उद्योग
सूती कपड़ा उद्योग
यह एक पुराना उद्योग है। 18 वीं सदी की औद्योगिक क्रांति तक सूती कपड़ा हाथों से बनाया जाता था। औद्योगिक क्रांति के बाद हथकरघे के स्थान पर पावरलूम आ गये। सूती कपड़ा उद्योग का विकास पहले ब्रिटेन में हुआ और फिर दुनिया के अन्य हिस्सो में हुआ।
आज की तारीख में भारत, चीन, जापान और संयुक्त राज्य अमेरिका सूती कपड़े के मुख्य उत्पादक हैं।
भारत का सूती कपड़ा अपनी बेहतरीन क्वालिटी और कारीगरी के कारण काफी लोकप्रिय था। लेकिन ब्रिटेन में औद्योगिक क्रांति के बाद ब्रिटेन की मिलों में बने कपड़ों का मुकाबला भारत का सूती कपड़ा नहीं कर पाया।
भारत में सूती कपड़े की पहली मिल मुम्बई में 1854 में शुरु हुई थी। मुम्बई की गर्म और नम जलवायु, पत्तन से निकटता, कच्चे माल और श्रम की उपल्धता के कारण यहाँ सूती कपड़ा उद्योग तेजी से विकसित हुआ।
शुरुआती दिनों में सूती कपड़ा उद्योग का विकास महाराष्ट्र और गुजरात में हुआ। बाद में जब कपास को कृत्रिम रूप से नम रखने की सुविधा आ गई तो अन्य भागों में भी इस उद्योग का विकास हुआ। इस उद्योग के अन्य महत्वपूर्ण केंद्र हैं कोयम्बटूर, कानपुर, चेन्नई, कोलकाता, लुधियाना, पुडुचेरी और पानीपत।
अहमदाबाद
अहमदाबाद में सूती कपड़े की पहली मिल 1859 में शुरु हुई। जल्दी ही मुम्बई के बाद अहमदाबाद सूती कपड़ा उद्योग का दूसरा बड़ा केंद्र बन गया। अहमदाबाद को भारत का मैनचेस्टर भी कहा जाता है।
अहमदाबाद के आस पास कपास की खेती वाले क्षेत्र हैं। यहाँ सड़क और रेल का सघन नेटवर्क है। यह मुम्बई के पत्तन से नजदीक है। यहाँ की जलवायु गर्म और नम है। समतल भूमि के कारण कारखाना लगाना आसान होता है। यहाँ की सघन आबादी के कारण श्रमिकों की कोई कमी नहीं है।
लेकिन आज अहमदाबाद की मिलें खराब हो रहीं हैं। नये केंद्रों के उभरने और मशीन और टेक्नॉलोजी को समय के साथ नहीं सुधारने के कारण ऐसा हुआ है।
ओसाका
ओसाका को जापान का मैनचेस्टर भी कहा जाता है। ओसाका के पास के मैदानों में कपास की खेती के लिए पर्याप्त जमीन मिल जाती है। यहाँ की जलवायु गर्म और नम है। योदो नदी से पानी मिल जाता है। श्रमिक भी आसानी से मिल जाते हैं। पत्तन से नजदीकी के कारण कच्चे माल का आयात और उत्पाद का निर्यात सुगम हो जाता है। आज की तारीख में अन्य उद्योगों ने ओसाका के सूती कपड़ा उद्योग को पीछे धकेल दिया है।
सूचना प्रौद्योगिकी
इस उद्योग का मुख्य काम है सूचना का भंडारण, परिष्करण और वितरण। कई तकनीकी, राजनैतिक और सामाजिक-आर्थिक बातों के कारण आज यह एक वैश्विक उद्योग बन चुका है। आईटी उद्योग के प्रमुख केंद्र हैं कैलिफोर्निया की सिलिकॉन वैली और भारत का बंगलोर।
बंगलोर में शिक्षा संस्थानों और आईटी संस्थानों की भरमार होने के कारण मानव संसाधन की कोई कमी नहीं है। इस शहर का वातावरण काफी अच्छा है। कर्णाटक की विभिन्न सरकारों की व्यवसाय के अनुकूल नीतियों के कारण यहाँ आईटी इंडस्ट्री फल फूल रही है।
भारत में आईटी उद्योग के अन्य महत्वपूर्ण केंद्र हैं नई दिल्ली, हैदराबाद, चेन्नई, गुड़गाँव, पुणे, तिरुवनंतपुरम, कोची और चंडीगढ़।