कृषि
मुख्य फसलें
चावल:चीन के बाद भारत दुनिया में चावल का दूसरा सबसे बड़ा उत्पादक देश है। धान की खेती के लिए जरूरी होते हैं उच्च तापमान (25°C से अधिक), अधिक आर्द्रता और 100 सेमी से अधिक की सालाना वर्षा। यदि सिंचाई की सही व्यवस्था हो तो धान को कम वर्षा वाले क्षेत्रों में भी उगाया जा सकता है। अब धान की खेती पंजाब, हरियाणा, पश्चिमी उत्तर प्रदेश और राजस्थान में भी होने लगी है। ऐसा इसलिये संभव हो पाया है कि इन क्षेत्रों में नहरों का सघन जाल है।
गेहूँ:गेहूँ उगाने के लिए 50 से 75 सेमी की सालाना वर्षा की जरूरत होती है जिसका वितरण समान रूप से हो। पाला पड़ने से गेहूँ की फसल तबाह हो जाती है। गेहूँ के मुख्य उत्पादक क्षेत्र हैं; पश्चिम उत्तर के गंगा सतलज के मैदान और दक्कन के काली मृदा वाले क्षेत्र। गेहूँ के मुख्य उत्पादक हैं पंजाब, हरियाणा, उत्तर प्रदेश, बिहार, राजस्थान और मध्य प्रदेश के कुछ भाग।
मोटे अनाज:भारत में उगने वाले मोटे अनाज में से मुख्य हैं ज्वार, बाजरा और रागी। हालाँकि ये मोटे अनाज हैं लेकिन इनमें पोषक तत्वों की अधिक मात्रा होती है।
ज्वार:ज्वार उत्पादन के मामले में महाराष्ट्र सबसे आगे है। ज्वार की खेती कर्णाटक, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश में भी होती है। ज्वार को अक्सर आर्द्र क्षेत्रों में उगाया जाता है इसलिये इसे सिंचाई की जरूरत नहीं होती है।
बाजरा:बाजरे को बलुई और उथली काली मिट्टी में उगाया जाता है। राजस्थान बाजरे का सबसे बड़ा उत्पादक है। बाजरे की खेती उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, गुजरात और हरियाणा में भी होती है।
रागी:रागी को शुष्क प्रदेशों में लाल, काली, बलुआ दोमट और उथली काली मिट्टी में उगाया जाता है। रागी के उत्पादन में महाराष्ट्र पहले नंबर पर है जिसके बाद तमिल नाडु का स्थान है।
मक्का:मक्के का इस्तेमाल खाद्यान्न और चारे दोनों के रूप में होता है। पुरानी जलोढ़ मिट्टी में मक्के की पैदावार अच्छी होती है। मक्के की खेती के लिए 21°-27°C के बीच के तापमान की जरूरत पड़ती है। कर्णाटक, उत्तर प्रदेश, बिहार, आंध्र प्रदेश और मध्य प्रदेश मक्के के मुख्य उत्पादक हैं।
दालें:भारत विश्व में दाल का सबसे बड़ा उत्पादक होने के साथ साथ सबसे बड़ा उपभोक्ता भी है। दालों को सामन्यतया अन्य फसलों के आवर्तन में उगाया जाता है। इसका यह मतलब है कि हर दो फसल के बीच एक दाल की फसल उगाई जाती है। उत्तर प्रदेश, मध्य प्रदेश, राजस्थान और कर्णाटक दाल के मुख्य उत्पादक हैं।
गन्ना:गन्ने की फसल के लिए गर्म और आर्द्र जलवायु, 21°-27°C के बीच का तापमान और 75 cm से 100 cm की वर्षा की जरूरत होती है। गन्ने के उत्पादन में ब्राजील पहले नंबर पर है और भारत दूसरे नंबर पर। उत्तर प्रदेश, महाराष्ट्र, कर्णाटक, तमिल नाडु, आंध्र प्रदेश, बिहार, पंजाब और हरियाणा गन्ने के मुख्य उत्पादक हैं।
