की आमदनी घट गई।
ज्यादातर पुरुषों को युद्ध में शामिल होने के लिए बाध्य होना पड़ा लिहाजा कारखानों में महिलाएँ काम करने लगीं। जो काम पारंपरिक रूप से पुरुषों के काम माने जाते थे उन्हें अब महिलाएँ कर रहीं थीं।
प्रश्न:d) भारतीय अर्थव्यवस्था पर महामंदी का प्रभाव।
उत्तर: आर्थिक मंदी से भारत की अर्थव्यवस्था पर भी असर पड़ा। 1928 से 1934 के बीच भारत का आयात और निर्यात घटकर आधा हो गया। इसी दौरान भारत में गेहूँ की कीमतों में 50% की कमी आई।
कृषि उत्पादों की घटती कीमतों के बावजूद सरकार किसानों से पहले दर पर ही लगान वसूलना चाहती थी। इस तरह से इस स्थिति में किसानों की हालत सबसे ज्यादा खराब थी। कई किसानों को अपनी जमापूँजी निकालना पड़ा और जमीन और जेवर भी बेचने पड़े। इस तरह से भारत महँगी धातुओं का निर्यातक बन गया।
भारत के शहरी क्षेत्रों में आर्थिक मंदी का उतना असर नहीं पड़ा। कीमतें घटने के कारण शहर में रहने वाले लोगों का जीवन पहले से आसान हो गया था। भारत के राष्ट्रवादी नेताओं के दवाब के कारण उद्योगों को अधिक संरक्षण मिलने लगा जिससे उद्योग में अधिक निवेश हुआ।
प्रश्न:e) बहुराष्ट्रीय कंपनियों द्वारा अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित करने का फैसला।
उत्तर: पिछले दो दशकों में कई बहुराष्ट्रीय कंपनियों ने अपने उत्पादन को एशियाई देशों में स्थानांतरित कर लिया है। इसका मुख्य कारण है इन देशों में कम मजदूरी दर का होना। इस नये प्रचलन के कारण भारत, चीन, ब्राजी, फिलिपींस और मलेशिया जैसे देशों में रोजगार के नये अवसर पैदा हुए हैं। इससे इन देशों के लोगों की आमदनी भी बढ़ी है और चीजों की माँग भी बढ़ी है। इसके परिणामस्वरूप भारत, चीन और जापान जैसे देश विश्व की प्रमुख आर्थिक शक्तियों के रूप में उभरे हैं।
प्रश्न:4 खाद्य उपाब्धता पर तकनीक के प्रभाव को दर्शाने के लिए इतिहास से दो उदाहरण दें।
उत्तर: रेल के प्रसार के कारण विभिन्न देशों से यूरोप तक खाद्यान्न पहुँचाना आसान हो गया। खाद्य पदार्थों के बड़े पैमाने पर ढ़ुलाई के कारण भोजन सस्ता और सुलभ हो गया। इससे यूरोप में खाना अच्छी क्वालिटी का हो गया और लोगों की जेब की पहुँच में आ गया।
स्टीम से चलने वाले जहाजों और रेफ्रिजरेशन टेक्नॉलोजी के कारण मीट को तैयार करके अमेरिका से यूरोप तक ले जाना संभव हो गया। अब ब्रिटेन के लोगों के लिए मीट सस्ता हो गया जिससे उनका खान पान बेहतर हो सका।
प्रश्न:5 ब्रेटन वुड्स समझौते का क्या अर्थ है।
उत्तर: 1944 की जुलाई में अमेरिका के न्यू हैंपशायर के ब्रेटन वुड्स नामक जगह पर यूनाइटेड नेशंस मॉनिटरी ऐंड फिनांशियल कॉन्फ्रेंस हुआ। इस कॉन्फ्रेंस में इंटरनेशनल मॉनिटरी फंड की स्थापना हुई। आइएमएफ और वर्ल्ड बैंक को ब्रेटन वुड्स इंस्टिच्यूशन भी कहा जाता है।
प्रश्न:6 कल्पना कीजिए कि आप कैरीबियाई क्षेत्र में काम करने वाले गिरमिटिया मजदूर हैं। इस अध्यय में दिए गए विवरणों के आधार पर अपने हालात और अपनी भावनाओं का वर्णन करते हुए अपने परिवार के नाम एक पत्र लिखें।
