खनिज और शक्ति संसाधन
अफ्रीका: यह महादेश हीरा, सोना और प्लैटिनम का सबसे बड़ा उत्पादक है। दुनिया के सोने के उत्पादन के एक बड़े हिस्से का उत्पादन दक्षिण अफ्रीका, जिंबाब्वे और जैरे में होता है। अफ्रीका में ताँबा, लौह अयस्क, क्रोमियम, यूरेनियम, कोबाल्ट और बॉक्साइट भी पाए जाते हैं। नाइजीरिया, लीबिया और अंगोला में तेल पाया जाता है।
ऑस्ट्रेलिया: यह बॉक्साइट का सबसे बड़ा उत्पादक है। ऑस्ट्रेलिया सोना, हीरा, लौह अयस्क, टिन और निकेल के बड़े उत्पादकों में से एक है। पश्चिमी ऑस्ट्रेलिया के कालगूर्ली और कूलगार्डी क्षेत्रों में सोने के विशाल भंडार हैं।
अंटार्कटिका: भूगर्भशास्त्रियों ने अंटार्कटिका में विभिन्न खनिजों के भंडारों का अनुमान लगाया है। ऐसा बताया गया है कि ट्रांसअंटार्कटिक पर्वतों में कोयले के कई भंडार हैं। पूर्वी अंटार्कटिका के प्रिंस चार्ल्स माउंटेन में लौह अयस्क के होने का अनुमान है।
भारत में खनिजों का वितरण
लोहा: भारत में हाई ग्रेड के लौह अयस्क के भंडार हैं। लौह अयस्क के भंडार वाले राज्य हैं झारखंड, छत्तीसगढ़, ओडीसा, मध्य प्रदेश, गोवा, महाराष्ट्र और कर्णाटक।
बॉक्साइट: झारखंड, ओडीसा, छत्तीसगढ़, मध्य प्रदेश, गुजरात, महाराष्ट्र और तमिल नाडु में बॉक्साइट के भंडार हैं।
अभ्रक: यह खनिज मुख्य रूप से झारखंड, बिहार, आंध्र प्रदेश और राजस्थान में पाया जाता है। भारत अभ्रक का सबसे बड़ा उत्पादक और निर्यातक है।
ताँबा: यह खनिज मुख्य रूप से राजस्थान, मध्य प्रदेश, झारखंड, कर्णाटक और आंध्र प्रदेश में पाया जाता है।
मैंगनीज: यह खनिज मुख्य रूप से महाराष्ट्र, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, ओडीसा, कर्णाटक और आंध्र प्रदेश में पाया जाता है।
चूना पत्थर: बिहार, झारखंड, ओडीसा, मध्य प्रदेश, छत्तीसगढ़, राजस्थान, गुजरात और तमिल नाडु चूना पत्थर के मुख्य उत्पादक हैं।
सोना: कर्णाटक के कोलार में सोना पाया जाता है। कोलार की खानें दुनिया की सबसे गहरी खानों में से एक हैं।
नमक: समुद्र, झीलों और चट्टानों से नमक निकाला जाता है। भारत नमक के अग्रणी उत्पादकों और निर्यातकों में से एक है।
खनिजों के उपयोग
- खनिजों का इस्तेमाल कई उद्योगों में होता है, जैसे लौह इस्पात, वाहन, वायुयान, आदि।
- ताँबे से सिक्के, बिजली के तार, पाइप, आदि बनते हैं।
- एल्यूमिनियम से गाड़ियाँ और विमान बनते हैं।
- महंगी धातुओं से आभूषण बनते हैं।
- लोहे से भारी मशीन, औजार, पुल, भवन, आदि बनते हैं।
खनिजों का संरक्षण
खनिजों के बनने में हजारों वर्ष लगते हैं। लेकिन हम बहुत तेजी से खनिजों का इस्तेमाल कर रहे हैं। इसलिए खनिजों का संरक्षण जरूरी है। खनिजों के संरक्षण के तरीके नीचे दिए गए है।
- खनन के समय बरबादी को रोक कर।
- हमें अपने उपभोग को कम कर देना चाहिए ताकि खनिजों की माँग घट सके।
- पुराने सामान का सदुपयोग करने से भी खनिजों की माँग घटाई जा सकती है।
- धातुओं को कई बार रिसाइकल किया जा सकता है।