तिलहन:भारत तिलहन का सबसे बड़ा उत्पादक है। मूंगफली, सरसों, नारियल, तिल, सोयाबीन, अरंडी, बिनौला, अलसी और सूरजमुखी भारत के मुख्य तिलहन हैं।
मूंगफली:भारत में पैदा होने वाले तिलहनों में मूंगफली का हिस्सा 50% है। आंध्र प्रदेश मूंगफली का सबसे बड़ा उत्पादक है। इसके बाद तमिल नाडु, कर्णाटक, गुजरात और महाराष्ट्र का स्थान आता है।
मूंगफली एक खरीफ फसल है। अलसी और सरसों रबी की फसलें हैं। तिल उत्तरी भारत में खरीफ की फसल है और दक्षिण में रबी की फसल है। अरंडी को रबी और खरीफ दोनों मौसमों में उगाया जाता है।
चाय:उष्ण और उपोष्ण कटिबंधीय जलवायु चाय की फसल के लिये अच्छी होती है। इसके लिए गहरी मिट्टी और सुगम जल निकास वाले ढ़लुवा क्षेत्रों की जरूरत पड़ती है। चाय के उत्पादन में गहन श्रम की आवश्यकता होती है। असम, पश्चिम बंगाल, तमिल नाडु और केरल चाय के मुख्य उत्पादक हैं। दार्जीलिंग की पहाड़ियाँ अपनी खास चाय के लिए मशहूर हैं। भारत चाय का सबसे बड़ा उत्पादक है।
कॉफी:चाय की तरह कॉफी को भी बागानों में उगाया जाता है। भारत में सबसे पहले यमन से अरेबिका किस्म की कॉफी को उगाया गया था। शुरुआत में कॉफी को बाबा बूदन पहाड़ियों में उगाया गया था।
बागवानी फसलें:भारत में उष्ण और शीतोष्ण कटिबंधीय फलों का उत्पादन होता है। महाराष्ट्र, आंध्र प्रदेश, उत्तर प्रदेश और पश्चिम बंगाल के आम, नागपुर और चेरापुंजी के संतरे, केरल, मिजोरम, महाराष्ट्र और तमिल नाडु के केले, उत्तर प्रदेश और बिहार की लीची, मेघालय के अनन्नास, आंध्र प्रदेश और महाराष्ट्र के अंगूर, जम्मू कश्मीर और हिमाचल के सेब, नाशपाती, खूबानी और अखरोट पूरी दुनिया में मशहूर हैं।
भारत सब्जियों और फलों का सबसे बड़ा उत्पादक है। भारत में पूरे विश्व के उत्पादन की 13% सब्जियाँ पैदा होती हैं। भारत मटर, गोभी, प्याज, बंदगोभी, टमाटर, बैगन और आलू का एक मुख्य उत्पादक है।
अखाद्य फसलें
रबर: भूमध्यरेखीय क्षेत्र रबर की फसल के लिये सबसे उपयुक्त है। लेकिन उष्ण और उपोष्ण क्षेत्रों में भी रबर की खेती होती है। रबर की खेती के लिए आर्द्र और नम जलवायु की जरूरत होती है जहाँ 200 सेमी से अधिक वर्षा होती हो और 25°C से अधिक तापमान रहता हो। भारत में रबर की खेती मुख्य रूप से केरल, तमिल नाडु, कर्णाटक, अंदमान निकोबार द्वीप समूह और मेघालय की गारो पहाड़ियों में होती है। रबर के उत्पादन में भारत का विश्व में पाँचवां स्थान है।
कपास: भारत कपास का तीसरा सबसे बड़ा उत्पादक है। कपास की खेती दक्कन पठार के शुष्क भागों की काली मिट्टी में होती है। कपास की अच्छी पैदावार के लिए उच्च तापमान, हल्की वर्षा, 210 पाला रहित दिन और तेज धूप की जरूरत होती है। कपास की फसल को पकने में 6 से 8 महीने लगते हैं। महाराष्ट्र, गुजरात, मध्य प्रदेश, कर्णाटक, आंध्र प्रदेश, तमिल नाडु, हरियाणा और उत्तर प्रदेश कपास के मुख्य उत्पादक हैं।
जूट: जूट के लिए अच्छी जल निकासी वाली बाढ़ के मैदानों की उपजाऊ मिट्टी की जरूरत होती है। जूट के मुख्य उत्पादक हैं पश्चिम बंगाल, बिहार, असम, उड़ीसा और मेघालय।