उत्तर: इस चिट्ठी के कुछ अंश इस तरह से हो सकते हैं:
हमें लगातार कई घंटों तक काम करना पड़ता है जिससे कठिनाई होती है। हमें यहाँ से वापस जाने की इजाजत भी नहीं मिलती है। कोई थोड़ा भी विरोध करे तो उसके साथ लोग सख्ती से पेश आते हैं। हमलोगों ने इस जिंदगी से समझौता करना सीख लिया है और सारी तकलीफों के बीच खुशी के कुछ पल ढ़ूँढ़ ही लेते हैं। हमलोग होली और मुहर्रम मिलजुलकर मनाते हैं। हम नई नई चीजें पकाने की कोशिश भी करते हैं। हममें से कई तो अपने गाँव की बोली तक भूल चुके हैं।
प्रश्न:7 अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह की गतियों या प्रवाहों की व्याख्या करें। तीनों प्रकार की गतियों के भारत और भारतीयों से संबंधित एक एक उदाहरण दें और उनके बारे में संक्षेप में लिखें।
उत्तर: अंतर्राष्ट्रीय आर्थिक विनिमयों में तीन तरह के प्रवाह निम्नलिखित हैं:
व्यापार का आदान प्रदान: भारत सदियों से अंतर्राष्ट्रीय व्यापार का अभिन्न हिस्सा रहा है। अंग्रेजी शासन शुरु होने के पहले भारते के मसाले सुदूर देशों तक जाते थे और बाहर से जवाहरात यहाँ आते थे।
श्रम का आदान प्रदान: आधुनिक भारत से सॉफ्टवेयर के ज्ञाता अमेरिका में जाकर काम करते हैं।
पूँजी का आदान प्रदान: आयात और निर्यात के कारण पूँजी का प्रवाह दोनों दिशाओं में होता रहता है।
प्रश्न:8 महामंदी के कारणों की व्याख्या करें।
उत्तर: महामंदी के मुख्य कारण निम्नलिखित हैं:
जरूरत से ज्यादा कृषि उत्पादन: 1920 के दशक में कृषि क्षेत्र में जरूरत से ज्यादा उत्पादन एक अहम समस्या थी। कृषि उत्पादों की अत्यधिक सप्लाई के कारण कीमतें गिर रही थीं। किसानों ने इसकी भरपाई के लिए और भी अधिक उत्पादन करना शुरु किया। इसके कारण बाजार में कृषि उत्पादों की बाढ़ आ गई; जिससे कीमतें और नीचे गिरीं। खरीददारों की कमी के कारण कृषि उत्पाद सड़ने लगे।
अमेरिका द्वारा कर्ज में कमी: कई यूरोपीय देश कर्जे के लिए अमेरिका पर बुरी तरह से निर्भर थे। लेकिन अमेरिका के साहूकार थोड़ी ही बात पर घबराहट दिखाने लगते थे। 1928 के शुरुआती छ: महीने में अमेरिका द्वारा दिये गये कर्ज की राशि थी 100 करोड़ डॉलर। लेकिन एक साल के भीतर यह राशि घटकर 24 करोड़ रह गई। अमेरिका द्वारा हाथ खींच लिए जाने के कारण कई देशों की अर्थव्यवस्था पर बुरा असर पड़ा।
प्रश्न:9 जी-77 देशों से आप क्या समझते हैं? जी-77 को किस आधार पर ब्रेटन वुड्स की जुड़वाँ संतानों की प्रतिक्रिया कहा जा सकता है, व्याख्या करें।
उत्तर: ये संस्थाएँ पुरानी उपनिवेशी ताकतों के नियंत्रण में थी। इसलिए ज्यादातर विकासशील देशों पर अभी भी इस बात का खतरा था कि पुरानी उपनिवेशी ताकतें उनका शोषण कर सकती हैं। एक नए आर्थिक ढ़ाँचे की माँग रखने के लिए इन देशों ने G – 77 (77 देशों का समूह) बनाया। चूँकि इस संगठन का निर्माण उन देशों द्वारा किया गया था जो ब्रेटन वुड्स के संस्थापक देशों में से कुछ के गुलाम थे इसलिए जी-77 को ब्रेटन वुड्स की जुड़वा संतानों की प्रतिक्रिया कहा जा सकता है।