राष्ट्रीय अर्थव्यवस्था की जीवनरेखाएँ
संचार सेवाएँ
भारत में टेलिविजन, रेडियो, प्रेस, फिल्मों, टेलिफोन, आदि द्वारा निजी दूरसंचार और जनसंचार की सुविधा उपलब्ध है।
भारतीय डाक: भारतीय डाक सेवा का नेटवर्क दुनिया में सबसे बड़ा है। डाक से पार्सल और चिट्ठियाँ भेजी जाती हैं। कार्ड और लिफाफों को फर्स्ट क्लास मेल माना जाता है और उन्हें हवाई जहाज से भेजा जाता है। बुक पैकेट, अखबार और पत्रिकाओं को सेकंड क्लास मेल का दर्जा दिया जाता है। उन्हें भू परिवहन और जल परिवहन द्वारा भेजा जाता है। बड़े शहरों और महानगरों में तेजी से डाक पहुँचाने के लिए हाल ही में छ: चैनलों की शुरुआत की गई है। इन चैनलों के नाम हैं; राजधानी चैनल, मेट्रो चैनल, ग्रीन चैनल, बिजनेस चैनल, बल्क मेल चैनल और पीरियोडिकल चैनल।
टेलिफोन: भारत का टेलिफोन नेटवर्क एशिया के बड़े नेटवर्कों में से एक है। जमीनी स्तर से लेकर उँचे स्तर तक सूचना के प्रसारण को सुलभ बनाना जरूरी होता है। इसी उद्देश्य से सरकार ने देश के हर गाँव में 24 घंटे एसटीडी सुविधा देने का प्रावधान किया है। पूरे भारत में एसटीडी की कॉल की दरें एक समान हैं। यह सब स्पेस टेक्नॉलोजी और कम्युनिकेशन टेक्नॉलोजी में परस्पर तालमेल के कारण संभव हो पाया है।
मोबाइल टेलिफोन: भारत का मोबाइल नेटवर्क दुनिया में सबसे तेजी से बढ़ रहा है। मोबाइल फोन ने भारत में बिजनेस करने के तरीके बदल दिये हैं। अब तो छोटे कारोबारी भी मोबाइल फोन से जुड़े होने के कारण बेहतर व्यवसाय कर पा रहे हैं।
जनसंचार: जनसंचार से लोगों का मनोरंजन करता है और उन्हें सरकार की योजनाओं और क्रियाकलापों के बारे में जानकारी देता है। रेडियो, टेलिविजन, अखबार, पत्रिका, किताब और फिल्म जनसंचार के साधन हैं। आकाशवाणी से विभिन्न प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। ये कार्यक्रम विभिन्न क्षेत्रीय और स्थानीय भाषाओं में होते हैं और पूरे भारत में फैले विविध प्रकार के लोगों तक पहुँचते हैं। भारत का राष्ट्रीय टेलिविजन चैनल; दूरदर्शन; विश्व के कुछ बड़े नेटवर्क में से एक है। दूरदर्शन पर मनोरंजन, शिक्षा, खेलकूद, आदि से संबंधित कई प्रकार के कार्यक्रम प्रसारित होते हैं। इनके अलावा भारत में कई प्राइवेट टेलिविजन चैनल और रेडियो चैनल हैं।
समाचारपत्र: भारत में भारी संख्या में अखबार और पत्रिकाएँ प्रकाशित होती हैं। भारत में लगभग 100 भाषाओं और बोलियों में अखबार निकलते हैं। हिंदी भाषा में सबसे अधिक अखबार प्रकाशित होते हैं। उसके बाद अंग्रेजी और उर्दू अखबारों का नम्बर आता है।
फिल्म: पूरे विश्व में भारत में सबसे ज्यादा फिल्में बनती हैं। भारत में फीचर फिल्म, लघु फिल्म और वृत्त चित्र बनते हैं। सेंट्रल बोर्ड ऑफ फिल्म सर्टिफिकेशन भारतीय और विदेशी फिल्मों को सर्टिफाई करने का काम करता है।
अंतर्राष्ट्रीय व्यापार
दो देशों के बीच के व्यापार को अंतर्राष्ट्रीय व्यापार कहते हैं। किसी भी देश के अंतर्राष्ट्रीय व्यापार से उस देश की समृद्धि का आकलन किया जा सकता है। अंतर्राष्ट्रीय व्यापार को देश की अर्थव्यवस्था का बैरोमीटर भी माना जाता है।
निर्यात: जब सामान देश से बाहर व्यापार के लिये जाता है तो इसे निर्यात कहते हैं।
आयात: जब बाहर का सामान देश में व्यापार के लिये आता है तो इसे आयात कहते हैं।
व्यापार संतुलन: किसी भी देश के निर्यात और आयात में अंतर को व्यापार संतुलन कहते हैं। व्यापार संतुलन अनुकूल होने की स्थिति में आयात की तुलना में निर्यात अधिक होता है। व्यापार संतुलन प्रतिकूल होने की स्थिति में निर्यात की तुलना में आयात अधिक होता है।
भारत से निर्यात में वृद्धि दिखाने वाले सामान | |
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सामान | निर्यात में शेअर |
कृषि उत्पाद | 2.53% |
खनिज | 9.12% |
जवाहरात | 26.75% |
रसायन | 24.45% |
इंजीनियरिंग उत्पाद | 35.63% |
पेट्रोलियम उत्पाद | 86.12% |
भारत के मुख्य आयात
भारत के मुख्य आयात | |
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सामान | आयात में शेअर |
पेट्रोलियम और उत्पाद | 41.87% |
मोती और कीमती पत्थर | 29.26% |
अकार्बनिक रसायन | 29.39% |
कोयला, कोक और ब्रिकेट | 94.17% |
मशीन | 12.56% |
एक समूह के तौर पर भारी वस्तुओं के आयात में वृद्धि हुई है और इसका शेअर कुल आयात का 39.09% है। इस समूह में उर्वरक (67.01%), अनाज (25.23%), खाद्य तेल (7.94%) और न्यूजप्रिंट (5.51%) आते हैं।
पिछले पंद्रह सालों में अंतर्राष्ट्रीय व्यापार में जबरदस्त बदलाव आया है। अब वस्तुओं के आदान प्रदान की तुलना में सूचना, ज्ञान और प्रौद्योगिकी का आदान प्रदान अधिक बढ़ गया है। अंतर्राष्ट्रीय स्तर पर आज भारत एक सॉफ्टवेअर महाशक्ति के रूप में जाना जाता है।
पर्यटन: एक व्यापार के रूप में
2003 की तुलना में 2004 में विदेशी पर्यटकों की संख्या में 23.5% की वृद्धि हुई थी। इससे विदेशी मुद्रा भंडार में 21,828 करोड़ रुपये आये। भारत में हर वर्ष 2.6 मिलियन विदेशी पर्यटक आते हैं। पर्यटन उद्योग में 15 मिलियन लोग सीधे तौर पर लगे हुए हैं।
पर्यटन से लाभ:
- यह राष्ट्रीय एकता और अखंडता को बढ़ावा देता है।
- यह स्थानीय हस्तकला और संस्कृति को बढ़ावा देता है।
- पर्यटन के द्वारा दूसरे देशों के लोग हमारी संस्कृति और विरासत को समझ पाते हैं।